मेरा सब तू ही है....


मेरा कोई सहारा नहीं
मेरा सब तू ही है....
नफरत क्यों करता है मुझसे सारा जहां सहारा देना आपका काम है......
आपके घर आया यही मेरा कामना है
हर से चले नाम लेकर झोली मेरी खाली है  सामने ज्ञान सरोवर रुपी धारा से जोड़ना आपका काम है


मुंह माया के अजब रंग जिसपे चाहा उसको डूबाया,


पिस्ता  रहा पग-पग अब फंसी  मेरी उलझन को सुलझा कर चलाना है आपको.....
वतन के लिए बने हैं हम सब मान  मर्यादा रखना हम सभी को है
नफरत की झुको से बचा कर हिफाजत करना करतब है मेरी.......


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पिंक सिटी प्रेस क्लब में हुआ सद्भावना और भाईचारा सम्मेलन

गणतंत्र दिवस परेड में दिखेगी उत्तराखंड के साहसिक खेलों की झलक

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

वामपंथी,अम्बेडकरवादी एव जनवादी संगठनों के साझा मंच ने किया प्रदर्शन