केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने हिन्दी पखवाड़ा पुरस्कार वितरित किए


"पासवान ने कहा कि भारत की संस्कृति, परम्परा और भाषा देश की विरासत है। अंग्रेजी अंतिम भाषा है जो इस देश में आई। उन्होंने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों से हिन्दी को बढ़ावा देने और दैनिक जीवन में हिन्दी का अधिक से अधिक उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मंत्रालय में एक हिन्दी प्रकोष्ठ होना चाहिए, जो यह सुनिश्चित करे कि सभी कार्य हिन्दी में हो रहें है या इनका हिन्दी में अनुवाद किया जा रहा है"


नयी दिल्ली -केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने कृषि भवन में उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को हिन्दी पखवाड़ा पुरस्कार-2019 वितरित किए। इस अवसर पर पासवान ने कहा कि दुनिया के प्रत्येक देश की अपनी भाषा है। महात्मा गांधी और सुभाष चन्द्र बोस जैसे नेता हिन्दी भाषी नहीं थे इसके बावजूद उन्होंने हिन्दी को राष्ट्र भाषा के रूप में अपनाने का समर्थन किया। उन राजनेताओं ने महसूस किया कि भारत में हिन्दी ही एकमात्र भाषा है जो अंग्रेजी का स्थान ले सकती है, क्योंकि यह सबसे अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है और इसे आसानी से समझा भी जा सकता है।   


उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव अविनाश के.श्रीवास्तव ने सभी विजेताओं को बधाई दी और सरकारी कार्यों में हिन्दी के महत्व के बारे में बताया। यह गर्व का विषय है कि हिन्दी पखवाड़ा के दौरान प्रतिभागियों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है।


इस अवसर पर पासवान ने यशपाल शर्मा द्वारा रचित कविता संग्रह 'बेटियां' को जारी किया। यशपाल शर्मा उपभोक्ता मामले विभाग में राजभाषा प्रभाग के संयुक्त निदेशक हैं।


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