नाटक ~ "ये रिश्ता" का सफल मंचन
नई दिल्ली अभिकल्प के तत्वाधान मे नाटक "ये रिश्ता" का लोक कला मंच के सभागार नई दिल्ली मे सफलता पुर्वक मंचन किया गया। मुंशी प्रेमचंद की कहानी भूत पर आधारित इस नाटक मे मानवीय रिश्तो की मर्यादा को बनाए रखने पर ताना बाना बुना गया है।
अपने शसक्त अभिनय से कलाकारों ने नाटक को जीवन्त बना दिया। नाटक मे दर्शाया गया है कि वकील सीता नाथ को चार बेटे है और बेटी न होने का ग़म है। बेटी की कमी को पुरा करने के इरादे से वो अपनी चार साल की छोटी सी साली को ही बेटी करके पालने का निश्चय करता है और उसे बहुत प्यार से पालता भी है किंतु समय बीतने के साथ और उसकी पत्नी के देहांत के बाद वकील साहब की नियत मे फर्क आ जाता है वो लड़की भी अब जवान हो गई थी वकील साहब अब उसी लड़की से शादी कर लेते है जिसे कभी वो इस घर मे बेटी बना कर लाये थे।
यहाँ रिश्तों मे अनर्थ महान लेखक मुंशी प्रेमचंद भी कैसे होने देते। वकील साहब की पत्नी की आत्मा उसे झंझोर कर रख देती है और उसे अपनी गलती का अहसास होता है। बाबू भाई, बंसी धमेजा रानी भम्भानी, गिरीश चावला , योगीता वासवानी तथा कविता आनंद ने मंच पर अपनी अदाकारी के जौहर दिखाए । मंच के पीछे संध्या तथा कमल भम्भानी ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई । नाटक का निर्देशन दीपक गुरनानी ने किया था
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