ऊबर ने 50,000 ड्राईवर पार्टनर्स को जेंडर-बेस्ड हिंसा के बारे में जागरुक किया
नयी दिल्ली / उद्योग में सुरक्षा के सर्वोच्च मापदंड स्थापित करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत, दुनिया की सबसे बड़ी ऑन-डिमांड राईड-शेयरिंग कंपनी, ऊबर ने दिल्ली स्थित एनजीओ मानस फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है। यह एनजीओ मैंटल हेल्थ, जेंडर ईक्विटी व न्याय के क्षेत्र में पिछले 15 सालों से काम कर रही है। इस एनजीओ के साथ साझेदारी में ऊबर ने इस साल आठ शहरों में 50,000 से ज्यादा ड्राईवर पार्टनर्स के लिए जेंडर सेंसिटाईज़ेशन वर्कशॉप का आयोजन किया गया हैं, जिनमें 14000 से ज्यादा ड्राईवर पार्टनर दिल्ली में हैं।
'इंटरनेशनल डे फॉर द एलिमिनेशन ऑफ वॉयलेंस अगेंस्ट वूमैन' के मौके पर जेंडर-बेस्ड हिंसा के खिलाफ 16 दिनों की एक्टिविज़्म शुरू हुई। ऊबर ने इस कार्यक्रम का प्रसार करने का संकल्प लिया है, जिसे काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा ड्राईवर पार्टनर्स को इस अभियान का एक्सपोज़र प्रदान करना है।
ऊबर का मानना है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा सारे देश की विस्तृत समस्या है। इस समस्या का समाधान सहयोगात्मक दृष्टिकोण से करने की जरूरत है। ऊबर ऐप का उपयोग करने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा में योगदान देने वाली टेक्नॉलॉजी का निरंतर विकास करने के अलावा ऊबर पिछले साल से मानस फाउंडेशन के साथ साझेदारी करता आ रहा है। इस साझेदारी के तहत ड्राईवर पार्टनर्स के लिए सत्र कस्टमाईज़ किए जाते हैं और सुनिश्चित किया जाता है कि वो महिला राईडर्स की जरूरतों के प्रति विनम्र व सावधान रहें।
ऊबर की जेंडर सेंसिटाईज़ेशन वर्कशॉप्स प्रतिदिन दिल्ली, पुणे, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, गुवाहाटी, बैंगलोर और चेन्नई में आयोजित होती हैं। इनमें मानस फाउंडेशन के ट्रेनर्स द्वारा ड्राईवर पार्टनर्स के लिए इन-पर्सन मॉड्यूल होते हैं। इन वर्कशॉप्स में उपयोगी विषयों को शामिल किया गया है। इन विषयों में शामिल हैं - महिलाओं के प्रति हिंसा एवं उन पर इसका प्रभाव, जेंडर एवं हावी होती जेंडर की भूमिकाएं, इन समस्याओं के समाधान में ड्राईवर पार्टनर्स की भूमिका; महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने के लिए उनका प्रोफेशनल व्यवहार, समाधान का हिस्सा बनने के लिए सामाजिक प्रतिबद्धता एवं इसके कानूनी परिणाम।
पवन वैश - हेड ऑफ ऑपरेशंस, इंडिया एवं साउथ एशिया ने कहा,''ऊबर पर हम सुरक्षित राईड्स के लिए टेक्नॉलॉजी की परिवर्तनकारी सामर्थ्य में यकीन रखते हैं, लेकिन साथ ही हम यह भी जानते हैं कि जेंडर बेस्ड हिंसा को कम करने के लिए हमें विविध सेक्टरों में काम करना होगा। हमारा उद्देश्य महिलाओं के लिए सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करना है, ताकि उन्हें उपलब्ध विकल्प एवं अवसरों में वृद्धि हो। हमें खुशी है कि हमारा जेंडर सेंसिटाईज़ेशन अभियान हमारे ड्राईवर पार्टनर्स को काफी पसंद आया और वो अपनी कार के अंदर अपने सर्टिफिकेट बहुत गर्व के साथ दिखाते हैं।'' मानस फाउंडेशन की को-फाउंडर, मोनिका कुमार ने कहा, ''दुनिया में 3 में से लगभग 1 महिला अपनी जिंदगी में कभी न कभी शारीरिक या यौन हिंसा से पीड़ित हुई है। हम जानते हैं कि इस वैश्विक महामारी के समाधान में हर व्यक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह समस्या दुनिया में हर जेंडर और समुदाय को प्रभावित करती है, जिसमें ऊबर समुदाय भी शामिल है। हम ऊबर के साथ यह विशिष्ट कार्यक्रम स्केल अप करने के लिए बहुत उत्साहित हैं ताकि पुरुष अपनी महिला यात्रियों की सुरक्षा का दायित्व सम्भालने में संलग्न हों। इस प्रशिक्षण में बताया जाता है कि यौन एवं स्ट्रीट हारासमैंट क्या है। यात्रियों व अपने परिवार की महिलाओं के प्रति व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए इस मामले की समझ बहुत जरूरी है।''
ऊबर ने अनेक इनोवेटिव खूबियां प्रस्तुत की हैं, जिनमें राईडर्स की गोपनीयता सुरक्षित रखने के लिए कॉल एनोनिमाईज़ेशन; ड्राईवर्स का विस्तृत बैकग्राउंड चेक; बोर्डिंग से पूर्व आपकी राईड चेक करने का रिमाईंडर, मन की शांति के लिए शेयर ट्रिप, यात्रा के दौरान किसी आकस्मिक सहायता के लिए 24/7 सेफ्टी हैल्पलाईन तथा राईडर्स के लिए बीमा शामिल है ऊबर मोबिलिटी के परिवर्तित भविष्य की कल्पना करता है, जो हर किसी का सम्मान करता है और सुनिश्चित करता है कि सभी को भरोसेमंद एवं एक्सेसिबल राईड एक बटन के पुश पर उपलब्ध रहे।
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