प्राइवेट लेबल के माध्यम से एफडीआई नीति का उल्लंघन


नयी दिल्ली / अमेज़ॅन ने अपने पसंदीदा उत्पादों और ब्रांडों का पक्ष लेने के लिए अपने पोर्टल पर सर्च सिस्टम को बदल दिया जिसके कारण कोई भी वास्तु खोजने पर अमेज़न के पसंदीदा विक्रेताओं का नाम पहले आता है ! अमेज़ॅन की बिक्री का 4% इसके निजी लेबल से आता है और यह एक उच्च-मात्रा, उच्च मार्जिन वाला व्यवसाय है जो अपनी सोर्सिंग ताकत और ग्राहक खरीद डेटा संकलन से अमेज़न को मनमानी करने का रास्ता देता है !चूंकि लॉजिस्टिक्स और डिस्ट्रीब्यूशन अमेज़न द्वारा प्रमुख रूप अपने पसंदीदा विक्रेता क्लाउडटेल और अप्पेरियो द्वारा नियंत्रित किया


कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल को एक पत्र भेजकर हाल ही में केन द्वारा जारी एक मीडिया स्टोरी की ओर ध्यान दिलाया है जिसमें बहुत ही स्पष्ट तरीके से अमेज़न द्वारा एफडीआई पालिसी का घोर उल्लंघन करते हुए प्राइवेट लेबल के सामान की बिक्री किये जाने का सत्य सामने लाया गया है ! कैट ने कहा है की उपरोक्त मीडिया स्टोरी कैट द्वारा अमेज़न और फ्लिपकार्ट के एफडीआई पालिसी के उल्लंघन के आरोप की पुष्टि करती है जिससे न केवल सरकार को चकमा दिया जा रहा है बल्कि भारत के घरेलू व्यापार को बहुत नुकसान हो रहा है तथा सरकार को भारी जीएसटी और आयकर राजस्व का नुकसान हो रहा है 


कैट ने कहा कि अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों का व्यवसाय मॉडल सरकार की नाक के ठीक नीचे एफडीआई नीति की हत्या से कम नहीं है और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर पियूष गोयल द्वारा बार बार दिए गए बयानों  कि किसी भी हालत में लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना और भारी डिस्काउंट देना स्वीकार नहीं होगा और ई कामर्स पर सरकार के स्पष्ट रुख को नजरअंदाज करते हुए ये कंपनियां अभी भी लागत से कम मूल्य और भारी डिस्काउंट पर सामान बेच रही हैं औरनिजी लेबल के माध्यम से  ई कामर्स बाज़ार ही नहीं बल्कि रिटेल बाजार पर अपना प्रभुत्व बनाने में लगी हुई हैं !


हालांकि इस मामले पर आपके द्वारा तत्काल संज्ञान लेने और मंत्रालय के अधिकारियों को हमारे द्वारा दायर शिकायतों पर गौर करने के लिए कड़े निर्देश दिए गए किन्तु दो महीने से अधिक हो गए हैं लेकिन अभी तक इन कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है जो उन्हें अपने अनैतिक और अनुचित व्यवसाय प्रथाओं के साथ जारी रखने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं और व्यापारियों के लिए अनिश्चितता और व्यापार के नुकसान का माहौल पैदा कर रही हैं।


कैट ने कहा की केन की मीडिया स्टोरी  से पता चलता है कि अमेजन एफडीआई नीति के पूर्ण उल्लंघन में अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए निजी लेबल के माध्यम से किस प्रकार इन्वेंट्री नियंत्रण कर रही हैं ! अमेज़न अपने  विक्रेताओं को अनन्य टाई-अप से रोकती हैं, माल के बिक्री मूल्य को प्रभावित करती हैं, और इक्विटी भागीदारी और इन्वेंट्री नियंत्रण के चलते ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं पर नियंत्रण रखती है । इसके अलावा, अमेज़न एक  ग्लोबल एक्सेलेरेटर प्रोग्राम चला रही है  जिसमें विक्रेताओं को कमीशन के अलावा मार्केटिंग के लिए अमेज़न को शुल्क का भुगतान करना जरूरी है वहीँ दूसरी ओर अमेज़ॅन अपने बाज़ार सेवाओं के लिए विज्ञापन शुल्क ब्रांडों और  विक्रेताओं से ले रहा है।


आश्चर्यजनक रूप से, अमेज़ॅन केवल 10,000 डॉलर का भुगतान करके किसी भी समय ब्रांड खरीदने का अधिकार रखता है। इसके अतिरिक्त, यदि विक्रेता एक्सक्लूसिविटी का  उल्लंघन करता है तो उसे अमेज़न को 6.5 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। इसके अलावा, ब्रांड के लिए यह भी प्रावधान है कि वह किसी भी विज्ञापन और कमीशन के अतिरिक्त प्रति माह अमेज़न को अपनी सकल बिक्री का 7% का भुगतान करेगा ! अधिक से अधिक लाभ हड़पने के अपने प्रयास में अमेज़न अक्सर थर्ड-पार्टी विक्रेताओं के साथ अपने प्राइवेट लेबल को लेकर प्रतिस्पर्धा कर रहा है जो ऑनलाइन विक्रेताओं के साथ अन्याय है !


 


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