"भारतीय संस्कृति पोर्टल" भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की जानकारी देता है
नयी दिल्ली - सिंधु घाटी सभ्यता की खिलौना गाड़ियों से लेकर महात्मा गांधी के चरखे तक, भारतीय संस्कृति शास्त्रों और डेक्कन कोर्ट के चित्रकारों की चालाकी को शब्दों में पिरोती है। पोर्टल पर सामग्री एकत्र करने और दिखाने की प्रक्रिया जारी है और समय के साथ प्रस्तुत जानकारी की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ायी जाएगी। पोर्टल एक रिपॉजिटरी से अधिक है। यह भारतीय संस्कृतियों के मिलन के गर्व की परिणति है, जो पांच हजार से अधिक वर्षों से सह-अस्तित्व में है और समृद्ध है।
पोर्टल पर उपलब्ध सामग्री में मुख्य रूप से दुर्लभ पुस्तकें, ई-पुस्तकें, पांडुलिपियां, संग्रहालय की कलाकृतियों, आभासी दीर्घाओं, अभिलेखागार, फोटो अभिलेखागार, गजेटियर, भारतीय राष्ट्रीय ग्रंथ सूची, वीडियो, चित्र, व्यंजन, यूनेस्को, भारत के संगीत उपकरण शामिल हैं। संस्कृति मंत्रालय विभिन्न संगठनों से डेटा संग्रह की सुविधा के लिए सक्रिय रूप से शामिल है। पोर्टल की अनूठी विशेषताओं में कहानियां है, जो मूल अभिलेखीय दस्तावेजों के आधार पर दिलचस्प, पढ़ने और समझने में आसान प्रारूप में वर्णित हैं। पोर्टल में भारत के विभिन्न राज्यों के व्यंजनों, त्योहारों, चित्रों, लोक कला और शास्त्रीय कला पर लेखन और सुंदर चित्र भी हैं। हमारी सांस्कृतिक विरासत पर दुर्लभ पुस्तकों, पांडुलिपियों और शोध पत्रों के बारे में समृद्ध जानकारी भी इस पोर्टल पर उपलब्ध है। पोर्टल पर सामग्री अंग्रेजी और हिंदी भाषा में एक इंटरैक्टिव, उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस में उपलब्ध है। यह पोर्टल भविष्य में अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध होगा। भारतीय संस्कृति पोर्टल का बड़ा उद्देश्य नागरिकों में हमारे देश की विविध विरासत के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने भारतीय संस्कृति वेब पोर्टल का शुभारंभ किया। भारतीय संस्कृति पोर्टल की परिकल्पना संस्कृति मंत्रालय द्वारा की गई थी और इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बॉम्बे की एक टीम द्वारा विकसित किया गया था, जबकि डेटा का क्यूरेशन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (आईजीएनओयू) द्वारा किया गया है। इस अवसर पर संस्कृति सचिव अरुण गोयल, एएसआई की महानिदेशक उषा शर्मा और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। भारतीय संस्कृति पोर्टल पहला सरकारी अधिकृत पोर्टल है जहाँ संस्कृति मंत्रालय के विभिन्न संगठनों के ज्ञान और सांस्कृतिक संसाधन अब एक ही मंच पर सार्वजनिक क्षेत्र में उपलब्ध हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया पहल का हिस्सा है, जो देश और विदेश दोनों में भारत की समृद्ध मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की जानकारी देता है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व के सबसे विविध देशों में से एक है। हमारे पास एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है लेकिन दुर्भाग्यवश हम इस विरासत का केवल 10 प्रतिशत ही विश्व को दिखा पाए हैं। यह पोर्टल देश भर में अभिलेखागार, संग्रहालयों, अकादमियों और पुस्तकालयों से दस्तावेजों, छवियों, ऑडियो-वीडियो फ़ाइलों और अन्य डेटा को होस्ट करता है। इस पोर्टल पर वर्तमान में 90 लाख से अधिक वस्तुओं के बारे में जानकारी उपलब्ध है।
टिप्पणियाँ