ब्रह्मकुमारी सही मायने में सामाजिक परिवर्तन के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण कर रही हैं-राष्ट्रपति
माउंट आबू - राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा एक बहुत गंभीर मुद्दा है। इस बारे में बहुत काम किया गया है लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। लड़कियों पर आसुरी हमलों की घटनाएं देश की अंतरात्मा को झकझोर देती हैं। प्रत्येक माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वह लड़कों में महिलाओं के प्रति सम्मान की भावनाओं का समावेश करे। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद माउंट आबू, राजस्थान में ब्रह्मकुमारी के मुख्यालय में 'सामाजिक परिवर्तन के लिए महिलाओं के सशक्तिकरण' पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए और उसे संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन का विषय बहुत प्रासंगिक है। ब्रह्मकुमारी सही मायने में सामाजिक परिवर्तन के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण कर रही हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि समानता और सद्भाव पर आधारित समाज का निर्माण केवल महिलाओं को सशक्त बनाने से ही संभव है। अध्यात्म पर आधारित व्यक्तिगत परिवर्तन द्वारा मानवता के नव-निर्माण में संलग्न यह संस्थान आज विश्व-पटल पर प्रभावी भूमिका निभा रहा है। इसलिए, शांतिवन परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में आकर मुझे अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। हजारों की संख्या में यहाँ उपस्थित राजयोगिनी महिलाओं का यह समूह पूरे विश्व के लिए महिला-नेतृत्व की मिसाल है। लगभग 80 वर्ष पूर्व, इस ईश्वरीय संस्था को आरंभ करने वाले दादा लेखराज जी, जो ब्रह्मा बाबा के नाम से सम्मानित हैं, पहले एक सफल उद्यमी थे जिनका हीरे-जवाहरात का व्यापार था। जौहरी हीरों का पारखी होता है। वह अनगढ़ पत्थरों को तराश-तराश कर चमकदार हीरों का रूप देता है। मैं समझता हूँ कि ब्रह्मा बाबा ने आजीवन इन्सानों को तराशने का काम किया। आज यहाँ, आप सभी ब्रह्माकुमारियों के रूप में, प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की सोच से तराशे हुए हजारों महिला-रत्न उपस्थित हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि104 वर्ष की दादी जानकी का आशीर्वाद आपके संस्थान को और पूरे समाज को मिलता रहा है। मुझे याद है कि पिछले साल सितंबर के महीने में आपका आमंत्रण लेकर बी.के. आशा बहन और बी.के. बृजमोहन जी अपने साथियों सहित मुझसे मिले थे। उन्होंने बताया था कि दादी जानकी आमंत्रण देने स्वयं आना चाहती थीं। इस पर मैंने उनसे कहा कि दादी से मिलने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए मैं खुद ही यहाँ आऊँगा। आज उनका आशीर्वाद मुझे प्राप्त हुआ है। दादी का पूरा जीवन ईश्वरीय सत्ता के निमित्त के रूप में मानवता की सेवा के प्रति समर्पित रहा है। यह उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत के राष्ट्रीय अभियान में दादी जानकी 'स्वच्छता एम्बेसडर' रही हैं। मुझे बताया गया है कि सुदीर्घ आयु की अन्य राजयोगिनी बहनें भी आप सबका मार्गदर्शन कर रही हैं। यह राजयोग की प्रभावी पद्धति का प्रमाण भी है और आपकी संस्था का सौभाग्य भी।
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे बी. के. शिवानी को इसी वर्ष राष्ट्रपति भवन में 'नारी शक्ति पुरस्कार' से सम्मानित करने का अवसर मिला। कभी-कभी मुझे टीवी पर उनका कार्यक्रम देखने का अवसर मिल जाता है। मैंने उस कार्यक्रम में, इंसान के सामान्य व्यवहार के दौरान उपजे मनोभाव का बड़ी बारीकी से विश्लेषण करने की योग्यता इस बेटी में देखी है।
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