एचसीएल फाउंडेशन ने एचसीएल ग्रांट के विजेताओं की घोषणा की

नोएडा - एचसीएल टेक्नोलॉजीज की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) शाखा एचसीएल फाउंडेशन (एचसीएलएफ) ने क्रिकेट के महान खिलाड़ी, भारतीय क्रिकेट टीम के भूतपूर्व कप्तान और पद्म भूषण कपिल देव की उपस्थिति में एचसीएल ग्रांट के पाँचवे संस्करण के प्राप्तिकर्ताओं की घोषणा की। इस कार्यक्रम मे समाजिक कार्य से सम्बन्धित शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा और पर्यावरण श्रेणियों के तीन विजेता एनजीओ को कपिल देव ने पुरस्कृत किया। प्रत्येक विजेता को 5 करोड़ रू. (2.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का अनुदान मिला। 



इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे भारत के जाने माने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर कपिल देव के साथ एचसीएल के संस्थापक एवं चेयरमैन शिव नाडर, एचसीएल टेक्नोलॉजीज की वाइस चेयरपर्सन और उसकी सीएसआर कमिटी की चेयरपर्सन सुश्री रोशनी नाडर मल्होत्रा और एचसीएल के मुख्य वित्तीय अधिकारी प्रतीक अग्रवाल के अलावा वरिष्ठ महानुभाव, अधिकारी, एनजीओ-भागीदार और एचसीएल का नेतृत्व दल उपस्थित हुए। 
एचसीएल ग्रांट भारत की सबसे बड़ी और सबसे प्रतिष्ठित संस्थागत सीएसआर ग्रांट्स में से एक है, जिसका लक्ष्य फिफ्थ एस्टेट- गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के उद्भव को सम्मानित करना और देश के ग्रामीण समुदायों तक पहुँचने वाली उनकी परियोजनाओं को सहयोग देना है।  एचसीएल ग्रांट 2020 में शिक्षा, स्वास्थ्यरक्षा और पर्यावरण पर काम करने वाले एनजीओ में से प्रत्येक को 5 करोड़ रू. का अनुदान मिला। तीन श्रेणियों के शेष छह फाइनलिस्ट्स में से प्रत्येक को 25 लाख रू. मिले, इस प्रकार कुल अनुदान 16.5 करोड़ रू. रहा।. फाइनलिस्ट्स और विजेताओं को चयन एक प्रबुद्ध निर्णायक मंडल ने किया.  जिसकी अध्यक्षता सुश्री रॉबिन अबराम्स ने की, जो एचसीएल टेक्नोलॉजीज में मेम्बर ऑफ द बोर्ड हैं   एचसीएल ग्रांट 2020 के प्राप्तिकर्ताओं का वर्णन अलग शीट में दिया गया है।


आयोजन में दर्शकों को सम्बोधित करते हुए कपिल देव ने कहा, ‘‘समाज के हर स्तर से आने वाले लोगों को समान अवसर देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण भारत के विकास लक्ष्यों के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में शामिल हैं और यह एनजीओ ग्रामीण समुदायों पर जो प्रभाव छोड़ रहे हैं, उससे मैं बहुत प्रभावित हूँ। पहचान की प्रक्रिया की ऐसी मजबूती भी मैंने पहले कभी नहीं देखी। मैं एचसीएल, विजेताओं और फाइनलिस्ट्स को उनके क्षेत्रों में उनके द्वारा किये गये अभूतपूर्व कार्य के लिये बधाई देता हूँ।’’


एचसीएल ग्रांट की शुरूआत साल 2015 में हुई थी और विगत वर्षों में इससे सहयोग प्राप्त एनजीओ ने जमीनी स्तर की मजबूती और स्थायी विकास के लिये उत्कृष्ट कार्य किया है। वर्तमान के अनुदान से इतर, एचसीएल ग्रांट ने 51.5 करोड़ रू. (7.4 मिलियन रू.) दिये हैं, जिससे लगभग 500,000  लोगों को लाभ हुआ है और इससे सहयोग प्राप्त परियोजनाओं का लक्ष्य देश के 13 राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश के 7500 गांवों के लगभग एक मिलियन लोगों को कवर करना है।  एचसीएल टेक्नोलॉजीज की वाइस-चेयरपर्सन और एचसीएल टेक्नोलॉजीज की सीएसआर कमिटी की चेयरपर्सन सुश्री रोशनी नाडर मल्होत्रा ने कहा, ‘‘एचसीएल फाउंडेशन सामाजिक विकास के लिये यह कहते हुए मुझे गर्व है कि आज एचसीएल ग्रांट के पार्टनर एनजीओ ने लाभार्थियों के जीवन को प्रभावित किया है.  


इस अवसर पर, एचसीएल फाउंडेशन की निदेशक सुश्री निधि पुंढीर ने कहा, ‘‘यह साल हमारे लिये बहुत खास है, क्योंकि बदलाव लाने के लिये प्रतिबद्ध एनजीओ को आधा दशक हो चुका है। यह वार्षिक एचसीएल ग्रांट इवेंट अपनी सामाजिक विकास परियोजनाओं के माध्यम से अधिकतम प्रभाव उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं। देश के सभी  विजेता एनजीओ को मैं हृदय से बधाई देती हूँ, जिन्होंने प्रभावी सकारात्मक बदलाव की युक्तियों को सहयोग देने का अवसर दिया।’’ इस कार्यक्रम के दौरान, एचसीएल फाउंडेशन ने पिछले वर्ष के फाइनलिस्ट्स और विजेता एनजीओ का संक्षिप्त वर्णन भी जारी किया, जिसका शीर्षक था- ‘‘फिफ्थ एस्टेट- एनजीओ ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया इन एनवायरनमेन्ट, हेल्थ एंड एज्युकेशन’’।


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