लॉकडाउन से नहीं होगा पढ़ाई का नुकसान


नयी दिल्ली : पूरे भारत में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने पूरे भारत में लॉकडाउन लागू किया गया है। नतीजतन, स्कूल बंद हैं, शैक्षणिक गतिविधियों निलंबित हैं और ऑनलाइन क्लास के प्लेटफार्म अपर्याप्त होने से शिक्षा क्षेत्र में बहुत नुकसान हो रहा है। इस परिस्थिति को देखते हुए भारत के प्रमुख एजुकेशन सॉल्युशन प्रोवाइडर नेक्स्ट एजुकेशन इंडिया प्रा. लि. ने स्कूलों की मदद के लिए कदम आगे बढ़ाया है ताकि वे नेक्स्ट लर्निंग प्लेटफॉर्म के जरिये बिना किसी दिक्कत के रिमोट लर्निंग और शैक्षणिक गतिविधियां संचालित कर सकें। यह प्लेटफार्म एक स्कूल-इन-अ-बॉक्स सॉल्युशन/समग्र सॉल्युशन है जिससे स्कूलों को ऑफलाइन से ऑनलाइन लर्निंग में शिफ्ट होने में मदद मिल रही है।


नेक्स्ट एजुकेशन शैक्षणिक गतिविधियों और के-12 लर्निंग माहौल को अधिक इंटरेक्टिव, क्रिएटिव और एंगेजिंग बनाने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए इंटिग्रेटेड लर्निंग प्लेटफार्म नेक्स्ट लर्निंग प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहा है। इसमें नेक्स्टईआरपी, नेक्स्टएलएमएस जैसे फीचर हैं, जिनमें लाइव लेक्चर्स, नेक्स्टअसेसमेंट, स्थानीय व प्रमुख राज्यों के शिक्षा बोर्डों की अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं में सामग्री भी उपलब्ध है।


कोविड-19 के मद्देनजर और यह सुनिश्चित करने के लिए कि शैक्षणिक गतिविधियों में व्यवधान न आएं, नेक्स्ट एजुकेशन 30 अप्रैल, 2020 तक अपने पार्टनर स्कूलों को नेक्स्ट लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म की सदस्यता मुफ्त प्रदान कर रहा है।


निरंतर सिखाने और बिना किसी बाधा के शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन की सुविधा प्रदान करने पर जोर देने के साथ ही देश में शैक्षणिक संस्थानों के लिए ऑनलाइन लर्निंग सॉल्युशन अपनाना आवश्यक हो गया है। नेक्स्ट लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म स्कूलों की गतिविधियों और संचार के प्रबंधन के लिए नेक्स्टईआरपी उपलब्ध करता है; लेसन प्लान बनाने, असाइन करने और होमवर्क ट्रैक करने और लाइव लेक्चर आयोजित करने के लिए नेक्स्ट एलएमएस शिक्षकों को सक्षम बनाता है। लाइव लेक्चर के माध्यम से शिक्षक इंटरनेट की मदद से एक वर्चुअल क्लास विकसित करते हैं और बहुत दूर बैठकर भी छात्रों को पढ़ा पाते हैं। छात्र रिकॉर्ड किए गए सत्रों को जितनी बार चाहे, देख सकते हैं। सत्रों के बारे में वास्तविक समय में सूचनाएं भी प्रदान कर सकते हैं। 


शिक्षक छात्रों के संदेह दूर करने के लिए लाइव ऑनलाइन डाउट सेशंस भी ले सकते हैं। नेक्स्टअसाइनमेंट एक शक्तिशाली साधन है जो शिक्षकों को ऑटोमेटिक असेसमेंट जनरेटर का उपयोग कर असेसमेंट करने, एडॉप्टिव टेस्ट असाइन करने और छात्रों को व्यक्तिगत स्तर पर फीडबैक देने की अनुमति देता है। हमारी पुरस्कार विजेता डिजिटल सामग्री नेक्स्टकरिकुलम और टीचनेक्स्ट सामग्री से अलाइन है। डिजिटल सामग्री आईसीएसई, सीबीएसई, आईजीसीएसई और 29 राज्य बोर्डों के लिए 7 विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध है।


शिक्षा में आ रही बाधाओं को दूर करने पर नेक्स्ट एजुकेशन के सीईओ और सह-संस्थापक ब्यास देव राल्हन ने कहा, “नेक्स्ट लर्निंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से हमारा मिशन स्कूलों को सही दिशा में कदम आगे बढ़ाने में सक्षम बनाना है ताकि कोविड-19 का लॉकडाउन शैक्षणिक गतिविधियों में बाधा न बन सके। हमारा 'स्कूल-इन-द-बॉक्स' प्लेटफ़ॉर्म स्कूलों को नेक्स्टईआरपी, नेक्स्टएलएमएस, लाइव लेक्चर, ऑनलाइन क्लासेस जैसे और भी साधनों के जरिये वर्चुअल स्कूल चलाने की अनुमति देता है।" राल्हन ने यह भी कहा कि, “बिना किसी व्यवधान के शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन सुनिश्चित करने पर जोर देने के साथ ही देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों को ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म अपनाने की आवश्यकता है। लाइव लेक्चर वास्तविक कक्षा का माहौल बनाता है, जिससे छात्रों में सीखने और उपस्थित रहने के प्रति उत्साह और रुचि पैदा होती है।"


देश भर के विभिन्न स्कूल शैक्षणिक कार्यों की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न साधनों का उपयोग कर रहे हैं। आरपीएस इंटरनेशनल स्कूल, गुड़गांव की प्रिंसिपल डॉ. रूपा मारवाह भल्ला ने कहा कि “लॉकडाउन में कक्षाएं संचालित करने का एकमात्र जरिया लाइव लेक्चर है। हम आशा करते हैं कि कम से कम 60% छात्र इसका लाभ उठाना शुरू कर देंगे। यदि माता-पिता गंभीरता से लेते हैं, तो हम इसे 100% सफल बना सकते हैं। ऑफलाइन से ऑनलाइन लर्निंग के इस बदलाव से स्कूलों को काफी हद तक मदद मिलेगी। ”


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