क्लीन एयर प्लान पर ठोस अमल को सर्वोच्च प्राथमिकता दे यूपी सरकार

लखनऊ : सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) और कौंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) के द्वारा आज संयुक्त रूप से "उत्तर प्रदेश में क्लीन एयर एक्शन प्लान की वर्तमान स्थिति और भावी दिशा" पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश (यूपी) के अलग-अलग हिस्सों से स्वच्छ पर्यावरण और स्वच्छ हवा पर काम करने वाले 80 से ज्यादा नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.



इस वेबिनार का उद्देश्य नेशनल क्लीन एयर एक्शन प्लान के तहत 'नॉन अटेनमेंट सिटीज' में आने वाले यूपी के 15 शहरों के लिए क्लीन एयर एक्शन प्लान के क्रियान्यवन में दिख रही त्रुटियों को उजागर करना और साथ ही राज्य भर में इस योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने पर पर सुझाव देना था.


वेबिनार में शामिल ये सिविल सोसाइटी संगठन "क्लीन एयर इम्प्लीमेंटेशन नेटवर्क-यूपी (कैन-यूपी)" का हिस्सा थे, जो सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट की एक पहल है. इसके तहत ये संगठन नागरिकों के प्रतिनिधि के रूप में स्वच्छ आबोहवा को सुनिश्चित करने के लिए आवाज़ उठाते रहे हैं. कैन-यूपी के एक सदस्य और सेंटर फ़ॉर सोशल रेस्पोंसिबिलिटी ट्रस्ट (लखनऊ) के संस्थापक श्री राकेश कुमार भट्ट ने क्लीन एयर प्लान के क्रियान्यवन में नागरिक संगठनों के सरोकारों को भी शामिल करने पर ज़ोर देते हुए कहा कि "ज़मीनी स्तर पर योजना एवं क्रियान्यवन संबंधी गड़बड़ियों व कमियों की बेहतर समझ रखने के अलावा एनफोर्समेंट एजेंसियों की ज़िम्मेदारी एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने में सिविल सोसाइटी संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका है. हम नागरिक अपील करते हैं कि राज्य सरकार ठोस तरीके से इन क्लीन एयर एक्शन प्लान का क्रियान्वयन करे.”


नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चिन्हित 122 नॉन अटेनमेंट शहरों, जिनमें यूपी के 15 शहर लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, गाज़ियाबाद, नोएडा, खुर्जा, फ़िरोज़ाबाद, अनपरा, गजरौला, झांसी, मुरादाबाद, रायबरेली, बरेली और प्रयागराज शामिल हैं, के लिए सिटी क्लीन एयर मैनेजमेंट प्लान बनाया गया है. गत मार्च, 2019 में उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीएसपीसीबी) द्वारा तैयार किए गए सिटी प्लान को अप्रैल 2019 से लागू करने हेतु संबद्ध विभागों को निर्देशित किया गया है. हालांकि अभी तक प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित नहीं किया जा सका है.  


देश के 102 शहरों के लिए बने क्लीन एयर प्लान पर सीईईडब्ल्यू द्वारा किये गए एक इवैल्यूएशन स्टडी के परिणामों पर चर्चा करते हुए तनुश्री गांगुली, प्रोग्राम एसोसिएट, सीईईडब्ल्यू ने कहा कि “हमने अध्ययन में पाया कि यूपी में स्वच्छ हवा के लिए इन सिटी प्लान्स में हरेक शहर विशेष की परिस्थिति और उसकी चुनौतियों को ध्यान में रखने के बज़ाए प्रचलित मिटिगेशन उपायों को शामिल कर दिया गया है. स्वच्छ हवा से सम्बंधित लोकतांत्रिक मांगों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को हरेक शहर में एयर क्वालिटी के निरीक्षण पर ज़ोर देने, शहरों में प्रदूषण स्रोतों के फैलाव की जांच करने और औद्योगिक उत्सर्जन के मापदंडों पर ध्यान देने की ज़रूरत है. साथ ही एक ऐसा परिवेश बनाया जाये, जहाँ नागरिकों द्वारा इन नियमों के उल्लंघन पर नज़र रखने और अपनी आवाज समुचित प्राधिकार के समक्ष रखने को बढ़ावा दिया जा सके.” 


इस अवसर पर सुश्री अंकिता ज्योति, सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर, सीड ने कहा कि "कैन-यूपी शुरू से ही क्लीन एयर एक्शन प्लान के क्रियान्वयन के एजेंडे पर काम करते हुए एक सहयोगी की भूमिका निभा रहा है. यह नेटवर्क यूपी सरकार और संबद्ध एजेंसियों को टेक्निकल और नॉलेज सपोर्ट देने के लिए हमेशा तत्पर है. साथ ही यह नॉन-अटेनमेंट सिटीज की सूची से बाहर रख दिए गए शहरों, जहाँ भयावह प्रदूषण हैं और जिससे स्थानीय स्तर पर हेल्थ इमरजेंसी की स्थिति पैदा हो गई है, में भी सिटी एक्शन प्लान बनाने और उनके ठोस क्रियान्वयन पर जोर देगा और इसमें अपनी सार्थक भूमिका निभाएगा.” 


इस वेबिनार का संचालन कार्तिक गणेसन, रिसर्च फेलो,सीईईडब्ल्यू ने किया और नवीन मिश्रा, हेड-ऑपरेशंस, सीड ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन दिया.


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