लूट-पाट बढ़ती गई बापू तेरे बाद
सुषमा भंडारी
लूट-पाट बढ़ती गई
बापू तेरे बाद।
हिंसा और झूठ अब
होता क्यूं आबाद।।
किन्तु------
झूठ की आबादियाँ
होती क्षण भंगूर ।
सत्य अटल हरदम रहा
झूठा होता चूर। ।
सत्य-अहिंसा आज भी
चले है अपने पाँव।
झूठ झुलसता धूप में
गाँव मिले न छाँव। ।
गांधी की तस्वीर पर
चढें सत्य के फूल।
सच्ची श्रद्धा है अगर
चुनें झूठ के शूल।।
सच्चाई की नाव ही
जाएगी भव पार।
शांत तूफाँ भी हुआ
सच की सुनी पुकार।।
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