इकुल डुकास के संस्थापक एलेन डुकास का भारत दौरा

० योगेश भट्ट ० 

गुरुग्राम : भारत के पहले इकुल डुकास कैम्पस का उद्घाटन करने के लिए इकुल डुकास के संस्थापक और दुनिया के सबसे सम्मानित मिशेलिन-स्टार शेफ एलेन डुकास भारतीय दौरे पर आ रहे हैं। यह कैम्पस इंडियन स्कूल ऑफ हॉस्पिटैलिटी (आईएसएच) गुरुग्राम में है जिसकी स्थापना हॉस्पिटैलिटी उद्योग के दिग्गज दिलीप पुरी ने की है। एलेन डुकास के इस दौरे से आईएसएच और इकुल डुकास की साझेदारी मजबूत होगी। गौरतलब है कि दोनों सोमेट एजुकेशन के ग्लोबल नेटवर्क स्कूल का हिस्सा हैं।

एलेन डुकास क्युलिनरी कला का जुनून रखने वाले भारतीय विद्यार्थियों की क्षमता से वाकिफ हैं और उनका यह दौरा दक्षिण एशिया में खान-पान उद्योग के सुनहरे भविष्य की दिशा में बड़ा कदम है। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में भारत के अंदर अभूतपूर्व विकास देखा गया है। फूड एंड बेवरेज सर्विसेज ग्लोबल मार्केट रिपोर्ट 2022 के अनुसार एफ एंड बी सेवा का वैश्विक बाजार 2026 तक 9.2 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ेगा यह उम्मीद है। उपभोक्ताओं में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है और क्युलिनरी कला और पेस्ट्री कला में करियर बनाने के इच्छुक विद्यार्थियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।

भारत में इकुल डुकास के क्युलिनरी प्रोग्राम में अंडरग्रैजुएट डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेशन कोर्स शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक में टेक्निकल, प्रबंधन और उद्यम कौशल का समावेश है जो क्युलिनरी कला सीखने के इच्छुक लोगों को महज कुकिंग से बढ़ कर इस क्षेत्र में महारत हासिल करने में सक्षम बनाता है। प्रोग्राम में व्यावहारिक ज्ञान, व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलने से खान-पान सेवा में जाने के उत्साही उम्मीदवारों, करियर बदलने के इच्छुक लोगों और प्रोफेशनल्स को वैश्विक एफ एंड बी उद्योग में पहचान बनाने का सही प्लैटफॉर्म मिलता है। प्रोग्राम के तहत विद्यार्थी फ्रांस स्थित इकुल डुकास कैम्पस जा कर सीखने और सेमेस्टर करने के साथ-साथ विदेश में इंटर्नशिप करने का अवसर भी प्राप्त करेंगे। इकुल डुकास से शिक्षा प्राप्त कर ग्रैजुएशन करने वालों को अत्यधिक रोजगार योग्य माना जाता है और पूरी दुनिया के क्युलिनरी उद्योग में उनके कैरियर के दरवाजे खुल जाते हैं।

इकुल डुकास अपने संस्थापक, सबसे प्रतिष्ठित शेफ में से एक, 20 मिशेलिन स्टार हासिल करने वाले एकमात्र शेफ एलेन डुकास को प्राप्त ज्ञान यह सीखने के इच्छुक लोगों को प्रदान करता है। एलेन इनोवेशन, हर एक बारीकी पर ध्यान देने और उत्कृष्टता के जुनून और दमदार तकनीक के लिए जाने जाते हैं और साथ ही, सस्टेनेबलिटी का हमेशा ध्यान रखते हैं। वे चाहते हैं कि उनकी सूझबूझ और ज्ञान नई पीढ़ी को प्राप्त हो जिसकी चाहत इकुल डुकास के दिल में है।इकुल डुकास आईएसएच गुरुग्राम कैम्पस 75,000 वर्ग फुट में फैला है जहां अत्याधुनिक सुविधाएं हैं जैसे आधुनिक प्रशिक्षण रसोई, अत्याधुनिक कक्षाएं और विद्यार्थियों के लिए अनुभव करने के क्षेत्र आदि। यह कैम्पस भारत में पहंुच बढ़ाने की शुरुआत है। आने वाले कुछ वर्षों में प्रमुख भारतीय शहरों में इकुल डुकास स्टुडियो खुलेंगे और फिर दूसरा कैम्पस देखने को मिलेगा। प्रोग्राम जो शुरू किए गए हैं उनमें फ्रांस और भारतीय क्युजीन की शानदार विरासत का सम्मान दिखेगा। साथ ही, समकालीन गैस्ट्रोनॉमी के वैश्विक रुझान और संस्थान के संस्थापक का कार्य दर्शन साकार होगा।

अपने पहले भारतीय दौरे के बारे में इकुल डुकास के संस्थापक शेफ एलेन डुकास ने कहा, “भारत में दुनिया की सबसे महान खान-पान परंपराओं में से एक मौजूद है। हमारे स्कूल का मिशन इस देश की विरासत को दुनिया में पहचान देना है जिसका वह हकदार है। भारत का वैश्विक खान-पान उद्योग में निस्संदेह बोलबाला होगा। हम भारतीय क्युलिनरी कला में महारत हासिल करने के इच्छुक उम्मीदवारांे को भारत के साथ-साथ विदेशों में नया आसमान देने के इच्छुक हैं।’’ इस अवसर पर इंडियन स्कूल ऑफ हॉस्पिटैलिटी के संस्थापक और सीईओ दिलीप पुरी ने अपने विचार रखते हुए कहा “भारत में क्युलिनरी कला की शिक्षा को इसके हक का सम्मान मिल रहा है और हमें यह बड़ा बदलाव लाने का गर्व है। 

भारत में आईएसएच के माध्यम से इकुल डुकास की शुरुआत कर हम स्थानीय विद्यार्थियों के लिए दुनिया की सर्वश्रेष्ठ शिक्षा ले आए हैं। हम अंतर्राष्ट्रीय प्रोग्राम शुरू और इस दिशा में मार्गप्रशस्त कर और फिर एक अत्याधुनिक कैम्पस के माध्यम से ना केवल भारत में क्युलिनरी कला सीखने के इच्छुक लोगों के सामने शेफ एलेन डुकास का दृष्टिकोण रख रहे हैं बल्कि भारतीय परिदृश्य में क्युलिनरी शिक्षा की नई परिकल्पना भी कर रहे हैं।’’

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उर्दू अकादमी दिल्ली के उर्दू साक्षरता केंद्रों की बहाली के लिए आभार

राजा बहिरवाणी बने सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया दुबई चैप्टर के अध्यक्ष

डंडिया जी की कलम में है सच को सच कहने की हिम्मत : कटारिया

वाणी का डिक्टेटर – कबीर