जयपुर में 17 प्रदेशों के प्रतिनिधियो ने प्रभावी शिक्षा प्रणाली तथा नई शिक्षा नीति पर मंथन किया
जयपुर - राजस्थान की राजधानी जयपुर में पिंक सिटी प्रेस क्लब स्थित ऑल इंडिया एजुकेशन मोमेंट के तत्वाधान में दो दिवसीय ऑल इंडिया एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कांफ्रेंस के उदघाटन के अवसर पर ऑल इंडिया एजुकेशनल मूवमेंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व उप कुलपति मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू विश्वविध्यालय हैदराबाद, ख़्वाजा शाहिद, राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व उप कुलपति प्रोफेसर फुरकान कमर, राज्यसभा सांसद फ़ौजिया खान, राजस्थान सरकार के पूर्व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ए ए खान नवाब दुर्रु मियां और MES राजस्थान के अध्यक्ष एवं कॉन्फ़्रेन्स के संयोजक डॉ आज़म बेग ने संबोधित किया।
इस अवसर पर कार्यशाला के संयोजक डॉ आजम बैग ने स्कूलों एवं शैक्षणिक संस्थाओ को चलाने में आ रही दुशवारियों एवं सरकार से मिलने वाले सहयोग का जिक्र किया। उन्होने कहा कि ये दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस राजस्थान कि जनता में चेतना पैदा करने एवं शिक्षण संस्थाओं की समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। पहला सत्र जो "शिक्षा नीति , अल्पसंख्यक शिक्षा एवं विकास के समान अवसर" पर आधारित था जिसे ज्ञान विहार विश्वविध्यालय के अध्यक्ष सुनील शर्मा, शिक्षाविद ए आर अगवान, सेंट जोसफ ग्रुप ऑफ कॉलेज टोंक गोवर्धन हिरोनी, निर्वाण यूनिवर्सिटी के वाइस चान्सेलर अरविंद अग्रवाल ने संबोधित किया। जिसमे प्रमुख रूप से ये बिन्दु सामने आए। जो समाज अपनी आय का ज़कात एवं सदकात का 90 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर खर्च करता है वो समाज शिक्षा एवं स्वास्थ्य मे इतना पिछड़ा हुआ क्यो है ये एक गंभीर मुद्दा है।
कॉन्फ्रेंस का अंतिम सत्र एलएनजे कैंपस शिवदासपुरा जयपुर में हुआ जिसमें दूसरे एवं तीसरे सत्र मे "नई शिक्षा नीति 2020: , गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सामाजिक सक्रियता" तथा "महिला सशक्तिकरण व शिक्षा के लिए समाज की भूमिका" जैसे विषयों पर वक्ताओ ने अपने विचार व्यक्त किए। इस सत्र में मोहम्मद निजामुद्दीन , अब्दुल रशीद, शरफुद्दीन बैग, नायाब अंसारी, डॉ इदरीस कुरेशी, आरएनटी ग्रुप उदयपुर के संचालक वसीम अहमद,श्रीमति रूबी खान, डॉ फरीदा बैग आदि द्वारा अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर एक भव्य कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का भी आयोजन किया गया जिसमे देशभर के जाने-माने कवियों एवं शायरों ने भाग लिया मुख्य रूप से डॉ इलियास सैफी की निजामत मे आयोजित मुशायरे में वरिष्ठ कवि जनाब नासीर अज़ीज़, जनाब ख़लील रहमान, प्रोफेसर अख़लाक आहन, रज़ा शैदाई, डॉ मोहम्मद हुसैन मुरादाबादी, आकिफ फिरोजाबादी व जनाब इरफ़ान राही सैदपुरी द्वारा अपना कलाम प्रस्तुत किया गया।
दूसरे दिन चौथे सत्र में अवकाफ एवं अल्पसंख्यक शिक्षा के विकास के लिए साधन संसाधन के अंतर्गत पुणे से आए रिटायर्ड आईआरएस अकरम जब्बार, एन सी ई आर टी दिल्ली से एच ओ डी, अनीता नूना, लखनऊ वेलफेयर फोरम के जावेद अहमद खान, दिल्ली से जावेद आलम, ए आई,ई,एम के कोषाध्यक्ष असलम अहमद, पांचवें सत्र में मदरसा शिक्षा एवं समकालीन शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत राजस्थान मदरसा बोर्ड के सचिव आर ए एस श्री मुकर्रम अली शाह, ए एम यू छात्र संघ के पूर्व सचिव अबरार अहमद चीकू, इंग्लिश माहनामा मईशत मुंबई के प्रमुख संपादक दानिश रियाज, ऑल इंडिया दीनी मदारिस के अध्यक्ष मौलाना याकूब बुलंदशहरी, सलाम एजुकेशन सोसाइटी बीदर के अध्यक्ष सफी अनवरी, MES राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर आजम बेग एवं शाहीन ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूशंस बीदर ,कर्नाटक के अध्यक्ष डॉ अब्दुल कदीर , मुंबई के प्रोफेसर इजहार,आदि ने अपने विचार व्यक्त किए
कार्यशाला के अंत मे सभी श्रोतागणो के लिए भी एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। साथ ही अधिवेशन मे लिए गए प्रस्तावो का अनुमोदन किया गया।कॉन्फ्रेंस के आखरी सेशन में मालदीप से किसी वजह से कांफ्रेंस में शरीक नहीं हो सकी श्रीमती हलीमा , नालसर लॉ यूनिवर्सिटी हैदराबाद के पूर्व उपकुलपति फैजान मुस्तफा,जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉक्टर जफर महमूद, मेवाड़ यूनिवर्सिटी के कुलपति अशोक कुमार गदिया, ने भी कांफ्रेंस में मौजूद श्रोताओं को ऑनलाइन संबोधित किया
इस अवसर पर वक्ताओ ने नई शिक्षा नीति 2020 ,अल्पसंख्यक शिक्षा, संभावनाएँ एवं चुनौतियाँ जैसे महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर चर्चा करते हुए अल्पसंख्यको के लिए शिक्षा की संभावनाओ और चुनोतियों के विषय पर प्रकाश डाला। ख्वाजा शाहिद ने 12वी आल इंडिया कॉन्फ्रेंस के जयपुर में आयोजन किए जाने की महत्ता को बताते हुए कहा की ऑल इंडिया एजुकेशनल मूवमेंट, प्रत्येक वर्ग के हर सदस्य विशेष रूप से कमजोर और शिक्षा से वंचित समुदायो में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत है। इसी उद्येश्य की प्राप्ति के लिए मुस्लिम एजुकेशनल सोसाययटी के सहयोग से सराजस्थान के लोगो को शिक्षा से जोड़ने तथा नई शिक्षा नीति 2020 को समझने समझाने का एक प्रयास है।
प्रोफेसर फुरकान कमर ने नई शिक्षा नीति की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए शैक्षणिक संस्थाओ को उसके साथ समन्वय बनाने का आग्रह किया। फ़ौजिया खान ने स्कूल और मदरसो की शिक्षा पर बात करते हुए नई शिक्षा नीति की गंभीरता को बताया, साथ ही उन्होने कहा की शिक्षा ग्रहण करने के लिए समुदायो को मिलकर काम करना चाहिए तथा उसके लिए धन जुटाने और सरकार की योजनाओ से लाभ उठाने की भी कोशिश करनी चाहिए। नवाब दुर्रु मियां ने नई शिक्षा नीति से लाभ उठाने पर ज़ोर दिया और कहा की किसी भी नीति के बारे में सकारात्मक रवैया रखना चाहिए।
इस अवसर पर कार्यशाला के संयोजक डॉ आजम बैग ने स्कूलों एवं शैक्षणिक संस्थाओ को चलाने में आ रही दुशवारियों एवं सरकार से मिलने वाले सहयोग का जिक्र किया। उन्होने कहा कि ये दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस राजस्थान कि जनता में चेतना पैदा करने एवं शिक्षण संस्थाओं की समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। पहला सत्र जो "शिक्षा नीति , अल्पसंख्यक शिक्षा एवं विकास के समान अवसर" पर आधारित था जिसे ज्ञान विहार विश्वविध्यालय के अध्यक्ष सुनील शर्मा, शिक्षाविद ए आर अगवान, सेंट जोसफ ग्रुप ऑफ कॉलेज टोंक गोवर्धन हिरोनी, निर्वाण यूनिवर्सिटी के वाइस चान्सेलर अरविंद अग्रवाल ने संबोधित किया। जिसमे प्रमुख रूप से ये बिन्दु सामने आए। जो समाज अपनी आय का ज़कात एवं सदकात का 90 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर खर्च करता है वो समाज शिक्षा एवं स्वास्थ्य मे इतना पिछड़ा हुआ क्यो है ये एक गंभीर मुद्दा है।
कॉन्फ्रेंस का अंतिम सत्र एलएनजे कैंपस शिवदासपुरा जयपुर में हुआ जिसमें दूसरे एवं तीसरे सत्र मे "नई शिक्षा नीति 2020: , गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सामाजिक सक्रियता" तथा "महिला सशक्तिकरण व शिक्षा के लिए समाज की भूमिका" जैसे विषयों पर वक्ताओ ने अपने विचार व्यक्त किए। इस सत्र में मोहम्मद निजामुद्दीन , अब्दुल रशीद, शरफुद्दीन बैग, नायाब अंसारी, डॉ इदरीस कुरेशी, आरएनटी ग्रुप उदयपुर के संचालक वसीम अहमद,श्रीमति रूबी खान, डॉ फरीदा बैग आदि द्वारा अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर एक भव्य कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का भी आयोजन किया गया जिसमे देशभर के जाने-माने कवियों एवं शायरों ने भाग लिया मुख्य रूप से डॉ इलियास सैफी की निजामत मे आयोजित मुशायरे में वरिष्ठ कवि जनाब नासीर अज़ीज़, जनाब ख़लील रहमान, प्रोफेसर अख़लाक आहन, रज़ा शैदाई, डॉ मोहम्मद हुसैन मुरादाबादी, आकिफ फिरोजाबादी व जनाब इरफ़ान राही सैदपुरी द्वारा अपना कलाम प्रस्तुत किया गया।
दूसरे दिन चौथे सत्र में अवकाफ एवं अल्पसंख्यक शिक्षा के विकास के लिए साधन संसाधन के अंतर्गत पुणे से आए रिटायर्ड आईआरएस अकरम जब्बार, एन सी ई आर टी दिल्ली से एच ओ डी, अनीता नूना, लखनऊ वेलफेयर फोरम के जावेद अहमद खान, दिल्ली से जावेद आलम, ए आई,ई,एम के कोषाध्यक्ष असलम अहमद, पांचवें सत्र में मदरसा शिक्षा एवं समकालीन शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत राजस्थान मदरसा बोर्ड के सचिव आर ए एस श्री मुकर्रम अली शाह, ए एम यू छात्र संघ के पूर्व सचिव अबरार अहमद चीकू, इंग्लिश माहनामा मईशत मुंबई के प्रमुख संपादक दानिश रियाज, ऑल इंडिया दीनी मदारिस के अध्यक्ष मौलाना याकूब बुलंदशहरी, सलाम एजुकेशन सोसाइटी बीदर के अध्यक्ष सफी अनवरी, MES राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर आजम बेग एवं शाहीन ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूशंस बीदर ,कर्नाटक के अध्यक्ष डॉ अब्दुल कदीर , मुंबई के प्रोफेसर इजहार,आदि ने अपने विचार व्यक्त किए
कार्यशाला के अंत मे सभी श्रोतागणो के लिए भी एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। साथ ही अधिवेशन मे लिए गए प्रस्तावो का अनुमोदन किया गया।कॉन्फ्रेंस के आखरी सेशन में मालदीप से किसी वजह से कांफ्रेंस में शरीक नहीं हो सकी श्रीमती हलीमा , नालसर लॉ यूनिवर्सिटी हैदराबाद के पूर्व उपकुलपति फैजान मुस्तफा,जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉक्टर जफर महमूद, मेवाड़ यूनिवर्सिटी के कुलपति अशोक कुमार गदिया, ने भी कांफ्रेंस में मौजूद श्रोताओं को ऑनलाइन संबोधित किया
ए आई ई एम के राष्ट्रीय अध्यक्ष ख्वाजा शाहिद द्वारा कॉन्फ्रेंस में देश भर से आए शिक्षा प्रेमियों का आभार जताते हुए उनको धन्यवाद भी दिया,सचिव मुजफ्फर अली ने सभी श्रोताओं का आभार जताया साथ ही कॉन्फ्रेंस के मेजबान मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी राजस्थान के अध्यक्ष डॉक्टर आजम बेग और उनकी पूरी टीम की सराहना करते हुए उन्हें इस सफल आयोजन पर बहुत बधाइयां देकर अपनी दुआओं से नवाजा अंत में कॉन्फ्रेंस में आए सभी श्रोताओं का संयोजक डॉक्टर आजम बैग द्वार आभार जताते हुए इस मुहिम को आगे जारी रखने और कॉन्फ्रेंस में पारित किए गए प्रस्ताव को संबंधित विभागों में पहुंचाने की बात कहते हुए कॉन्फ्रेंस के समापन की घोषणा की
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