रतनाव त्रिदिवसीय रंगोत्सव का आयोजन दिल्ली के श्री राम सेंटर में आज से

० योगेश भट्ट ०  
· ‘रामगढ़ की कथा’ एक ऐसा शहर जहाँ सेठों को 7 खून माफ़ थे · ‘रूप विदरूप नाटक’ में पद्मश्री कथक नृत्यांगना शोवना नारायण द्वारा एसिड पीड़ितों का दर्द और साहस दर्शाया जाएगा · एक हिजड़ा है, जिसने बच्चों के लिए शिक्षा की लड़ाई लड़ी, समाज के भेदभाव और रूढ़िवादिता को चुनौती देती हैं नाटक ‘लल्लन मिस’ · नाटकों का मंचन 1से 3 सितम्बर तक श्री राम सेंटर मंडी हाउस शाम 6:30 बजे से होगा· इस बार आजीवन रंगसेवा के लिए दिए जाने वाले रतनाव रंग पुरस्कार के लिए प्रख्यात नाटककार मोहन महर्षि और अंजुला महर्षी को चुना गया हैं
नई दिल्ली : दिल्ली के इतिहास में रंगमंच के प्रेमी पहली बार एक महिला नाटककार द्वारा लिखित निर्देशित अभिनीत और प्रस्तुत तीन ऐसे नाटक देखगे, जो उन समस्याओं के बारे में सीधे सवाल उठाते हैं जो महिलाओं से जुड़े हुए हैँ। रंगमंच के जरिये ऐसे ज्वलंत विषयों प़र अधारित ये रंगोत्सव एक नया ओर अनूठा प्रयोग होगा।रमा थिएटर नाट्य विद्या संस्था (रतनाव) द्वारा आयोजित रतनाव त्रिदिवसीय रंगोत्सव का आयोजन 1 सितम्बर से 3 सिंतबर तक श्री राम सेंटर मंडी हाउस में किया जाएगा। मशहूर रंगकर्मी,लेखक रमा पांडेय द्वारा लिखित, निर्देशित और अभिनीत इन तीन नाटकों का मंचन श्री राम सेंटर,मंडी हाउस में शाम 6:30 बजे होगा. 1 सितम्बर को रामगढ की कथा , 2 सितम्बर को रूप विदरूप और 3 सितम्बर को लल्लन मिस मंचित होगा।
रतनाव रंगोत्सव में मंचित होने वाला नाटक ‘रामगढ़ की कथा’ अपने आप आप में एक अदभुद धरोहर रामगढ़ स्थान की अद्भुत कहानी है ऐसी कहानी जो पहले कभी ना देखी गई ना सुनी गई। ये नाटक राजस्थान के ऐसे शहर की कहानी है जो विश्वास का एकलौता ऐसा शहर है, जिसे सेठों ने बसाया और सेठों ने ही उजाड़ा। जहाँ का कानून भी सेठों का और तीसरा और अंतिम नाटक ‘लल्लन मिस’ एक हिजड़े की वास्तविक जीवन की कहानी पर आधारित है, जिसने सामाजिक पूर्वधारण की दीवारों को तोड़कर झुग्गी बस्तियों के बच्चों के लिए एक स्कूल का निर्माण किया, ताकि उनका एक बेहतर 'भविष्य' बन सके. 44 वर्षीय राजकुमारी जिसे लल्लन हिजड़ा के नाम से भी जाना जाता है ने पटना में इस स्कूल का निर्माण किया। भू-माफिया की धमकी के बावजूद उसे अभी भी स्कूल चलाने की इच्छा थी। स्कूल चलाने के 15 साल बाद, लल्लन को भू-माफिया से स्कूल खाली करवाने के लिए धमकियाँ मिलनी शुरू हुई और बाद में भू-माफिया द्वारा स्कूल को जला दिया गया। इतना होने बावजूद लल्लन क्षेत्र के अन्य सक्रिय भागीदारों के साथ मिलकर स्कूल का पुनः निर्माण कराने की कोशिश करती है।

रमा पांडेय ने कहा ‘ रतनाव रंगोत्सव मेरा वो संकल्प है जिसमें मैंने भारत की समृद्ध रंग परंपराओं को एक साथ मिलाकर दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ने का प्रयास किया है। इस बार हमने तीनों नाटक स्त्री आधारित मुद्दों पर सीधे दर्शकों से संवाद करने वाले बनाए हैं,ये पहलीबार है कि रतनाव नाटक समारोह सभी नाटक स्त्री द्वारा स्त्री के लिए स्त्री संबंधी सामाजिक व्यवहार की चेतना के मह्त्व पूर्ण मुद्दों पर वर्तमान समाज से खुलकर संवाद करते हैँ।मुझे गर्व है कि रतनाव त्रिदिवसीय नाटक समारोह रंगकर्म का वो धर्म निभाने की कोशिश कर रहा है जिसके बिना रंग विद्या अधूरी है और इन नाटक से समाजिक प्रभाव पैदा करना।’अभिजीत अवस्थी, संस्थापक साइडवे कंसल्टिंग ने कहा, ‘साइडवे भारतीय कला और रंगमंच के विभिन्न रूपों को संरक्षित और बढ़ावा देने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। रतनाव इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है,और वह भी सामाजिक रूप से प्रासंगिक, महिला केंद्रित विषयों पर।‘

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