हिंदी के बदलते स्वरूप के साथ खुद को भी बदलने की तरफ जोर

० संवाददाता द्वारा ० 
नयी दिल्ली - भारती विद्यापीठ प्रबंधन एवं अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने "हिंदी दिवस-2022" को अपने परिसर में धूम धाम तरीके से मनाया । इस वर्ष का शीर्षक था - बिखरी भाषा की बिसरी निशानियाँ । इस अवसर पर श्रीमती निशि शर्मा 'जिज्ञासु' श्रीमती शकुंतला मित्तल और  अशोक कुमार मिश्र को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था । संस्थान की निदेशिका डॉ यामिनी अग्रवाल ने मुख्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की । 

प्राध्यापकों एवं बच्चों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । निशि शर्मा ने हिंदी के बदलते स्वरूप के साथ खुद को भी बदलने की तरफ जोर दिया । शंकुन्तला मित्तल ने बताया कि कहां हिंदी और आम जनमानस के बीच जो दूरी है उसे कैसे कम किया जा सकता है।वहीं अशोक के विचारों में हिंदी की किताबों को यदि सरल और आसान शब्दों में लिखा जाए तो उसकी पहुंच आज की तुलना में कहीं ज्यादा हो सकती है ।कार्यक्रम का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि इसे मात्र हिंदी दिवस की तरह मनाकर छोड़ना नही है अपितु आगामी वर्षों में अपनी मातृभाषा को विश्व स्तर तक ले कर जाना है । इस उत्सव का आयोजन निदेशिका डॉ यामिनी अग्रवाल के मार्गदर्शन में संस्थान के ही प्राध्यापक शुभम मिश्र ने किया।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

राजस्थान : पत्रकारों पर जान लेवा हमला पीड़ित पत्रकारों को आर्थिक सहायता की मांग

माहेश्वरी स्कूल बॉक्स क्रिकेट लीग 3.0 का हुआ आयोजन

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

फोर्टी एक्‍सपो : महिलाओं को प्रोत्साहित करना सराहनीय प्रयास : दिया कुमारी