गांधीनगर और मुंबई के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस 2.0 गेम चेंजर साबित होगी

० संवाददाता द्वारा ० 
गुजरात - गांधीनगर और मुंबई के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस 2.0 गेम चेंजर साबित होगी और भारत के दो व्यापारिक केंद्रों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी। इससे गुजरात के कारोबारियों को अहमदाबाद से गांधीनगर आने जाने के दौरान हवाई यात्रा जैसी सुविधाएं प्राप्त होगी और उन्हें हवाई जहाज के महंगे किराए का भार भी नहीं उठाना होगा। गांधीनगर से मुंबई तक वंदे भारत एक्सप्रेस 2.0 से एक तरफ की यात्रा में लगभग 6-7 घंटे का समय लगने का अनुमान है। वंदे भारत एक्सप्रेस 2.0 कई बेहतरीन और विमान यात्रा जैसा अनुभव प्रदान करता है। यह उन्नत अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से लैस है, जिसमें स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन टक्कर-रोधी प्रणाली-कवच शामिल है।

वंदे भारत 2.0 अधिक उन्नत और बेहतर सुविधाओं से लैस है। केवल 52 सेकंड में इसकी गति 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी और इसकी अधिकतम गति 180 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी। 430 टन के पिछले वर्जन की तुलना में इस उन्नत वंदे भारत एक्सप्रेस का वजन 392 टन होगा। इसमें वाई-फाई कंटेंट ऑन डिमांड की सुविधा भी होगी। यात्रियों के लिए सूचना एवं मनोरंजन के लिए प्रत्येक कोच में 32 इंच की स्क्रीन लगी होगी, जबकि इसके पिछले वर्जन में 24 इंच की स्क्रीन लगी थी। वंदे भारत एक्सप्रेस भी पर्यावरण के अनुकूल होने जा रही है, क्योंकि इसमें लगी वातानुकूलित प्रणाली में बिजली की 15 प्रतिशत कम खपत होगी। ट्रैक्शन मोटर की धूल रहित स्वच्छ वायु कूलिंग के साथ, यात्रा अधिक आरामदायक हो जाएगी। साइड रिक्लाइनर सीट की सुविधा जो पहले केवल एक्जीक्यूटिव क्लास के यात्रियों को प्रदान की जाती थी, अब सभी वर्गों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। एक्जीक्यूटिव कोच में 180 डिग्री घूमने वाली सीटों की अतिरिक्त सुविधा है।

वंदे भारत एक्सप्रेस के नए डिजाइन में, हवा को शुद्ध करने के लिए, रूफ-माउंटेड पैकेज यूनिट (आरएमपीयू) में एक फोटो-कैटेलिटिक अल्ट्रावायलेट वायु शुद्धीकरण प्रणाली स्थापित की गई है। सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स ऑर्गनाइजेशन (सीएसआईओ), चंडीगढ़ की सिफारिश के अनुसार, इस सिस्टम को आरएमपीयू के दोनों सिरों पर डिजाइन और स्थापित किया गया है, ताकि बाहर की ताजी हवा और वापसी हवा को छानकर साफ किया जा सके और उसके साथ आने वाले कीटाणुओं, बैक्टीरिया, वायरस आदि से मुक्त किया जा सके।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उर्दू अकादमी दिल्ली के उर्दू साक्षरता केंद्रों की बहाली के लिए आभार

राजा बहिरवाणी बने सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया दुबई चैप्टर के अध्यक्ष

डंडिया जी की कलम में है सच को सच कहने की हिम्मत : कटारिया

वाणी का डिक्टेटर – कबीर