रिलायंस की 50 हजार करोड़ के मिठाई बाजार पर नजर : इस दिवाली छोटे हलवाईयों की हो रही बंपर सेल
नई दिल्ली : अजमेर के चव्वनीलाल हलवाई की कहानी भी देश के मशहूर लेकिन सीमित बाजार में काम करने वाले हजारों हलावाईयों जैसी ही थी। दुकान के बाहर सुबह से ही खरीददारों की लाइन लग जाती है। आमदनी भी ठीक-ठाक होती है परंतु एक दुकान से आखिर कितने ग्राहकों की भूख मिटाई जा सकती है। चव्वनीलाल सरीखे हलवाईयों की मिठाई और नमकीन की शेल्फ लाइफ बढ़े और ग्राहकों को एकदम ताजा मिठाईयां मिले इसके लिए रिलायंस रिटेल पारंपरिक हलवाईयों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
रिलायंस रिटेल स्टोर्स पर देश के 50 से भी अधिक प्रसिद्ध हलवाईयों की मिठाईयां मिलनी शुरू हो गई हैं। भारतीय परांपरिक पैक्ड मिठाई बाजार लगभग 4,500 करोड़ रुपये का है और अगले कुछ वर्षों में इसके 13 हजार करोड़ रु हो जाने का अनुमान है। जबकि अंसगठित मिठाई बाजार करीब 50 हजार करोड़ का माना जाता है। इस हिसाब से संगठित मिठाई बाजार में कमाई का बहुत बड़ा मौका है, जिसे रिलायंस चूकना नही चाहता।
पारंपरिक हलवाईयों की दुकानों पर भीड़ तो बहुत लगती थी पर देश के मिठाई बाजार तक उनकी पहुंच नही थी। ऊपर से नकली मावा और शुद्धता से जुड़ी नेगेटिव खबरों ने हलवाईयों की कमर तोड़ दी थी। रिलायंस रिटेल के साथ मिलकर ये प्रसिद्ध और पारंपरिक हलवाई अब क्षेत्रीय बाजारों से निकल कर अपनी विशिष्ट मिठाईयों के जरिए देश भर के ग्राहकों का स्वाद बढ़ा रहे हैं। सदाबहार डिब्बाबंद रसगुल्लों और गुलाब जामुन का जमाना तो हमेशा रहेगा पर उसके साथ हलवाई अब पैक्ड मिठाई के साथ भी कई नए प्रयोग कर रहे हैं।
चव्वनीलाल की नई पीढ़ी 70 साल पुरानी दुकान की मिठाईयों और नमकीन को अजमेर की गलियों से निकाल कर देश के कोने कोने में पहुंचाना चाहती हैं। कारोबार संभाल रहे 34 वर्षिय हितेश कहते हैं कि “हमारे पास कई बड़े प्रतिष्ठानों से रिटेल आउटलेट खोलने के प्रस्ताव आए हैं, लेकिन इस कारोबार में बहुत अधिक पूंजी लगती है। रिलायंस के साथ पार्टनरशिप के बाद से हमारी बिक्री दोगुनी हो गई है क्योंकि कंपनी ने हमें ऑटोमेशन और बड़े पैमाने पर उत्पादन की जानकारी दी है। हमारी दुकान को रिलायंस रिटेल ने एक राष्ट्रीय दुकान बना दिया है।"
मशहूर मिठाईयों में कलेवा का ‘तिल बेसन लड्डू’, घसीटाराम का ‘मुंबई हलवा’, प्रभुजी का ‘दरबेश लड्डू और मेथीदाना लड्डू’, दूध मिष्टन भंडार (डीएमबी) का ‘मालपुआ’ और लाल स्वीट्स का मैसूर पाक और धारवाड़ पेड़ा रिलायंस रिटेल के स्टोर्स पर उपलब्ध है। चवन्नीलाला हलवाई का मशहूर कचौरा और चॉकलेट बर्फी जल्द ही रिलायंस स्टोर पर दिखाई देगी। रिलायंस रिटेल के ग्रोसरी रिटेल के सीईओ दामोदर मल्ल ने कहा, "हम भारत में सबसे बड़ा मल्टी-ब्रांड हलवाई बनना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि पारंपरिक मिठाइयां किसी खास इलाके में सिमटकर न रह जाएं यह देश के कोने कोने में पहुंचें। जैसे पश्चिम बंगाल और उड़ीसा का रसगुल्ला तमिलनाडु के ग्राहक का मुंह मीठा कर सकता है"
पारंपरिक मिठाईयों की बिक्री बढ़े इसके लिए रिलायंस रिटेल ने स्टोर्स में मल्टीपल बे और फ्री स्टैंडिंग यूनिट्स बनाई हैं। यह कुछ कुछ वैसा ही है जैसा कि चॉकलेट बेचने के लिए रिटेल स्टोर्स करते हैं। रिलायंस रिटेल क्षेत्रीय मिठाई निर्माताओं को सिंगल-सर्व पैक विकसित करने में भी मदद कर रहा है, मतलब अगर ग्राहक चाहे तो घाना की डार्क चॉकलेट की जगह देसी मैसूर पाक या लड्डू का एक छोटा पैक खरीद सकता है।
रिलायंस रिटेल स्टोर्स पर देश के 50 से भी अधिक प्रसिद्ध हलवाईयों की मिठाईयां मिलनी शुरू हो गई हैं। भारतीय परांपरिक पैक्ड मिठाई बाजार लगभग 4,500 करोड़ रुपये का है और अगले कुछ वर्षों में इसके 13 हजार करोड़ रु हो जाने का अनुमान है। जबकि अंसगठित मिठाई बाजार करीब 50 हजार करोड़ का माना जाता है। इस हिसाब से संगठित मिठाई बाजार में कमाई का बहुत बड़ा मौका है, जिसे रिलायंस चूकना नही चाहता।
पारंपरिक हलवाईयों की दुकानों पर भीड़ तो बहुत लगती थी पर देश के मिठाई बाजार तक उनकी पहुंच नही थी। ऊपर से नकली मावा और शुद्धता से जुड़ी नेगेटिव खबरों ने हलवाईयों की कमर तोड़ दी थी। रिलायंस रिटेल के साथ मिलकर ये प्रसिद्ध और पारंपरिक हलवाई अब क्षेत्रीय बाजारों से निकल कर अपनी विशिष्ट मिठाईयों के जरिए देश भर के ग्राहकों का स्वाद बढ़ा रहे हैं। सदाबहार डिब्बाबंद रसगुल्लों और गुलाब जामुन का जमाना तो हमेशा रहेगा पर उसके साथ हलवाई अब पैक्ड मिठाई के साथ भी कई नए प्रयोग कर रहे हैं।
चव्वनीलाल की नई पीढ़ी 70 साल पुरानी दुकान की मिठाईयों और नमकीन को अजमेर की गलियों से निकाल कर देश के कोने कोने में पहुंचाना चाहती हैं। कारोबार संभाल रहे 34 वर्षिय हितेश कहते हैं कि “हमारे पास कई बड़े प्रतिष्ठानों से रिटेल आउटलेट खोलने के प्रस्ताव आए हैं, लेकिन इस कारोबार में बहुत अधिक पूंजी लगती है। रिलायंस के साथ पार्टनरशिप के बाद से हमारी बिक्री दोगुनी हो गई है क्योंकि कंपनी ने हमें ऑटोमेशन और बड़े पैमाने पर उत्पादन की जानकारी दी है। हमारी दुकान को रिलायंस रिटेल ने एक राष्ट्रीय दुकान बना दिया है।"
मशहूर मिठाईयों में कलेवा का ‘तिल बेसन लड्डू’, घसीटाराम का ‘मुंबई हलवा’, प्रभुजी का ‘दरबेश लड्डू और मेथीदाना लड्डू’, दूध मिष्टन भंडार (डीएमबी) का ‘मालपुआ’ और लाल स्वीट्स का मैसूर पाक और धारवाड़ पेड़ा रिलायंस रिटेल के स्टोर्स पर उपलब्ध है। चवन्नीलाला हलवाई का मशहूर कचौरा और चॉकलेट बर्फी जल्द ही रिलायंस स्टोर पर दिखाई देगी। रिलायंस रिटेल के ग्रोसरी रिटेल के सीईओ दामोदर मल्ल ने कहा, "हम भारत में सबसे बड़ा मल्टी-ब्रांड हलवाई बनना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि पारंपरिक मिठाइयां किसी खास इलाके में सिमटकर न रह जाएं यह देश के कोने कोने में पहुंचें। जैसे पश्चिम बंगाल और उड़ीसा का रसगुल्ला तमिलनाडु के ग्राहक का मुंह मीठा कर सकता है"
पारंपरिक मिठाईयों की बिक्री बढ़े इसके लिए रिलायंस रिटेल ने स्टोर्स में मल्टीपल बे और फ्री स्टैंडिंग यूनिट्स बनाई हैं। यह कुछ कुछ वैसा ही है जैसा कि चॉकलेट बेचने के लिए रिटेल स्टोर्स करते हैं। रिलायंस रिटेल क्षेत्रीय मिठाई निर्माताओं को सिंगल-सर्व पैक विकसित करने में भी मदद कर रहा है, मतलब अगर ग्राहक चाहे तो घाना की डार्क चॉकलेट की जगह देसी मैसूर पाक या लड्डू का एक छोटा पैक खरीद सकता है।
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