समय पर हॉस्पिटल पहुॅचने से 90 % से अधिक स्ट्रोक के मरीजों का हो सकता है सफल उपचार
जयपुर। मणिपाल हॉस्पिटल के द्वारा आयोजित स्वास्थ्य परिचर्चा में डॉक्टर्स ने बताये स्ट्रोंक से बचने के उपाय व सावधानियॉ । जयपुर के 300 से अधिक गणमान्य जनों ने लिया भाग । विश्व स्ट्रोंक दिवस के उपलक्ष में रविवार को मणिपाल हॉस्प्टिल द्वारा जयपुर डिग्गी पैलेस में आयोजित समारोह में डाक्टर्स ने बताया की स्ट्रोक कोई ऐसी बिमारी नहीं है जो की लाईलाज हो इसका सफल ईलाज संभव हैं। समय पर अस्पताल पहुचने पर इसका पूर्ण रुप से उपचार हो सकता है।
इस अवसर पर मणिपाल हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. श्रवण चौधरी व डॉ. नितिन गुप्ता ने बताया की स्ट्रोक होते ही उसको पहचान कर तुरंत हॉस्पिटल में ले जाना चाहिये जिससे मरीज को विकलांगता से बचाया जा सकता है। शुरुवाती 4 से 5 घंटे का समय बहुत महत्वपूर्ण है।स्ट्रोक के अन्य उपचारों के बारे में बात करते हुये न्यूरोसर्जन डॉ. शंकर बंसदानी व डॉ. गौरव कूलवाल ने बताया की आजकल आधुनिक तकनीकों के द्वारा ऑपरेषन करके भी स्ट्रोंक का उपचार सफलतापूर्वक किया जाता है। इस कारण आमजन को किसी प्रकार के झांड फंूक में विष्वास नहीं करके मरीज को विष्वस्तरीय तकनीक व अनुभवी टीम से युक्त हॉस्पिटल ले जाना चाहिये जिससे मरीज का सफल उपचार हो सके।
इस अवसर पर डॉ. विपिन जैन इन्टरनल मेडिसिन विषेषज्ञ मणिपाल हॉस्पिटल ने एक बहुआयामी अस्पताल व उसके फायदे के बारे में लोगों को समझाया।इस दौरान संस्कृति युवा संस्थान के सुरेश मिश्रा व मुकेश मिश्रा ने आमजन को संबोधित करते हुये कहा की आमजन को अंधविष्वासों से दूर रहकर सही समय पर उपचार करवाना चाहिये इसी से बिमारी का उपचार संभव है।
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