भारत में बढ़ रही है ऑडी ईवी की मांग

० योगेश भट्ट ० 
नयी दिल्ली -भारतीय इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के बाजार को भारत में लगातार प्रोत्‍साहन मिला है और ब्राण्‍ड को विश्‍वास है कि आने वाले महीनों/वर्षों में ईवी का बाजार बढ़ना जारी रहेगा। ब्राण्‍ड को सकारात्‍मक प्रतिक्रिया मिली है, और यह ऑडी के इलेक्ट्रिक वाहनों पर ग्राहकों के भरोसे को दोहराता है।ऑडी सस्‍टेनेबल मोबिलिटी धीरे-धीरे अपना रही है और हाल में किए गए कुछ फैसले इस बदलाव में और तेजी लेकर आए हैं। ऑडी इंडिया ने 2021 में भारत में पाँच इलेक्ट्रिक कारें लॉन्‍च की थीं। सभी पाँच कारों- ऑडी ई-ट्रॉन 50, ऑडी ई-ट्रॉन 55, ऑडी ई-ट्रॉन स्‍पोर्टबैक 55, ऑडी ई-ट्रॉन जीटी और ऑडी आरएस ई-ट्रॉन जीटी, को पिछले साल काफी अच्‍छी प्रतिक्रिया मिली और वे इस साल भी अच्‍छा प्रदर्शन कर रही हैं। इन कारों के लिये प्रतीक्षा अवधि 1 से 3 महीने तक चल रही है। 

ब्राण्‍ड के पास ई-ट्रॉन के लिये एक मजबूत ऑर्डर बैंक है, जो लक्‍जरी इलेक्ट्रिक कारों की मजबूत मांग का संकेत देता है। इलेक्ट्रिक को अपनाने के फायदे जानने वाले ग्राहक बदलाव करने में संकोच नहीं कर रहे हैं, जिससे पहली बार ईवी अपानाने वाले ग्राहकों की ओर से अच्‍छी मांग आ रही है। जब ब्राण्‍ड ने भारत में ऑडी ई-ट्रॉन लॉन्‍च की थी, तब ग्राहकों के लिये पूरा इकोसिस्‍टम बनाया गया था। ऑडी ई-ट्रॉन की बिक्री दो चार्जर्स के साथ की जाती है- 22केडब्‍ल्‍यू का एक वॉल-बॉक्‍स चार्जर और एक पोर्टेबल इन-कार चार्जर। इसके अलावा, ऑडी इंडिया के पास ‘मायऑडी कनेक्‍ट ऐप’ पर एक ई-ट्रॉन हब सेक्‍शन भी है, जोकि यात्रा के मार्ग पर सबसे नजदीकी चार्जर का पता लगाने में मदद करता है। ब्राण्‍ड ने भारत के 65 शहरों में हाई-स्‍पीड चार्जर्स समेत 100 से ज्‍यादा चार्जर्स सफलतापूर्वक स्‍थापित किये हैं।

2021 में ग्‍लोबल बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट ने एक कॉर्पोरेट रणनीति ‘वोर्सप्रुंग 2030’ की घोषणा की थी, जिसका मतलब 2030 के लिये शुरूआती फायदे से है। इससे भी महत्‍वपूर्ण, इस नई रणनीति के साथ एक ब्राण्‍ड के तौर पर ऑडी ने इलेक्ट्रिक के अपनाये जाने के लिये एक निर्णायक समय-सीमा की घोषणा भी की है, जिसमें 2026 से केवल ईवी को लॉन्‍च करना, 2033 में आईसीई-पावर्ड कार उत्‍पादन खत्‍म करना और सॉफ्टवेयर तथा ऑटोनॉमस टेक्‍नोलॉजी पर ज्‍यादा ध्‍यान देना शामिल है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उर्दू अकादमी दिल्ली के उर्दू साक्षरता केंद्रों की बहाली के लिए आभार

राजा बहिरवाणी बने सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया दुबई चैप्टर के अध्यक्ष

डंडिया जी की कलम में है सच को सच कहने की हिम्मत : कटारिया

वाणी का डिक्टेटर – कबीर