जेकेके के शिल्पग्राम में शुरु हुआ हुनरमंदों का महाकुम्भ
जयपुर /कला के विविध रूपों और शैलियों को एक मंच पर साकार करने के लिए 5 नवम्बर को पांच दिवसीय जयपुर कला महोत्सव की शुरुआत हुई। यह आयोजन जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में, 09 नवम्बर तक चलेगा। कला को जीवंत बनाए रखने की दिशा में राजस्थान सहित देश के अनेक प्रांतों के कलाकार यहां अपना हुनर दिखाने लिए मौजूद हैं। दृश्यकला की यथार्थवादी, समकालीन और आधुनिक चित्रकला/मूर्तिकलाओं के नामी वरिष्ठ और युवा कलाकारों की कलाओं के एक से बढ़कर एक नमूनों के साथ टेक्सटाईल, फोटोग्राफी, पेपेरमैशी, ज्यूलरी, मैटल क्राफ्ट, आर्किटैक्चर, वुड क्राफ्ट और इंस्टालेशन कलाएं, कलाप्रेमियों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं।
महोत्सव के मुख्य समन्वयक राकेश गुप्ता ने बताया कि गत वर्ष की भांति इस बार भी ये समारोह राजस्थान विश्वविद्यालय के फाईन आर्ट डिपार्टमेंट और जयपुर में बरसों से कार्य कर रही प्रतिभा एज्यूकेशनल डेवलपमेंट रिसर्च सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है। जयपुर कला महोत्सव का, यह छठा संस्करण है। कला महोत्सव का उद्घाटन राजस्थान यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रो. राजीव जैन ने किया। प्रो. चिन्मय मेहता, पूर्व डीन, फैकल्टी ऑफ फाईन आर्ट, राजस्थान यूनिवर्सिटी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। राजस्थान विश्वविद्यालय के फाईन आर्ट के प्रमुख रजत पण्डेल ने सभी का आभार व्यक्त किया।
महोत्सव के मुख्य समन्वयक राकेश गुप्ता ने बताया कि गत वर्ष की भांति इस बार भी ये समारोह राजस्थान विश्वविद्यालय के फाईन आर्ट डिपार्टमेंट और जयपुर में बरसों से कार्य कर रही प्रतिभा एज्यूकेशनल डेवलपमेंट रिसर्च सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है। जयपुर कला महोत्सव का, यह छठा संस्करण है। कला महोत्सव का उद्घाटन राजस्थान यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रो. राजीव जैन ने किया। प्रो. चिन्मय मेहता, पूर्व डीन, फैकल्टी ऑफ फाईन आर्ट, राजस्थान यूनिवर्सिटी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। राजस्थान विश्वविद्यालय के फाईन आर्ट के प्रमुख रजत पण्डेल ने सभी का आभार व्यक्त किया।
रजत ने कहा कि महोत्सव की व्यापकता और सार्थकता को देखते हुए गत बार की तरह इस बार भी राजस्थान यूनिवर्सिटी ने भी इसमें सहभागिता करने का निर्णय किया है। इस महोत्सव में यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट डिपार्टमेंट के स्टूडेंट को भी यहां अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए मोटिवेट कर रहे हैं ताकि यहां आने वाले लोग देश के नामी कलाकारों की कृतियों के साथ हमारी युवा पीढ़ि की कलात्मक अभिव्यक्ति के हुनर का भी आनन्द उठा सकें।
कला महोत्सव में 70 से अधिक स्टॉल लगाई गई हैं। इनमें महाराष्ट्र से आए हितेन्द्र काशीनाथ गवाड़े का शंख पर बनाया गया विजिटिंग कार्ड देखने योग्य है। उन्होंने छोटे-छोटे कई शंखों पर विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तिगत नामों से विजिटिंग कार्ड की भांति चित्रकारी की हुई है। इसके अलावा इसी कलाकार द्वारा बनाई गई मात्र तीन-तीन इंच की पेन्टिंग्स भी उनकी कला का बेहतरीन नमूना कही जा सकती हैं। इन पेंटिंग्स पर जीवन की विभिन्न अनुभूतियां सहज की देखी जा सकती हैं। महाराष्ट्र के ही अनुराग पॉल ने कैनवास पर वाइल्ड लाइफ को खूबसूरती से चित्रित किया है। उनके बनाए चित्रों में बारासिंगा, लॉयन और पानी पीते हाथी का जीवंत चित्रण खास है इसी कलाकार ने मदर टैरेसा का पोर्ट्रेट भी कलात्मक अन्दाज में चित्रित किया है।
इसी तरह युवा चित्रकार श्रेष्ठा बजाज बाय रंगदार की विभिन्न अनुभूतियों को दर्शाती पेन्टिंग्स की रंग योजना ओर रूपाकारों की खूबसूरती खास है। उनकी पेन्टिंग्स में आग से मुकाबला करती स्त्री का चित्र देखने वाले को सहज ही अपनी ओर खींच लेता है। इस चित्र की रंग योजना वीर रस से सराबोर है इसके अलावा श्रेष्ठा ने अपने चित्र में नारी मन की उड़ान, स्लम की दूभर ज़िंदगी, भय से कांपती युवति तथा बुध की शांति को भी अपने सृजन का माध्यम बनाया है। पुणे से आए आनन्द कुलकर्णी की अभिव्यक्ति लीक से हटकर है। उन्होंने कैनवास के स्थान पर एमजीएफ बोर्ड पर चित्रकारी की है। एमजीएफ बोर्ड पार्टिशन वॉल के रूप में काम में लिया जाता है। आकाश जैन का ट्राईबल आर्ट तथा जयपुर के महेश स्वामी के फोटो चित्र और पुष्पेन्द्र उपाध्याय के पहाड़ों के सौन्दर्य को दर्शाते फोटोग्राफ भी कला महोत्सव में आने वाले कला प्रेमियों को अपनी ओर खींच रहे हैं।
महोत्सव के दौरान 6 नवम्बर को सुबह 11 से दोपहर 1.00 बजे के बीच चाइल्ड आर्ट काम्पटीशन, लाइव पोर्ट्रे पेन्टिंग, ग्रीटिंग कार्ड मेकिंग सहित कई तरह के कलात्मक कॉम्पटीशन के आयोजन किए जाएंगे। दोपहर 12 बजे से यहां आर्ट कैम्प म्हारो राजस्थान भी आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा सुबह 10 से रात 8.00 बजे तक यहां लगी स्टाल्स पर देश के नामी वरिष्ठ और युवा कलाकारों की कला का आनन्द लिया जा सकता है। परिसर में प्रवेश पूरी तरह निःशुल्क रखा गया है।
कला महोत्सव में 70 से अधिक स्टॉल लगाई गई हैं। इनमें महाराष्ट्र से आए हितेन्द्र काशीनाथ गवाड़े का शंख पर बनाया गया विजिटिंग कार्ड देखने योग्य है। उन्होंने छोटे-छोटे कई शंखों पर विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तिगत नामों से विजिटिंग कार्ड की भांति चित्रकारी की हुई है। इसके अलावा इसी कलाकार द्वारा बनाई गई मात्र तीन-तीन इंच की पेन्टिंग्स भी उनकी कला का बेहतरीन नमूना कही जा सकती हैं। इन पेंटिंग्स पर जीवन की विभिन्न अनुभूतियां सहज की देखी जा सकती हैं। महाराष्ट्र के ही अनुराग पॉल ने कैनवास पर वाइल्ड लाइफ को खूबसूरती से चित्रित किया है। उनके बनाए चित्रों में बारासिंगा, लॉयन और पानी पीते हाथी का जीवंत चित्रण खास है इसी कलाकार ने मदर टैरेसा का पोर्ट्रेट भी कलात्मक अन्दाज में चित्रित किया है।
इसी तरह युवा चित्रकार श्रेष्ठा बजाज बाय रंगदार की विभिन्न अनुभूतियों को दर्शाती पेन्टिंग्स की रंग योजना ओर रूपाकारों की खूबसूरती खास है। उनकी पेन्टिंग्स में आग से मुकाबला करती स्त्री का चित्र देखने वाले को सहज ही अपनी ओर खींच लेता है। इस चित्र की रंग योजना वीर रस से सराबोर है इसके अलावा श्रेष्ठा ने अपने चित्र में नारी मन की उड़ान, स्लम की दूभर ज़िंदगी, भय से कांपती युवति तथा बुध की शांति को भी अपने सृजन का माध्यम बनाया है। पुणे से आए आनन्द कुलकर्णी की अभिव्यक्ति लीक से हटकर है। उन्होंने कैनवास के स्थान पर एमजीएफ बोर्ड पर चित्रकारी की है। एमजीएफ बोर्ड पार्टिशन वॉल के रूप में काम में लिया जाता है। आकाश जैन का ट्राईबल आर्ट तथा जयपुर के महेश स्वामी के फोटो चित्र और पुष्पेन्द्र उपाध्याय के पहाड़ों के सौन्दर्य को दर्शाते फोटोग्राफ भी कला महोत्सव में आने वाले कला प्रेमियों को अपनी ओर खींच रहे हैं।
महोत्सव के दौरान 6 नवम्बर को सुबह 11 से दोपहर 1.00 बजे के बीच चाइल्ड आर्ट काम्पटीशन, लाइव पोर्ट्रे पेन्टिंग, ग्रीटिंग कार्ड मेकिंग सहित कई तरह के कलात्मक कॉम्पटीशन के आयोजन किए जाएंगे। दोपहर 12 बजे से यहां आर्ट कैम्प म्हारो राजस्थान भी आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा सुबह 10 से रात 8.00 बजे तक यहां लगी स्टाल्स पर देश के नामी वरिष्ठ और युवा कलाकारों की कला का आनन्द लिया जा सकता है। परिसर में प्रवेश पूरी तरह निःशुल्क रखा गया है।
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