स्वीडन इंडिया नोबेल मेमोरियल वीक के उपलक्ष्य में SHESTEM वीडियो चैलेंज
नयी दिल्ली : 2020 से शुरू #SHESTEM वीडियो चैलेंज की शानदार सफलता के बाद यह विशिष्ट आयोजन एक बार फिर इस साल 15वें स्वीडन इंडिया नोबेल मेमोरियल वीक (एसआईएनएमडब्ल्यू) के उपलक्ष्य में होगा और फिजिकल रूप में होगा। सालाना स्वीडन इंडिया नोबेल मेमोरियल वीक का आयोजन स्वीडन दूतावास, मुंबई में स्वीडन महावाणिज्य दूतावास और भारत में कार्यरत स्वीडिश कंपनियों सहित टीम स्वीडन के अन्य भागीदार संयुक्त रूप से करते हैं। 15वां नोबल अम्ब्रेला प्रोग्राम दिसंबर में आयोजित किया जाएगा और इसमें कई नई पहलों को पेश किया जाएगा।
15वें स्वीडन इंडिया नोबेल मेमोरियल वीक के उद्घाटन पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए भारत में स्वीडिश राजदूत जेन थेस्लेफ ने कहा, ‘‘15वां स्वीडन इंडिया नोबेल मेमोरियल वीक का उद्घाटन करने की मुझे बहुत खुशी है। यह सही मायनों में दूतावास के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है जो अल्फ्रेड नोबेल और विज्ञान, अनुसंधान, इनोवेशन और कला जगत में उनकी शानदार विरासत का सम्मान करता है। मैं #SHESTEM वीडियो चैलेंज के लिए इस साल भारतीय युवाओं की विजेता इंट्रियों देखने के लिए उत्सुक हूं।
भारत में स्वीडन दूतावास और अटल इनोवेशन मिशन की संयुक्त पहल एसएचईएसटीईएम लड़कियों और महिलाओं के लिए एसटीईएम शिक्षा के महत्व पर जोर देती है। इस वर्ष जर्मन सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनोवेशन (डीडब्ल्यूआईएच) नई दिल्ली भी इस पहल से जुड़ गया गया है।वीडियो चैलेंज में विद्यार्थियों के बीच विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) की शिक्षा को बढ़ावा देने का रणनीतिक उद्देश्य है। उन्हें यह कल्पना करने की चुनौती दी गई
है कि वर्ष 2047 में अर्थात् भारत की आजादी के 100 वें वर्ष के विशेष अवसर पर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने के लिए जलवायु परिवर्तन संकट से निपटने में किस तरह नवाचार किया। यह वीडियो चैलेंज 25 अक्टूबर से शुरू हो कर 14 नवंबर 2022 तक चलेगा जिसमें हर दिन कम से कम एक इंट्री शॉर्टलिस्ट की जाएगी। इस चैलेंज के पहले विजेता को एक टैबलेट प्रदान किया जाएगा और उपविजेता एवं शॉर्टलिस्ट की गई अगली 10 इंट्रियों के लिए अन्य आकर्षक पुरस्कार और उपहार होंगे।
चैलेंज में भाग लेने के स्टेप्स: प्रतिभागियों को इस प्रश्न का उत्तर देते हुए वीडियो रिकॉर्ड करना है कि ‘‘भारत की आजादी के 100 वें साल आपको जलवायु परिवर्तन से निपटने में नवाचार के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया है। वीडियो के माध्यम से 30 सेकंड के धन्यवाद ज्ञापन में अपने नवाचार के बारे में और यह भी बताएं कि यह कैसे जलवायु परिवर्तन से निपटने में सकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके बाद नोबेल पुरस्कार प्रदान करने के लिए धन्यवाद देते हुए वीडियो शुरू करना है। उदाहरण के लिए ‘‘इन्फ्रास्ट्रक्चर स्पेस में हीटिंग/कूलिंग सिस्टम पर मेरे इनोवेशन के लिए मुझे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए धन्यवाद।’’
प्रतिभागी वीडियो के सपोर्ट में प्रोटोटाइप भी बना सकते हैं जो डिजिटल या समाचार पत्रों, पेपर-मैशे, या किसी अन्य अभिनव माध्यम से बना हो। प्रोटोटाइप के साथ और उसके बिना भी इंट्रियों का आकलन समान रूप से किया जाएगा। चैलेंज में 13-17 वर्ष के उम्मीदवार भाग ले सकते हैं जो भारत के किसी भी स्कूल में नामांकित हैं। इंट्री हिंदी या अंग्रेजी में दे सकते हैं और यह वीडियो 30 सेकंड से अधिक का नहीं हो। यह वीडियो इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब सहित लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर और साथ ही सोशल मीडिया पोस्ट में उल्लिखित गूगल फॉर्म लिंक पर भी अपलोड किया जा सकता है।
#SHESTEM वीडियो चैलेंज का मकसद ऐसे समाधान की तलाश है जिसमें बेजोड़ कल्पना और सन् 2047 की संभावित वास्तविकताओं का अनोखा तालमेल हो। वीडियो का आकलन तीन मानकांे पर किया जाएगा जिनमें शामिल हैं आइडिया का नयापन, विचार की स्पष्टता और व्यवहार्यता और नवाचार का प्रासंगिक होना।विजेताओं के नाम 5 दिसंबर को एसएचईएसटीईएम 2022 में लाइव घोषित किए जाएंगे और उनके वीडियो भी पूरी दुनिया को दिखाए जाएंगे।.
15वें स्वीडन इंडिया नोबेल मेमोरियल वीक के उद्घाटन पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए भारत में स्वीडिश राजदूत जेन थेस्लेफ ने कहा, ‘‘15वां स्वीडन इंडिया नोबेल मेमोरियल वीक का उद्घाटन करने की मुझे बहुत खुशी है। यह सही मायनों में दूतावास के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है जो अल्फ्रेड नोबेल और विज्ञान, अनुसंधान, इनोवेशन और कला जगत में उनकी शानदार विरासत का सम्मान करता है। मैं #SHESTEM वीडियो चैलेंज के लिए इस साल भारतीय युवाओं की विजेता इंट्रियों देखने के लिए उत्सुक हूं।
भारत में स्वीडन दूतावास और अटल इनोवेशन मिशन की संयुक्त पहल एसएचईएसटीईएम लड़कियों और महिलाओं के लिए एसटीईएम शिक्षा के महत्व पर जोर देती है। इस वर्ष जर्मन सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनोवेशन (डीडब्ल्यूआईएच) नई दिल्ली भी इस पहल से जुड़ गया गया है।वीडियो चैलेंज में विद्यार्थियों के बीच विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) की शिक्षा को बढ़ावा देने का रणनीतिक उद्देश्य है। उन्हें यह कल्पना करने की चुनौती दी गई
है कि वर्ष 2047 में अर्थात् भारत की आजादी के 100 वें वर्ष के विशेष अवसर पर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने के लिए जलवायु परिवर्तन संकट से निपटने में किस तरह नवाचार किया। यह वीडियो चैलेंज 25 अक्टूबर से शुरू हो कर 14 नवंबर 2022 तक चलेगा जिसमें हर दिन कम से कम एक इंट्री शॉर्टलिस्ट की जाएगी। इस चैलेंज के पहले विजेता को एक टैबलेट प्रदान किया जाएगा और उपविजेता एवं शॉर्टलिस्ट की गई अगली 10 इंट्रियों के लिए अन्य आकर्षक पुरस्कार और उपहार होंगे।
चैलेंज में भाग लेने के स्टेप्स: प्रतिभागियों को इस प्रश्न का उत्तर देते हुए वीडियो रिकॉर्ड करना है कि ‘‘भारत की आजादी के 100 वें साल आपको जलवायु परिवर्तन से निपटने में नवाचार के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया है। वीडियो के माध्यम से 30 सेकंड के धन्यवाद ज्ञापन में अपने नवाचार के बारे में और यह भी बताएं कि यह कैसे जलवायु परिवर्तन से निपटने में सकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके बाद नोबेल पुरस्कार प्रदान करने के लिए धन्यवाद देते हुए वीडियो शुरू करना है। उदाहरण के लिए ‘‘इन्फ्रास्ट्रक्चर स्पेस में हीटिंग/कूलिंग सिस्टम पर मेरे इनोवेशन के लिए मुझे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए धन्यवाद।’’
प्रतिभागी वीडियो के सपोर्ट में प्रोटोटाइप भी बना सकते हैं जो डिजिटल या समाचार पत्रों, पेपर-मैशे, या किसी अन्य अभिनव माध्यम से बना हो। प्रोटोटाइप के साथ और उसके बिना भी इंट्रियों का आकलन समान रूप से किया जाएगा। चैलेंज में 13-17 वर्ष के उम्मीदवार भाग ले सकते हैं जो भारत के किसी भी स्कूल में नामांकित हैं। इंट्री हिंदी या अंग्रेजी में दे सकते हैं और यह वीडियो 30 सेकंड से अधिक का नहीं हो। यह वीडियो इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब सहित लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर और साथ ही सोशल मीडिया पोस्ट में उल्लिखित गूगल फॉर्म लिंक पर भी अपलोड किया जा सकता है।
#SHESTEM वीडियो चैलेंज का मकसद ऐसे समाधान की तलाश है जिसमें बेजोड़ कल्पना और सन् 2047 की संभावित वास्तविकताओं का अनोखा तालमेल हो। वीडियो का आकलन तीन मानकांे पर किया जाएगा जिनमें शामिल हैं आइडिया का नयापन, विचार की स्पष्टता और व्यवहार्यता और नवाचार का प्रासंगिक होना।विजेताओं के नाम 5 दिसंबर को एसएचईएसटीईएम 2022 में लाइव घोषित किए जाएंगे और उनके वीडियो भी पूरी दुनिया को दिखाए जाएंगे।.
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