जयपुर में जल्द आएगा जैम बुर्स =राजीव अरोडा
० आशा पटेल ०
जयपुर। चार दिवसीय जयपुर ज्वैलरी शो के ढाई लाख वर्ग फीट में फैले हुए स्थान पर आयोजित इस शो के चार दिनों में 45 हजार से अधिक विजिटर्स व व्यापारी शामिल हुए। इस बार जेजेएस में मिले सकारात्मक रेस्पॉंस को देखते हुए न सिर्फ आयोजक, बल्कि एग्जीबिटर्स भी काफी उत्साहित नजर आए। जेजेएस का आगामी संस्करण 22 से 25 दिसंबर 2023 तक आयोजित किया जाएगा।
जयपुर। चार दिवसीय जयपुर ज्वैलरी शो के ढाई लाख वर्ग फीट में फैले हुए स्थान पर आयोजित इस शो के चार दिनों में 45 हजार से अधिक विजिटर्स व व्यापारी शामिल हुए। इस बार जेजेएस में मिले सकारात्मक रेस्पॉंस को देखते हुए न सिर्फ आयोजक, बल्कि एग्जीबिटर्स भी काफी उत्साहित नजर आए। जेजेएस का आगामी संस्करण 22 से 25 दिसंबर 2023 तक आयोजित किया जाएगा।
राजस्थान स्मॉल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन के चेयरमेन राजीव अरोड़ा समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि करीब 65 बूथ से शुरु हुए जेजेएस में अब 900 से अधिक बूथ हो चुके हैं, यह तथ्य इसकी सफलता को स्पष्ट दर्शाता है। उन्होंने बताया कि 21 वीं सदी में नेटवर्किंग ही सबसे बड़ी कमाई है, जिसे बढ़ाने में जेजेएस की अहम भूमिका रही है। जयपुर में जेईसीसी के रूप में भव्य कन्वेंशन सेंटर बन चुका है, यहां ईपीआई और सेज (एसईजेड़) हैं और अब निकट भविष्य में जैम्स बुर्स भी आ जाएगा।
उन्होंने कहा कि जयपुर अब न सिर्फ कलर स्टोन का, बल्कि ज्वैलरी मैन्यूफैक्चरिंग का भी सबसे तेजी से बढ़ता हुआ सेंटर बनकर उभर रहा है। यहां कोरोना में भी प्रोटोकॉल के साथ ज्वैलरी मैन्यूफैक्चरिंग का काम चलता रहा, यही वजह है कि इसका मार्केट 800 करोड़ से बढ़कर 6600 करोड़ तक पहुंच गया है।
जेजेएस में डिजाइन कॉलेज व इंस्टीट्यूट्स की भागीदारी के साथ यहां रॉ मैटेरियल्स, मशीनरी के साथ—साथ हर प्रकार की ज्वैलरी की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराई जाती है, इसलिए जेजेएस को एक वन स्टॉप शो कहा जा सकता है। अरोड़ा ने आईआईजीजे, सीतापुरा को बेस्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट की ट्रॉफी प्रदान की।
उन्होंने कहा कि जयपुर अब न सिर्फ कलर स्टोन का, बल्कि ज्वैलरी मैन्यूफैक्चरिंग का भी सबसे तेजी से बढ़ता हुआ सेंटर बनकर उभर रहा है। यहां कोरोना में भी प्रोटोकॉल के साथ ज्वैलरी मैन्यूफैक्चरिंग का काम चलता रहा, यही वजह है कि इसका मार्केट 800 करोड़ से बढ़कर 6600 करोड़ तक पहुंच गया है।
जेजेएस में डिजाइन कॉलेज व इंस्टीट्यूट्स की भागीदारी के साथ यहां रॉ मैटेरियल्स, मशीनरी के साथ—साथ हर प्रकार की ज्वैलरी की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराई जाती है, इसलिए जेजेएस को एक वन स्टॉप शो कहा जा सकता है। अरोड़ा ने आईआईजीजे, सीतापुरा को बेस्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट की ट्रॉफी प्रदान की।
जेजेएस सचिव राजीव जैन ने जेजेएस की तैयारियों व इसके चार दिन के सफर को साझा किया। उन्होंने बताया कि जेजेएस में एग्जीबिटर्स की बढ़ती डिमांड को देखते हुए अगले वर्ष जेजेएस में बूथों की संख्या बढ़कर 1000 से अधिक हो सकती है। आरंभिक रायशुमारी में अधिकांश एग्जीबिटर्स ने बूथ की साइज बढ़ाने और बी2बी और बी2सी का स्परूप स्पष्ट करने की मांग की है। श्री जैन ने कहा कि पिंक क्लब के सभी एग्जीबिटर्स इस नई पहल से काफी खुश और संतुष्ट नजर आए। अगले वर्ष पिंक क्लब को और नया रूप व व्यापक स्तर प्रदान किया जाएगा।
इससे पूर्व जेजेएस के वाइस चेयरमेन दिनेश खटोरिया ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि इस बार के जेजेएस में 30 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी दर्ज की गई है और उम्मीद से काफी अच्छा व्यापार भी हुआ है। उन्होंने बताया कि इस बार की नई पहल पिंक क्लब के एग्जीबिटर्स को भी काफी अच्छा रेस्पॉंस प्राप्त हुआ है। जेजेएस के प्रवक्ता अजय काला ने समापन समारोह का संचालन किया। उन्होंने कहा कि इस बार का जेजेएस बिजनेस के साथ-साथ मैनेजमेंट के मामले में अभी तक का सर्वश्रेष्ठ शो रहा है। यह सबसे व्यापक, चमकदार,और नायाब शो साबित हुआ। उन्होंने शो की सफलता के लिए सभी एग्जीबिटर्स, सैलर्स और विजिटर्स का आभार व्यक्त किया।
इससे पूर्व जेजेएस के वाइस चेयरमेन दिनेश खटोरिया ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि इस बार के जेजेएस में 30 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी दर्ज की गई है और उम्मीद से काफी अच्छा व्यापार भी हुआ है। उन्होंने बताया कि इस बार की नई पहल पिंक क्लब के एग्जीबिटर्स को भी काफी अच्छा रेस्पॉंस प्राप्त हुआ है। जेजेएस के प्रवक्ता अजय काला ने समापन समारोह का संचालन किया। उन्होंने कहा कि इस बार का जेजेएस बिजनेस के साथ-साथ मैनेजमेंट के मामले में अभी तक का सर्वश्रेष्ठ शो रहा है। यह सबसे व्यापक, चमकदार,और नायाब शो साबित हुआ। उन्होंने शो की सफलता के लिए सभी एग्जीबिटर्स, सैलर्स और विजिटर्स का आभार व्यक्त किया।
समारोह में आयोजन से जुड़े वेंडर्स को उनके सहयोग के लिए स्मृति चिन्ह दिए गए। इनमें से अधिकांश तो वर्ष 2003 में जेजेएस की शुरुआत से ही जुड़े हुए हैं। जेजेएस में रत्न और आभूषणों के साथ-साथ विजिटर्स ने ज्वैलरी से संबंधित उत्पादों व मशीनरी में भी रूचि दर्शायी। शो में ज्वैलरी मैन्यूफैक्चरिंग की अलाइड मशीनरी के 68 बूथ पर कई प्रमुख वेंडर्स की भागीदारी रही। उनके स्टॉल्स पर ज्वैलरी तैयार करने की सीएएम (कंप्यूटर एडेड मैन्युफैक्चरिंग) से लेकर प्रिंटिंग, पॉलिशिंग और प्लेटिंग जैसी विभिन्न प्रक्रियाओं में काम आने वाली अत्याधुनिक मशीनरी प्रदर्शित की गई।
कुछ बूथ पर मशीनों के डेमोंस्ट्रेशन के जरिए इनके वर्किंग प्रोसेस को भी समझाया गया। जेजेएस ज्वैलरी डिजाइन और मैन्यूफैक्चरिंग प्रोसेस की दक्षता में सुधार लाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका को अच्छे से समझता है। शो में 3डी प्रिंटिंग, डिजाइनिंग, कास्टिंग, फिनिशिंग, लेजर वेल्डिंग, बॉल मेकिंग, लेजर मार्किंग और सोल्डरिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीनरी देखने को मिली।
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