लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को बिना विज्ञापन के अनेक कठिनाइयों को सामना करना पड़ रहा है
० योगेश भट्ट ० नयी दिल्ली -मान्यताप्राप्त पत्रकार एसोसिएशन की प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में हुई वार्षिक बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि प्रधानमंत्री एवं सूचना एवं प्रसारण मंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया जाए कि लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को उनके अनुपात के अनुसार डीएवीपी और राज्य सरकारों से नियमित रूप से विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए जाएं क्योंकि गत वर्षों में लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को डीएवीपी राज्य सरकारें और पीएसयू जारी होने वाले विज्ञापनों को प्रायः रोक दिया गया है। इसके अलावा पीआईबी द्वारा बिना किसी कारण के सैंकड़ों पत्रकारों के प्रेस कार्ड रोक दिए गए हैं जिनको शीघ्र जारी करने तथा पत्रकारों को रेलवे में दी जाने वाली छूट को भी पुनः शुरू करने का अनुरोध भी किया गया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष विजयशंकर चतुर्वेदी ने कहा कि कोरोना काल की महामारी में भी पत्रकारों ने अपनी जान की परवाह न करके अपने कर्तव्य का निर्वाहन किया जिसमें सैंकड़ों पत्रकारों को जान से हाथ धोना पड़ा। वर्तमान में लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को बिना विज्ञापन के अनेक कठिनाइयों को सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि