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सितंबर 21, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ड्राइवर की बेटी ने न्यायाधीश बनकर पूरा किया सपना

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० संवाददाता द्वारा ०  जयपुर :  2020 में एलएलबी के अंतिम पड़ाव से पहले ही आरजेएस प्री परीक्षा के लिए आवेदन कर दिया था लेकिन दिल और दिमाग में तैयारी साक्षात्कार तक की चल रही थी। अपनी तैयारी को मुकाम-दर-मुकाम ले जाते हुए प्री के बाद मुख्य परीक्षा और फिर आखिरकार पहले ही प्रयास में साक्षात्कार स्तर पर भी कामयाबी हासिल की। दृढ़ निश्चय और विश्वास से निरंतर प्रतिदिन कम से कम 4-5 घंटे पढ़ाई करना दिनचर्या का हिस्सा था। इसके अलावा परीक्षा पाठ्यक्रम की तैयारी को व्यवस्थित तरीके से विभाजित कर हिन्दी-इंग्लिश के अध्ययन को विशेष रूप से केंद्र में रखते हुए अपने लेखन स्तर को धार दी। इसके अतिरिक्त कार्तिका ने एमसीक्यू प्रश्नों व टेस्ट सीरीज के निरंतर अध्ययन को भी प्राथमिकता में रखने पर जोर दिया।उत्कर्ष एप के लिए विशेष आभार हाल ही में आरजेएस - 2021 के साक्षात्कार का परिणाम घोषित हुआ जिसने कई अभ्यर्थियों के ही नहीं अपितु उनके परिवार वालों के सपनों को भी पूरा कर उनके चेहरों पर अद्वितीय खुशी की छटा बिखेर दी। सफलता की मुस्कान लिए उन्हीं चेहरों में से एक चेहरा जोधपुर की होनहार बेटी कार्तिका गहलोत का है जिसने प्रथ

आईएचजीएफ-दिल्ली मेला ऑटम'-2022 14 से 18 अक्टूबर तक ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में

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० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली - दुनिया के सबसे बड़े हस्तशिल्प मेलों में से एक आईएचजीएफ-दिल्ली मेला का 54 वां संस्करण यानी आईएचजीएफ-दिल्ली मेला ऑटम'2022 इस बार 14-18 अक्टूबर'2022 तक आयोजित किया जाएगा। अपने व्यवसाय को विस्तार देने के लिए मेले से जुड़े सभी हितधारक - प्रतिभागी और आगंतुक इस मेगा सोर्सिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह मेला 14 से 18 अक्टूबर 2022 तक ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित होगा। यह मेला विदेशी खरीदारों और सोर्सिंग पेशेवरों के साथ-साथ बड़े घरेलू वॉल्यूम खुदरा खरीदारों के लिए एक बड़े अवसर के तौर पर आयोजित होगा। आईएचजीएफ मेला समिति-हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने अपनी बैठक में अवधेश अग्रवाल को आईएचजीएफ दिल्ली मेला ऑटम स्वागत समिति'2022 का अध्यक्ष नामित किया है। अवधेश अग्रवाल, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख हस्तशिल्प निर्यातक हैं। वे पिछले 25 वर्षों से इस व्यवसाय का प्रमुख नाम हैं। वह श्री साई डी आर्ट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और ईपीसीएच की प्रशासन समिति के सह-चयनित सदस्यों में से एक होने के साथ

14 अक्तूबर को आ रही है ; मोदी जी की बेटी

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० योगेश भट्ट ०  मुंबई : मुंबई में एक बड़े समारोह मे मोदी जी की बेटी का ट्रेलर और गाने लॅंन्च किए गए।‌ यह फिल्म एक अलग तरह की धमाकेदार फिल्म है, जो कि दर्शकों का शुद्ध मनोरंजन तो करेगी ही, साथ ही हमारे पड़ोसी यों को सही संदेश भी देगी। ट्रेलर और गाने देखने के बाद यह समझ आता है कि यह फिल्म की कहानी कश्मीर में हो रही एक फिल्म की शूटिंग से शुरू होती है, जहां पाकिस्तान के फ्लॉप आतंकवादी गलतफहमी से फिल्म की हीरोइन अवनी मोदी का भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बेटी समझकर अपरहण कर लेते है और फिर जो तिकड़मबाजी के साथ भागम भाग का ताना बाना बुना गया ह वह दर्शकों को जरुर गुदगुदा देगा। फिल्म में अवनी मोदी कही भी किसी सलमान खान से कम नहीं लग रही है। क्यूंकि अवनी मोदी ने इस फिल्म की नायिका के साथ साथ एक लेखक और निर्माता की भी जिम्मेदारी संभाली है । अवनी ने इस फिल्म को रोमांचक और धमाकेदार बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, यह हम महसूस कर सकते हैं। वैसे तो इस फिल्म के ट्रेलर लॉन्च पर भाजपा के कई नेताओं के आने की भी खबर थी लेकिन न जाने क्यूं लेकिन यह भाजपाई यहां नही पहुंच पाए। बरहाल वजह कुछ भी

पुस्तक : जो कहूंगा सच कहूंगा~वक्त के साथ बदलते मीडिया से साक्षात्कार

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पुस्तक  : जो कहूंगा सच कहूंगा-प्रो. संजय द्विवेदी से संवाद संपादक : डॉ. सौरभ मालवीय, लोकेंद्र सिंह मूल्य : 500 रुपये प्रकाशक : यश पब्लिकेशंस,अंसारी रोड़, दरियागंज,नई दिल्ली मीडिया में हो रहे बदलाव को लेकर संजय द्विवेदी सोचते हैं कि “न्यूज सलेक्शन का अधिकार अब रीडर को दिया जा रहा है। पहले एडिटर तय कर देता था कि आपको क्या पढ़ना है। आज वह समय धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। आज आप तय करते हैं कि आपको कौन-सी न्यूज चाहिए। धीरे-धीरे यह समय ऐसा आएगा, जिसमें पाठक तय करेगा कि किस मीडिया में जाना है।” आरजे ज्योति से कहते हैं, “मीडिया बहुत विकसित हो गया है। आज उसके दो हथियार हैं। पहला है भाषा, जिससे आप कम्युनिकेट करते हैं। जिस भाषा में आपको काम करना है, उस भाषा पर आपकी बहुत अच्छी कमांड होनी चाहिए। दूसरी चीज है टेक्नोलॉजी। जिस व्यवस्था में आपको बढ़ना है, उसमे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है। एक अच्छे जर्नलिस्ट के दो ही आधार होते हैं कि वह अच्छी भाषा सीख जाए और उससे तकनीक का इस्तेमाल करना आ जाए।” वक्त बदल रहा है, मीडिया बदल रहा है, मीडिया तकनीक बदल रही है, मीडिया के पाठक और दर्शक की रुचि, स्थिति और परिस्थित

लोगो ने भारत तिब्बत समन्वय संघ की सदस्यता ली

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० संवाददाता द्वारा ०  नयी दिल्ली - सुर रितु म्यूजिक स्टूडियो अल्फा फिटनेस बिल्डिंग में भारत तिब्बत समन्वय संघ के दिल्ली प्रांत के सदस्यों को आमंत्रित किया और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे श्रीमती संध्या सिंह महिला अध्यक्ष दिल्ली प्रांत, दिल्ली प्रान्त मंत्री प्रोमिला मलिक, प्रान्त महामंत्री रेखा झिंगन , प्रांत उपाध्यक्ष पारुल गुप्ता , ज्योति और टीम के सभी सदस्य मौजुद रहे । इस योजना के दौरान वहाँ पर मौजुद बहुत सारे लोगो ने भारत तिब्बत समन्वय संघ की सदस्यता ली, और कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए महाआन्दोलन में साथ देने का प्रण लिया । इंद्राणी , सुषमा भंडारी , अंजना दहिया , अंकिता , मनीष , रितु डोगरा , संगीता व अन्य बहुत से संगीत प्रेमी कार्यक्रम में मौजुद रहे ।

NCPUL 9 महीने से खाली पड़े परिषद के पुनर्गठन की मांग

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० इरफ़ान राही ०  नई दिल्ली। उर्दू डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन की एक बैठक दरियागंज में डॉ सैयद अहमद खान के अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस मौके पर डॉ सैयद अहमद खान ने राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (एनसीपीयूएल) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि निजी संबंध निभाने तक यह राष्ट्रीय संस्थान सिमट कर रह गया है। यह अपने स्थापना के मक़सद को प्राप्त करन में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। गंगा जमुनी तहजीब को बरकरार रखने में ही हमारे देश की खूबसूरती है। हिन्दी उर्दू के साथ क्षेत्रीय भाषाओं को अहमियत देना भारत के सेक्युलर होने की जमानत है। डॉ खान ने आगे कहा है कि उर्दू भाषा के विकास, उत्थान और उसके अस्तित्व को बचाए रखने के लिए केन्द्र सरकार के जरिए परिषद का गठन राष्ट्रीय स्तर पर किया गया है। लेकिन यह बड़े अफसोस की बात है कि इस की गतिविधियां सिकुड़ती जा रही है। मात्र कुछ चुनिंदा लेखकों कि पुस्तकें प्रकाशित करके उर्दू का विकास नहीं हो सकता है। उर्दू भाषा के विकास के लिए जरूरी है कि इसको प्रत्येक व्यक्ति से जोड़ा जाए और कोई ठोस रणनीति बनाई जाए। उर्दू को रोजगार से जोड़े बगैर इसकी तरक्की मुमकिन

हरियाणा प्रादेशिक हिंदी साहित्य सम्मेलन : समाचार वाचन प्रतियोगिता,काव्य पाठ व पुरस्कार वितरण

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० संवाददाता द्वारा ०  गुरुग्राम - हरियाणा प्रादेशिक हिंदी साहित्य सम्मेलन, गुरुग्राम के तत्त्वावधान में द्रोणाचार्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालयर गुरुग्राम के सभागार में हिंदी समारोह का आयोजन किया गया ।  संस्था के महामन्त्री मोहनकृष्ण भारद्वाज ने संस्था के पुराने सदस्य राजकुमार शर्मा का परिचय दिया व सभी ने उनके असामयिक निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए दो मिनट मौन धारण कर उन के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई । महाविद्यालय के प्राचार्य वीरेन्द्र अंतिल ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई । पूर्व प्राचार्य एस. एस. बोकन, संरक्षक कुंदन लाल पटेल विशिष्ट अतिथि के रूप में शोभायमान थे । संस्था अध्यक्ष अरुण माहेश्वरी, कार्यकारी अध्यक्ष शशांकझू मोहन शर्मा, साहित्य मंत्री आर. एस. बोकन, महामंत्री मोहन कृष्ण भारद्वाज, उपाध्यक्ष सुरेखा शर्मा ने मंच को सुशोभित किया । पुष्पा आंतिल ने कार्यक्रम का सधा हुआ बेहतरीन संचालन किया । उन्होंने कहा स्व. फूलचंद सुमन  ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन हिन्दी के लिए समर्पित कर दिया । कवयित्री सुषमा भंडारी के मधुर कंठ द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदन