जवाहर कला केन्द्र में 30-31 जनवरी को मनेगा बसंत पर्व
० अशोक चतुर्वेदी ०
जयपुर। जवाहर कला केन्द्र में 30 और 31 जनवरी को दो दिवसीय ‘बसंत पर्व’ आयोजित किया जाएगा। उत्सव में ख्याति प्राप्त गायक, वादक और साहित्यकार सभी को बासंती रंगों की त्रिवेणी से सराबोर करेंगे। कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला 30 जनवरी जश्न-ए-अदब संस्थान के क्यूरेशन में हो रहे इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। केन्द्र की महानिदेशक गायत्री राठौर ने बताया कि महाकवि जयशंकर प्रसाद और बसंत पंचमी को सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का भी जन्म दिवस आता है इसलिए समारोह में इन दोनों कालजयी कवियों के साहित्य और उनकी रचनाओं का भी चिंतन होगा।पहला दिन नामी कवि और शायर प्रस्तुत करेंगे साहित्यिक रचनाएं
केन्द्र की अतिरिक्त महानिदेशक प्रियंका जोधावत ने बताया कि समारोह के पहले दिन ‘साहित्य में बसंत’ नामक संगोष्ठी में बसंत के उल्लास को रेखांकित करती रचनाओं की प्रस्तुति के अलावा साहित्य में महा कवि जयशंकर प्रसाद तथा सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की रचनाओं का प्रदेश के नामचीन कवि और शायर वाचन करेंगे। इनमें मशहूर शायर इकराम राजस्थानी, फारूख आफरीदी, हेमंत शेष, लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल’, गीतकार बनज कुमार बनज, फारूख इंजीनियर और शोभा चंदर पारीक शामिल हैं। अली-गनी गीतों से करेंगे बसंत का श्रंगार
समारोह के पहले दिन रंगायन सभागार में सुप्रसिद्ध गायक और संगीतकार उस्ताद अली-गनी (अली मोहम्मद-गनी मोहम्मद) मांड गायकी के जरिए मां सरस्वती का गुणगान एवं बसंत ऋतु के सौन्दर्य को रेखांकित करेंगे। मुंबई में रहकर कला साधना कर रहे अली-गनी मूलत: बीकानेर के जसरासर गांव निवासी हैं। इनके संगीत निर्देशन में पंकज उधास, अनूप जलोटा, उदित नारायण, सोनू निगम, शान, इला अरूण, अनुराधा पोडवाल, हंसराज हंस जैसे गायकों ने अनेक रचनाएं गाई हैं। शुजात हुसैन खान के सितार से छलकेगा बसंत का सौंदर्य
जयपुर। जवाहर कला केन्द्र में 30 और 31 जनवरी को दो दिवसीय ‘बसंत पर्व’ आयोजित किया जाएगा। उत्सव में ख्याति प्राप्त गायक, वादक और साहित्यकार सभी को बासंती रंगों की त्रिवेणी से सराबोर करेंगे। कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला 30 जनवरी जश्न-ए-अदब संस्थान के क्यूरेशन में हो रहे इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। केन्द्र की महानिदेशक गायत्री राठौर ने बताया कि महाकवि जयशंकर प्रसाद और बसंत पंचमी को सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का भी जन्म दिवस आता है इसलिए समारोह में इन दोनों कालजयी कवियों के साहित्य और उनकी रचनाओं का भी चिंतन होगा।पहला दिन नामी कवि और शायर प्रस्तुत करेंगे साहित्यिक रचनाएं
केन्द्र की अतिरिक्त महानिदेशक प्रियंका जोधावत ने बताया कि समारोह के पहले दिन ‘साहित्य में बसंत’ नामक संगोष्ठी में बसंत के उल्लास को रेखांकित करती रचनाओं की प्रस्तुति के अलावा साहित्य में महा कवि जयशंकर प्रसाद तथा सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की रचनाओं का प्रदेश के नामचीन कवि और शायर वाचन करेंगे। इनमें मशहूर शायर इकराम राजस्थानी, फारूख आफरीदी, हेमंत शेष, लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल’, गीतकार बनज कुमार बनज, फारूख इंजीनियर और शोभा चंदर पारीक शामिल हैं। अली-गनी गीतों से करेंगे बसंत का श्रंगार
समारोह के पहले दिन रंगायन सभागार में सुप्रसिद्ध गायक और संगीतकार उस्ताद अली-गनी (अली मोहम्मद-गनी मोहम्मद) मांड गायकी के जरिए मां सरस्वती का गुणगान एवं बसंत ऋतु के सौन्दर्य को रेखांकित करेंगे। मुंबई में रहकर कला साधना कर रहे अली-गनी मूलत: बीकानेर के जसरासर गांव निवासी हैं। इनके संगीत निर्देशन में पंकज उधास, अनूप जलोटा, उदित नारायण, सोनू निगम, शान, इला अरूण, अनुराधा पोडवाल, हंसराज हंस जैसे गायकों ने अनेक रचनाएं गाई हैं। शुजात हुसैन खान के सितार से छलकेगा बसंत का सौंदर्य
समारोह के दूसरे दिन रंगायन सभागार में संगीत के इमदाद खानी घराने के अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त दिल्ली के सितार वादक उस्ताद शुजात हुसैन खान की प्रस्तुति होगी। इस दौरान सितार वादन के साथ शुजात हुसैन की मधुर आवाज में गीत भी सुनने को मिलेंगे। हुसैन ने अपने गायन और वादन के सौ से अधिक एल्बम रिकार्ड किए हैं। ईरानी संगीतकार काहान कलहोर के साथ बने एलबम के लिए हुसैन को ग्रेमी पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया गया। शुजात हुसैन को उनके एलबम ‘लाजो लाजो’ के गीत रंगी सारी गुलाबी चुनरिया के लिए भी खूब पहचाना जाता है।
टिप्पणियाँ