हेमंत फाउंडेशन एवं अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन।

० मुज़फ़्फ़र सिद्दीकी ० 
भोपाल  -नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेंनिंग एंड रिसर्च, श्यामला हिल्स भोपाल  में हेमंत फाउंडेशन एवं अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच द्वारा राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया।  अपने स्वागत वक्तव्य में संस्था की संस्थापक अध्यक्ष वरिष्ठ लेखिका संतोष श्रीवास्तव ने कहा"21 वर्षों से लगातार पुरस्कार को बनाए रखना टेढ़ी खीर है ।सबसे ज्यादा संकट तो आर्थिक रहा लेकिन हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति हमसे हर साल यह कार्य करवा लेती है। वैसे भी जोखिम उठाना हमारी फितरत है। कहना चाहूंगी कि रक्खा है आंधियों ने ही हमको कशीदा सर हम वह चिराग हैं जिन्हें निस्बत हवा से है।"

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार  गिरीश पंकज  ने कहा कि," हमें भारत देश में भारतीयता को साथ लेकर आगे बढ़ना है।"मुख्य अतिथि डॉक्टर नुसरत मेहदी ने कहा कि, "साहित्यिक संस्थाओं को भाषा के क्षेत्र में शोधकेंद्र की तरह काम करना चाहिए।"माहौल तब बहुत अधिक भावुक हो गया जब मुंबई से पधारे मशहूर पत्रकार हरीश पाठक ने हेमंत के संस्मरणों को साझा किया।रामायण केंद्र के निदेशक राजेश श्रीवास्तव ने हेमंत की कविताओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इस सत्र में अनेक विधा पुरस्कार और सम्मान प्रदान किए गए। वर्ष 2022 का प्रतिष्ठित 21 वां हेमन्त स्मृति कविता सम्मान सुभाष पाठक ज़िया को उनके ग़ज़ल संग्रह "तुम्हीं से ज़िया है" को दिया गया।

सम्मान ग्रहण करने के बाद जब दर्शकों ने उनसे गजल पढ़ने का आग्रह किया तो सुभाष ज़िया  ने"चलो आईने से मिलो
खुद को निहारो संवारो
तुम्हीं से ज़िया है।" ग़ज़ल सुनाई।
अन्य सम्मानों में
राधा अवधेश स्मृति कथा सम्मान - नीलिमा शर्मा दिल्ली के कथा संग्रह "कोई खुशबू उदास करती है।" को, द्वारका प्रसाद सक्सेना स्मृति कविता पुरस्कार - आरती कुमारी, मुजफ्फरपुर बिहार के कविता संग्रह, "धड़कनों का संगीत" को, पुष्पा विश्वनाथ मेहता स्मृति कथा सम्मान- पुष्पा सिन्हा दिल्ली के कथा संग्रह, "औरत कल आज और कल" को, पाँखुरी सक्सेना लांबा स्मृति लघुकथा सम्मान महिमा श्रीवास्तव वर्मा भोपाल के लघुकथा संग्रह "आदम बोनसाई" को, डॉ शिव शरण द्विवेदी स्मृति कविता सम्मान, यशोधरा भटनागर देवास के कविता संग्रह, "तरंगिणी" को,

 पूजा स्मृति कविता सम्मान-ब्रज श्रीवास्तव विदिशा के कविता संग्रह, "समय ही ऐसा है।" को, उदार गीत सम्मान, डॉ मंजुला श्रीवास्तव रायपुर के गीत संग्रह, "प्रेमपत्र का सूखा पाटल" को, नंदन- नंदिनी स्मृति लघुकथा सम्मान- आशा शर्मा बीकानेर के लघुकथा संग्रह, "मुफ्त की कीमत" को, ललिता-जयन्ती स्मृति गद्य सम्मान (उपन्यास) प्रबोध गोविल जयपुर के उपन्यास "ज़बाने यार मन तुर्की" को अध्यक्ष श्री गिरीश पंकज जी, वरिष्ठ साहित्यकार के कर कमलों द्वारा प्रदान किया गया।

वर्ष 2023 से हिन्दी, उर्दू, फ़ारसी, संस्कृत के विद्वानों को उस्ताद शायर गोविन्द आर्य निशात की याद में निशात स्मृति ग़ज़ल सम्मान शुरू किया जा रहा है। इसी कड़ी में पहला निशात यादगार ग़ज़ल अवार्ड, उर्दू के मशहूर शायर अंजुम बाराबंकवी को इनके ग़ज़ल संग्रह, "एतबार" के लिए प्रदान किया गया। संस्था परिचय डॉ. प्रमिला वर्मा ने दिया और सञ्चालन श्रीमती रूपेंद्र राज तिवारी ने किया। द्वितीय सत्र, कहानी पाठ पर आधारित था। जिसमें हरीश पाठक , नीलिमा शर्मा , हरि भटनागर ने अपनी कहानियाँ पढ़ कर सुनाई। इस सत्र की अध्यक्षता करते हुए  शशांक ने कहा कि , " संवेदनाओं को पकड़ कर रखें ताकि लेखनी के माध्यम से समाज को प्रेषित कर सकें।"

डॉ. सुधीर शर्मा, जहां मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे तो डॉ. संजीव कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में। श्रीमती सरस दरबारी ने बेहतरीन सञ्चालन किया।तृतीय सत्र, लघुकथा पाठ पर आधारित था। इस सत्र की अध्यक्षता करते हुए श्री प्रबोध गोविल जी ने कहा कि, "लघुकथा का भविष्य बहुत उज्जवल है।"इस सत्र में अनेक लघुकथाकारों ने विविध कथानकों पर केंद्रित लघुकथाएं पढ़ीं। मुख्य अतिथि डॉ दुर्गा सिंह ने इन सब पर समग्र रूप से समीक्षा की और हेमंत को ये दो पंक्तियां समर्पित कीं।"हिन्दी के हेमंत का कभी न होगा अंतभावों के भावार्थ का वह है संत।"
विशिष्ट अतिथि  हीरालाल नागर और घनश्याम मैथिल 'अमृत' का सान्निध्य प्राप्त हुआ। श्रीमती जया केतकी और डॉ विनीता राहुरीकर ने संचालक के रूप में पूरे सत्र को एक सूत्र में बांधे रखा।

टिप्पणियाँ

Sadhana Vaid ने कहा…
हार्दिक बधाई एवं अभिनन्दन !

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