बिहार के लोगों को पढ़ाई, कमाई और दवाई तीनों के लिए मजबूरी : प्रशांत किशोर
० संत कुमार गोस्वामी ०
बिहार -जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण में मीडिया संवाद के दौरान पलायन की विकरालता को बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा से पता चला कि गांव के गांव युवाओं के बगैर खाली पड़ गए हैं। समाज में परिवार के साथ रहना बिल्कुल सपने देखने के जैसा हो गया है। आज घर के बच्चे पढ़ाई के समय पढ़ाई कर तो रहे हैं पर जब बात रोजगार पाने की होती है तो घर से मिलों दूर रोजगार के तलाश में चले जाते हैं। बिहार में पलायन का सिलसिला सालों से चलता आ रहा है जिसे बदलने की जरूरत है। बिहार के लोगों को पढ़ाई, कमाई और दवाई तीनों के लिए मजबूरी में बिहार से बाहर जाना पड़ता है।
बिहार -जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण में मीडिया संवाद के दौरान पलायन की विकरालता को बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा से पता चला कि गांव के गांव युवाओं के बगैर खाली पड़ गए हैं। समाज में परिवार के साथ रहना बिल्कुल सपने देखने के जैसा हो गया है। आज घर के बच्चे पढ़ाई के समय पढ़ाई कर तो रहे हैं पर जब बात रोजगार पाने की होती है तो घर से मिलों दूर रोजगार के तलाश में चले जाते हैं। बिहार में पलायन का सिलसिला सालों से चलता आ रहा है जिसे बदलने की जरूरत है। बिहार के लोगों को पढ़ाई, कमाई और दवाई तीनों के लिए मजबूरी में बिहार से बाहर जाना पड़ता है।
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