पूर्व से लेकर पश्चिम तक, उत्तर से लेकर दक्षिण तक, राजस्थानी प्रवासियों को एक धागे में पिरोने के लिए कार्य कर रहा है
० आशा पटेल ०
जयपुर। 30 देशों और देश के हर हिस्से में बसे राजस्थानियों को जोड़ा जा चुका है। अमेरिका, जापान, रूस , ऑस्ट्रेलिआ , फ़्रांस , कनाडा ,जर्मनी , पोलैंड, इंग्लैंड , सयुंक्त अरब अमीरात , म्यांमार ,स्विट्ज़रलैंड और अफ्रीका इतियादी देशों में बसे राजस्थानी भाई बहनो से जुड़ कर वसुदैव कुटुम्ब की अवधारणा को साकार किया है।
चाहे राजस्थानी कही बास्ते हो, फाउंडेशन लगातार , पूर्व से लेकर पश्चिम तक, उत्तर से लेकर दक्षिण तक, राजस्थानी प्रवासियों को एक धागे में पिरोने के लिए लगातार कार्य कर रहा है, जिसमे एक कड़ी उत्कल भी है, श्री श्रीवास्तव ने कहा । श्रीवास्तव ने कहा की राजस्थान फाउंडेशन, देश और दुनिया के राजस्थानियों के साथ लगातार संपर्क बनाये हुए है। राजस्थान फाउंडेशन ग्लोबल फॅमिली की अवधरणा को साकार करने में निरंतर अग्रसर है ।
फाउंडेशन के विभिन्न प्रयासों की जानकारी देते हुए श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना महामारी में राजस्थान फाउंडेशन सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में फैले राजस्थानियों के बीच मदद का सेतु साबित हुआ । उन्होंने बताया कि covid महामारी की दूसरी लहर में, प्रवासी राजस्थानियों ने एकजुट होकर, राजस्थान फाउंडेशन के माध्यम से, अपने राजस्थानी भाई बहनों का भरपूर सहयोग किया। इस दौरान, इन्होंने 30 करोड़ से अधिक की राहत सामग्री, जैसे ऑक्सीजन सिलेंडर व् अन्य चिकित्सा उपकरण राज्य के जिलों के हस्पतालों तक कुरियर द्वारा अतिशीघ्र पहुंचाया और लोगो की जान बचाई। यूक्रेन त्रासदी के समय राजस्थान फाउंडेशन फिर से मददगार के रूप में सामने आया, एक एक छात्र को वापस सकुशल अपनी मात्रभूमि लाया गया ।श्रीवास्तव ने उत्कल में बसे राजस्थानियों को , जोधपुर में आयोजित ,इंटरनेशनल एक्सपो में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया । उन्होंने बताया की राजस्थान से जुड़ने के लिए अपार सम्भावनाये है , और प्रवासियों के लिए एक ख़ास पालिसी भी लांच की गयी है। उन्होंने कहा की राजस्थानी अपना जुड़ाव इसी प्रकार अपनी धरोहर से बनाये रखे।
जयपुर। 30 देशों और देश के हर हिस्से में बसे राजस्थानियों को जोड़ा जा चुका है। अमेरिका, जापान, रूस , ऑस्ट्रेलिआ , फ़्रांस , कनाडा ,जर्मनी , पोलैंड, इंग्लैंड , सयुंक्त अरब अमीरात , म्यांमार ,स्विट्ज़रलैंड और अफ्रीका इतियादी देशों में बसे राजस्थानी भाई बहनो से जुड़ कर वसुदैव कुटुम्ब की अवधारणा को साकार किया है।
धीरज श्रीवास्तव, कमिश्नर, राजस्थान फाउंडेशन , राउरकेला (ओड़ीशा) के राजस्थान परिषद की गोल्डन जुबली ईयर, के क्लोजिंग सेरेमनी में शिरकत की। इस golden Jubilee के उपलक्ष में , परिषद् ने रोउरकेला में मिनी राजस्थानी मेले का भव्य आयोजन किया। राजस्थान फाउण्डेशन, राजस्थान पर्यटन और राजस्थान परिषद के सांझा उपक्रम में आयोजित कार्यक्रम में राजस्थानी पहनावा, राजस्थानी बोली और राजस्थानी संगीत ने कुछ ऐसा माहौल बनाया कि जैसे उत्कल की धरती पर राजस्थानी संस्कृति का रंग ही पूरी तरह से उतर आया हो। हर कोई इस राजस्थानी गीतों और नृत्य के मनमोहक दृश्य को देखकर मंत्रमुग्ध था।
राजस्थान परिषद के प्रेजिडेंट शैलेन्द्र मरोड़िए ने बताया की राउरकेला में सबसे बड़ी मारवाड़ी जनसंख्या है और ओडिशा राज्य में राउरकेला और उसके आसपास लगभग 75000 मारवाड़ी बास्ते है । परिषद्स राउरकेला में "राजस्थान सेवा सदन" के नाम से "धर्मार्थ अस्पताल" चलते है और "होम्योपैथी और आयुर्वेदिक क्लिनिक" भी चलता है , जरूरतमंद, दलित लोगों की सेवा के लिए। श्रीवास्तव ने रोउरकेला में बसे प्रवासी राजस्थानियों को संबोधित करते हुए कहा की उत्कल की धरती पर राजस्थान की महक जो आ रही है उससे यह अहसास होता है की राजस्थानी चाहे कही भी रहे , उनके मन का एक हिस्सा हमेशा अपनी माटी से जुड़ा रहता है। “हमारे visionary मुख्यमंत्री जी अशोक गेहलोत जी ने इस भावना को पहचाना और 2001 में , रिश्तो की इस डोर को अटूट बनाने के लिए राजस्थान फाउंडेशन की स्थापना की थी” श्री श्रीवास्तव ने कहा ।
चाहे राजस्थानी कही बास्ते हो, फाउंडेशन लगातार , पूर्व से लेकर पश्चिम तक, उत्तर से लेकर दक्षिण तक, राजस्थानी प्रवासियों को एक धागे में पिरोने के लिए लगातार कार्य कर रहा है, जिसमे एक कड़ी उत्कल भी है, श्री श्रीवास्तव ने कहा । श्रीवास्तव ने कहा की राजस्थान फाउंडेशन, देश और दुनिया के राजस्थानियों के साथ लगातार संपर्क बनाये हुए है। राजस्थान फाउंडेशन ग्लोबल फॅमिली की अवधरणा को साकार करने में निरंतर अग्रसर है ।
अब तक करीब 30 देशों और देश के हर हिस्से में बसे राजस्थानियों को जोड़ा जा चुका है। अमेरिका, जापान, रूस , ऑस्ट्रेलिआ , फ़्रांस , कनाडा ,जर्मनी , पोलैंड, इंग्लैंड , सयुंक्त अरब अमीरात , म्यांमार ,स्विट्ज़रलैंड और अफ्रीका इतियादी देशों में बसे राजस्थानी भाई बहनो से जुड़ कर वसुदैव कुटुम्ब की अवधारणा को साकार किया है।
राजस्थान फाउंडेशन ने राजीव गांधी छात्रवृत्ति योजना योजना के लाभार्थियों के साथ एक ऑनलाइन बातचीत का आयोजन भी किया। इस कार्यक्रम में मुख्य सचिव उषा शर्मा, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा भवानी सिंह देथा, छात्र और उनके माता-पिता, एनआरआर मित्र और सरकारी अधिकारी उपस्थित थे। स्टूडेंट्स को प्रवासी मित्रो से संपर्क करा कर यह अहसास दिलाया गया , की उनका कोई अपना , उनके ही राजस्थान से, उनकी देख भाल करने के लिए, दूर देश में भी कोई है श्रीवास्तव ने कहा ।
राजस्थान फाउंडेशन ने राजीव गांधी छात्रवृत्ति योजना योजना के लाभार्थियों के साथ एक ऑनलाइन बातचीत का आयोजन भी किया। इस कार्यक्रम में मुख्य सचिव उषा शर्मा, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा भवानी सिंह देथा, छात्र और उनके माता-पिता, एनआरआर मित्र और सरकारी अधिकारी उपस्थित थे। स्टूडेंट्स को प्रवासी मित्रो से संपर्क करा कर यह अहसास दिलाया गया , की उनका कोई अपना , उनके ही राजस्थान से, उनकी देख भाल करने के लिए, दूर देश में भी कोई है श्रीवास्तव ने कहा ।
फाउंडेशन के विभिन्न प्रयासों की जानकारी देते हुए श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना महामारी में राजस्थान फाउंडेशन सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में फैले राजस्थानियों के बीच मदद का सेतु साबित हुआ । उन्होंने बताया कि covid महामारी की दूसरी लहर में, प्रवासी राजस्थानियों ने एकजुट होकर, राजस्थान फाउंडेशन के माध्यम से, अपने राजस्थानी भाई बहनों का भरपूर सहयोग किया। इस दौरान, इन्होंने 30 करोड़ से अधिक की राहत सामग्री, जैसे ऑक्सीजन सिलेंडर व् अन्य चिकित्सा उपकरण राज्य के जिलों के हस्पतालों तक कुरियर द्वारा अतिशीघ्र पहुंचाया और लोगो की जान बचाई। यूक्रेन त्रासदी के समय राजस्थान फाउंडेशन फिर से मददगार के रूप में सामने आया, एक एक छात्र को वापस सकुशल अपनी मात्रभूमि लाया गया ।श्रीवास्तव ने उत्कल में बसे राजस्थानियों को , जोधपुर में आयोजित ,इंटरनेशनल एक्सपो में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया । उन्होंने बताया की राजस्थान से जुड़ने के लिए अपार सम्भावनाये है , और प्रवासियों के लिए एक ख़ास पालिसी भी लांच की गयी है। उन्होंने कहा की राजस्थानी अपना जुड़ाव इसी प्रकार अपनी धरोहर से बनाये रखे।
शैलेन्द्र मारोठिया, काशीप्रसाद झुनझुनवाला, गोपाल, जुगल किशोर, सुरेश केजरीवाल, पवन कुमार, गोपाल खेमाणी, मनीश तोदी, गोपाल चंद्र बंका, पवन अग्रवाल, रिशी सेवक, पंकज अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, नटवर, दिलीप, दीपक कुमार, दीपक मोदी, सुरेश खेतान, विक्रम नितिन आनंद कुमार अग्रवाल, रश्मि खेमानी, अन्नपूर्णा, सीमा देवी, कुसुम अग्रवाल आदि सभी सदस्य दिन रात एक करते हुए राजस्थान परिषद् की गोल्डन जुबली प्रोग्राम को सफल बनाने में पूरी तन्मयता के साथ जुटाया । पूरे कार्यकर्म में सूचना और जन संपर्क विभाग के कोलकत्ता व नार्थ ईस्ट के प्रभारी हिंगलाज रतनु जी ने राजस्थान सरकार के सांस्कृतिक कार्यकर्मो का संयोजन किया
टिप्पणियाँ