डिजिटल युग में भी प्रिंट मीडिया पर कायम है पाठकों का भरोसा
० योगेश भट्ट ०
लखनऊ । भारतीय पत्रकारिता का इतिहास आईआईएमसी के बिना नहीं लिखा जा सकता। उन्होंने कहा कि न्यूजरूम में शोरगुल के बीच में खबर लिखना और अखबार निकालना किसी रोमांच से कम नहीं है। प्रो. द्विवेदी के अनुसार कि प्रिंट मीडिया पर लोगों का भरोसा आज भी कायम है। डिजिटल दौर में जनसंचार के विद्यार्थियों के लिए अवसर और बढ़े हैं। आज जनसंचार की पढ़ाई करने वाले युवाओं के पास 500 से अधिक प्रोफेशन में रोजगार के अवसर हैं।
लखनऊ । भारतीय पत्रकारिता का इतिहास आईआईएमसी के बिना नहीं लिखा जा सकता। उन्होंने कहा कि न्यूजरूम में शोरगुल के बीच में खबर लिखना और अखबार निकालना किसी रोमांच से कम नहीं है। प्रो. द्विवेदी के अनुसार कि प्रिंट मीडिया पर लोगों का भरोसा आज भी कायम है। डिजिटल दौर में जनसंचार के विद्यार्थियों के लिए अवसर और बढ़े हैं। आज जनसंचार की पढ़ाई करने वाले युवाओं के पास 500 से अधिक प्रोफेशन में रोजगार के अवसर हैं।
कम्युनिकेशन एक कला है। इसकी ताकत को समझना होगा। इसमें अपनी ही नहीं, दूसरे की भी जिंदगी बदलने की क्षमता है।" यह विचार भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी ने लखनऊ में आईआईएमसी एलुमनी के यूपी चैप्टर की 'कनेक्शन्स मीट' को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता यूपी चैप्टर के अध्यक्ष मणेन्द्र मिश्रा ‘मशाल’ ने की। इस अवसर पर आईजी (आरपीएफ) संतोष कुमार दुबे, डीआईजी (होमगार्ड) संजीव शुक्ला, डिप्टी कमिश्नर (वाणिज्य कर) तरुण निशांत, अर्चना सिंह एवं वरिष्ठ पत्रकार नासिरुद्दीन हैदर खान विशेष रूप से उपस्थित रहे।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि कई लोग कहते हैं कि अब पढ़ने वाले कम हो रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है। सुबह से लेकर रात तक लोग मोबाइल फोन पर जो कुछ देखते, पढ़ते और सुनते हैं, वह किसी न किसी रूप में मीडिया को ही ग्रहण करते हैं। आज के समय में हमें अपने पाठकों को सूचना देने के साथ-साथ शिक्षित करने की भी जरूरत है। आज हमारे लिए खबरों के पीछे की खबर को बताना जरूरी है।
कार्यक्रम को यूपी चैप्टर के संस्थापक अध्यक्ष संतोष वाल्मीकि एवं आईआईएमसी एलुमनी एसोसिएशन के संस्थापक सदस्य रितेश वर्मा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रियंका सिंह, रणवीर सिंह, इम्तियाज़ अहमद, उत्कर्ष चतुर्वेदी, ऋषि सिंह, शुभी चंचल, अरुण वर्मा, पंचानन मिश्र, खुर्शीद मिस्बाही, सुशील चन्द्र तिवारी, मो. तौसीफ समेत राज्य के कोने-कोने से आए एलुमनी भी शामिल हुए।
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