देवदत्त पटनायक द्वारा लिखित पुस्तक 'द एडोर्नमेंट ऑफ गॉड्स' का विमोचन

० आशा पटेल ० 
जयपुर । 
आम्रपाली म्यूजियम, आम्रपाली ज्वैल्स के संस्थापकों की एक पहल है। जयपुर शहर में स्थित, यह म्यूजियम भारतीय आभूषणों और रत्नजटित वस्तुओं को समर्पित है। जी हाँ ! हम तकनीकी युग में जी रहे हैं, जहां स्मृति को संजोए रखने की सख्त आवश्यकता है और ऐसे में संग्रहालयों की भूमिका लगातार बढ़ती जा रही है। पहले किसी भी वस्तु के तीन पहलू होते थे - सत्यम (कार्य), शिवम (कहानी, जो इसे शुभ बनती है) और सुंदरम (सौंदर्य)। लेकिन अब हम वस्तु को विशेष बनाने वाली कहानी व आख्यान से दूर हो रहे हैं और केवल उसके कार्य पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। जयपुर के आम्रपाली संग्रहालय में ‘द एडोर्नमेंट ऑफ गॉड्स‘ पुस्तक के विमोचन के अवसर पर यह कहना था 
लेखक देवदत्त पटनायक का। वे भारत की एकमात्र म्यूजियम कंसल्टिंग कंपनी- एका कल्चरल रिसोर्सेज एंड रिसर्च के प्रबंध निदेशक, प्रमोद कुमार केजी के साथ बातचीत कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने आम्रपाली म्यूजियम के फाउंडर, राजीव अरोड़ा और राजेश अजमेरा द्वारा औपचारिक रूप से अपनी इस पुस्तक का विमोचन किया।देवदत्त पटनायक की पुस्तक 'द एडोर्नमेंट ऑफ गॉड्स' आम्रपाली म्यूजियम संग्रह के माध्यम से भारत की पौराणिक कथाओं और उनकी रत्नजड़ित कलाओं के बीच गहरे संबंधों के बारे में बताती है। पुस्तक में लेखक देवदत्त पटनायक ने आम्रपाली म्यूजियम के संग्रह की पचास बेहतरीन कला वस्तुओं और उनसे जुड़ी कहानियों पर प्रकाश डाला है। 

इस पुस्तक में उन पांच तत्वों से जिन्होंने सृष्टि की रचना की है, उपमहाद्वीप के असंख्य देवी-देवताओं से लेकर, हमारे प्रचुर मात्रा में वनस्पति और जीव, धार्मिक संस्कारों और अनुष्ठानों, मन्नत का प्रसाद, आभूषण और सजावटी वस्तुओं का विशाल आख्यान प्रस्तुत किया गया है, जिन्हें इसके अलावा कहीं भी एक धागे में नहीं पिरोया जा सकता है। आम्रपाली म्यूजियम, आम्रपाली ज्वैल्स के संस्थापकों की एक पहल है। जयपुर शहर में स्थित, यह म्यूजियम भारतीय आभूषणों और रत्नजटित वस्तुओं को समर्पित है। संस्थापकों के लिए, यह संग्रह 'लेबर ऑफ लव' रहा है, जो लगभग चालीस वर्ष पहले कॉलेज में मित्र बनने के बाद शुरू हुआ था, और यह आज भी जारी है।

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