हिन्दू इस सृष्टि के साथ जीते हैं इसलिये जब तक ये सृष्टि रहेगी तब तक सनातन रहेगा
० योगेश भट्ट ०
जस्टिस शंभू नाथ श्रीवास्तव व प्रोफेसर योगेश गुप्ता ने विषय पर अपनी बात कर युवाओं को देश संस्कृति और संविधान को गहनता अध्ययन कर समझने व उसमें आज के परिपेक्ष में आवश्यक बदलाव हेतु प्रयास करने का सन्देश दिया। हिंदू राष्ट्र-पॉलिटिकल ड्रीम और कॉन्स्टिट्यूशनल रियलिटी के दौरान सनातन अथवा हिन्दू राष्ट्र पर बात करते हुए मशहूर पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष् ने कहा स्वामी विवेकानंद भारतीय एवं सनातन संस्कृति के केंद्र है और सुभाष चंद्र बोस उस संस्कृति के रक्षाकवच है। धर्म वह नही जो आज के समय मे प्रयोग किया जाता है जबकि सनातन संस्कृति में धर्म शब्द का प्रयोग कर्तव्य के लिये आदिकाल से हो रहा है, मजहब तो कुछ सौ साल ही पुराना है।
नयी दिल्ली - पावन चिंतन धारा आश्रम के युवा प्रकल्प, यूथ अवेकनिंग मिशन द्वारा कॉन्स्टिट्यूशन क्लब, दिल्ली में स्वराज सभा का आयोजन किया गया। जिसका विषय था ‘कल्चरल कॉन्फ्लिक्टस एंड कॉन्स्टिट्यूशन’। जहाँ विभिन्न सत्रों में युवाओं से चर्चा करने हेतु देश के जाने-माने थिंक टैंक एवं वक्ता गण, जिनमें प्रो. पवन सिन्हा ‘गुरुजी’, जस्टिस शंभु नाथ श्रीवास्तव, प्रो. योगेश गुप्ता, पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ, कर्नल आर. एस. एन. सिंह, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन एवं जे. साई दीपक उपस्थित थे। आश्रम के संस्थापक तथा विख्यात संत प्रोफेसर पवन सिन्हा 'गुरुजी' ने कहा कि समाज में सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में बहुत से गंभीर मुद्दों पर पर चर्चा होनी चाहिये, जो अब नही होती।
समाज मे व्याप्त सकारत्मकता तथा नकारात्मकता हमारे जीवन एवं हमारे घर तक पर बड़ा प्रभाव डालती है। स्वराज सभा जैसी चर्चाएं हमे सकारत्मकता की ओर ले जाएगी। आगे आने वाले कुछ वर्षों में ही कोर्ट में बड़ी लड़ाईयां लड़नी होंगी जिसे संविधान के दायरे में रहकर ही लड़ा जा सकता है। इसलिये अपने संविधान को समझने की बड़ी जरूरत है, और आज का युवा इसमें बड़ी भूमिका रखता है, इसलिये आज के 'कल्चर कॉन्फ्लिक्टस एंड कॉन्स्टिट्यूशन' में हो रही चर्चा मौजूदा स्थिति को अच्छे से समझ भविष्य के लिये तैयार करेगी।
जस्टिस शंभू नाथ श्रीवास्तव व प्रोफेसर योगेश गुप्ता ने विषय पर अपनी बात कर युवाओं को देश संस्कृति और संविधान को गहनता अध्ययन कर समझने व उसमें आज के परिपेक्ष में आवश्यक बदलाव हेतु प्रयास करने का सन्देश दिया। हिंदू राष्ट्र-पॉलिटिकल ड्रीम और कॉन्स्टिट्यूशनल रियलिटी के दौरान सनातन अथवा हिन्दू राष्ट्र पर बात करते हुए मशहूर पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष् ने कहा स्वामी विवेकानंद भारतीय एवं सनातन संस्कृति के केंद्र है और सुभाष चंद्र बोस उस संस्कृति के रक्षाकवच है। धर्म वह नही जो आज के समय मे प्रयोग किया जाता है जबकि सनातन संस्कृति में धर्म शब्द का प्रयोग कर्तव्य के लिये आदिकाल से हो रहा है, मजहब तो कुछ सौ साल ही पुराना है।
हम हिन्दू इस सृष्टि के साथ जीते हैं इसलिये जब तक ये सृष्टि रहेगी तब तक सनातन रहेगा। इसलिये भारत राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, नैतिक रूप से हिन्दू राष्ट्र ही है। इस विषय पर बात करते हुए पूर्व रॉ अधिकारी कर्नल आरएसएन सिंह ने कहा हमारी सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने हमारा काम है, और भारतीय संस्कृति को बचाने का कार्य केवल हिन्दू ही कर रहा है। इसलिये स्वाभाविक रूप से भारत केवल हिन्दू राष्ट्र ही है।
कॉन्स्टिट्यूशन एंड प्रोस्पेक्टिव्स आफ गवर्नमेंट इंटरफ्रेंस इन टेंपल विषय पर पर सुप्रीम कोर्ट के विख्यात एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने बात करते हुए भारत के मंदिरों के अधिकारों तथा सरकार की भूमिका पर चर्चा की। इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन फॉर भारत विषय पर बात करते हुए मशहूर वक्ता एडवोकेट जे साई दीपक ने कहा कि देश काल वातावरण के अनुसार हर नियम में बदलाव जरूरी है इसलिये अब समय है हम अपने संविधान का भी पुनरावलोकन करें।
कॉन्स्टिट्यूशन एंड प्रोस्पेक्टिव्स आफ गवर्नमेंट इंटरफ्रेंस इन टेंपल विषय पर पर सुप्रीम कोर्ट के विख्यात एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने बात करते हुए भारत के मंदिरों के अधिकारों तथा सरकार की भूमिका पर चर्चा की। इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन फॉर भारत विषय पर बात करते हुए मशहूर वक्ता एडवोकेट जे साई दीपक ने कहा कि देश काल वातावरण के अनुसार हर नियम में बदलाव जरूरी है इसलिये अब समय है हम अपने संविधान का भी पुनरावलोकन करें।
यूथ अवेकनिंग मिशन युवाओं के उत्थान हेतु समर्पित एक ऐसा संगठन है जो समय-समय पर बौद्धिक चर्चाओं के माध्यम से देश के ज्वलंत मुद्दों पर न सिर्फ बात करता है बल्कि उनका समाधान खोजने का प्रयास भी करता है। आज के समकालीन भारतीय समाज में जहां पारंपरिक चर्चा के साथ-साथ सोशल मीडिया के माध्यम से अनेक मुद्दों पर चर्चा होती रहती है। वहां संविधान की भूमिका पर बात करना आवश्यक हो जाता है, क्योंकि आजकल अपने हिसाब से संविधान की गलत व्याख्या कर अपनी बात को सही ठहराने का एक चलन बढ़ गया है।
यूथ अवेकनिंग मिशन यह मानता है कि संविधान की गलत व्याख्या करने के बजाए इसके सभी पहलुओं की सही व्याख्या देश के नागरिकों तक पहुंचनी चाहिए जिसमें विरोध के स्थान पर विभिन्न विद्वानों तथा कानूनी विशेषज्ञों द्वारा उचित एवं सार्थक चर्चा की जाए ताकि आज के युवा बेहद जटिल परंतु आवश्यक सामाजिक, राजनीतिक मुद्दों की समझ रख सके तथा इस विषय पर तथ्यपरक ज्ञान को प्राप्त कर सकें।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन आश्रम की सचिव डॉ. कविता अस्थाना ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन यूथ अवेकनिंग मिशन के राष्ट्रीय संयोज गर्वित विज एवं अन्य सदस्यों द्वारा किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों के रूप में कर्नल टी. पी. त्यागी, राजेन्द्र छिब्बर, अनुज अग्रवाल, संदीप त्यागी, ADJ ज्योतसना शर्मा तथा पूर्व ADJ उमाशंकर शर्मा उपस्थित रहे।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन आश्रम की सचिव डॉ. कविता अस्थाना ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन यूथ अवेकनिंग मिशन के राष्ट्रीय संयोज गर्वित विज एवं अन्य सदस्यों द्वारा किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों के रूप में कर्नल टी. पी. त्यागी, राजेन्द्र छिब्बर, अनुज अग्रवाल, संदीप त्यागी, ADJ ज्योतसना शर्मा तथा पूर्व ADJ उमाशंकर शर्मा उपस्थित रहे।
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