नॉर्थ ईस्‍टर्न इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद एंड होम्‍योपैथी (NEIAH) के छह नए भवनों का निर्माण कार्य पूरा, दूसरे चरण का उद्घाटन

० योगेश भट्ट ० 
नई दिल्ली : नॉर्थ ईस्‍टर्न इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद एंड होम्‍योपैथी (NEIAH) में क्षमता विस्‍तार के तहत् परियोजना II के छह नए भवनों का उद्घाटन किया गया । इन नए भवनों के निर्माण पर ₹60 करोड़ से अधिक की लागत आयी है। इस अवसर पर, केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग तथा आयुष मंत्री सर्बनंदा सोनोवाल ने कहा, ''मुझे यह देखकर बेहद खुशी हो रही है कि हम शिलॉन्‍ग में संस्‍थान के छह नए भवनों का उद्घाटन कर रहे हैं। इनसे इस प्रतिष्ठित संस्‍थान की क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा जो क्षेत्र में पारंपरिक चिकित्‍सा विज्ञान को और बढ़ावा देगा। हम पारंपरिक चिकित्‍सा क्षेत्र में साक्ष्‍य आधारित शोध को आधुनि‍क चिकित्‍सा पद्धति के साथ तालमेल रखते हुए आगे बढ़ा रहे हैं।
हमें आने वाले वर्षों में, देश में हैल्‍थकेयर सॉल्‍यूशंस डिलीवरी सिस्‍टम में इंटीग्रेटिव मेडिसिन की महत्‍वपूर्ण भूमिका दिखायी दे रही है। संस्‍थान में छह नए भवनों के निर्माण कार्य के लिए सरकार द्वारा किया गया निवेश भी देश के इस क्षेत्र में पारंपरिक चिकित्‍सा पद्धति को पुनर्जीवित करने के हमारे प्रयासों को और मजबूत बनाएगा।  संस्‍थान में जिन छह नए भवनों का उद्घाटन किया गया है उनमें एक लड़कों का हॉस्‍टल है जिसमें 104 छात्रों के रहने की व्‍यवस्‍था है, इसी तरह लड़कियों के हॉस्‍टल में भी 104 छात्राएं रह सकती हैं। इनके अलावा, टाइप III क्‍वार्टर की 8 यूनिटें, टाइप IVA क्‍वार्टर की 6 यूनिटें, टाइप IVB एवं डायरेक्‍टर्स रेजीडेंस की 7 यूनिटों समेत 25 यूनिटों वाले सीनियर रेजीडेंट ऑस्‍टल, 19 कमरों और 2 स्‍वीट्स के एक गैस्‍ट हाउस भी शामिल हैं। इन भवनों का निर्माण कार्य कुल ₹60.16 करोड़ की लागत से किया गया है।
पारंपरिक चिकित्‍सा में पूर्वोत्‍तर की भूमिका के बारे में, सर्बनंदा सोनोवाल ने कहा, ''हमारे पूर्वोत्‍तर क्षेत्र पर पृथ्‍वी की अपार कृपा है और यहां उपलब्‍ध प्राकृतिक संपदा कितनी ही सदियों से कई पीढ़‍ियों को स्‍वास्‍थ्‍यलाभ देती रही हैं। हम इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहते हैं ताकि इनकी बदौलत और बहुत से लोगों को भी बेहतर जीवन जीने का मौका मिल सके। देश में चिकित्‍सा शोधकार्यों के लिए क्षमता निर्माण एवं विस्‍तार करते हुए वैज्ञानिक आधार को मजबूत करने पर भी हमारा ज़ोर है। मुझे विश्‍वास है कि आज जिन नए भवनों का शुभारंभ किया गया है वे इस लक्ष्‍य को हासिल करने में एनईआईएएच के लिए महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।''

एनईआईएएच में इलाज के लिए आने वाले मरीज़ों की संख्‍या में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है और यहां बेहतर परिणाम मिलने के चलते लोगों का भरोसा संस्‍थान पर बढ़ रहा है। विव 2022-23 के दौरान, अस्‍पताल के ओपीडी क्‍लीनिकों में 52,088 मरीज़ों ने इलाज करवाया जबकि 504 मरीज़ उपचार एवं स्‍वास्‍थ्‍यलाभ के लिए आईपीडी में भर्ती हुए। अतिथियों में डॉ मज़ेल अंपरीन लिंगडोह, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री, मेघालय सरकार के अलावा अल हेक, पशुपालन एवं पशु चिकित्‍सा मंत्री, मेघालय सरकार, प्रोफे. प्रभा शंकर शुक्‍ला, वाइस चांसलर, नॉर्थ ईस्‍टर्न हिल यूनीवर्सटी (एनईएचयू), प्रोफे. (डॉ) नलिन मेहता, डायरेक्‍टर, नॉर्थ ईस्‍टर्न इंदिरा गांधी रीजनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ हैल्‍थ एंड मेडिकल साइंसेज़ (एनईआईजीआरआईएचएमएस) तथा डॉ नीता महेसेकर, डायरेक्‍टर, एनईआईएएच भी उपस्थित थे।

एकेडमिक्‍स के क्षेत्र में, एनईआईएएच में अब तक बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) तथा बैचलर ऑफ होम्‍योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) में छह अंडरग्रेजुएट बैचों को भर्ती किया जा चुका है। 2016-17 में 50 छात्रों के साथ शुरुआत करने वाले संस्‍थान में अब प्रत्‍येक बैच में 63 छात्रों को भर्ती किया जा रहा है। संस्‍थान द्वारा संचालित सभी कोर्स नॉर्थ ईस्‍टर्न हिल यूनीवर्सटी (एनईएचयू), शिलॉन्‍ग, मेघालय से संबद्ध हैं।

नॉर्थ ईस्‍टर्न इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद एंड होम्‍योपैथी (एनईआईएएच) भारत सरकार के अधीन आयुष मंत्रालय के तहत् एक स्‍वायत्‍त संस्‍थान है। एनईआईएएच की स्‍थापना पूर्वोत्‍तर क्षेत्र तथा सिक्किम के लोगों को आयुर्वेद एवं होम्‍योपैथी पद्धति से स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं प्रदान करने के लिए की गई थी। संस्‍थान अपने संबद्ध अस्‍पतालों के साथ-साथ फिलहाल एक आयुर्वेद तथा एक होम्‍योपैथी कॉलेज का संचालन भी करता है। संस्‍थान 60 बिस्‍तरों वाले आयुर्वेदिक तथा 20 अस्‍पतालों वाले होम्‍योपैथी अस्‍पतालों का संचालन कर रहा है। एनईआईएएच कैम्‍पस में स्थित अस्‍पतालों में प्राइवेट वार्डों के अलावा, लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर, योग सेंटर, फिथियोथेरेपी यूनिट, पंचकर्ता यूनिट आदि की सुविधाएं उपलब्‍ध हैं। 

एनईआईएएच कैम्‍पस में स्थित अस्‍पतालों में प्राइवेट वार्डों के अलावा, लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर, योग सेंटर, फिथियोथेरेपी यूनिट, पंचकर्ता यूनिट आदि की सुविधाएं उपलब्‍ध हैं। इनके अलावा, यहां ईसीजी, अल्‍ट्रासाउंड, एक्‍स-रे, लैबोरेट्रीज़, नाड़ी तरंगिनी आदि की भी सुविधाएं मौजूद हैं। संस्‍थान में 7 आयुर्वेदिक ओपीडी और 5 होम्‍योपैथी ओपीडी भी कार्यरत हैं। इनके अलावा, यहां पूर्ण सुसज्जित आईपीडी भी है जिसके अंतर्गत आयुर्वेद में 60 और होम्‍योपैथी में 20 बिस्‍तरों की सुविधा है। संस्‍थान 20 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला है।

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