फिलिपिंस में खुदाई में मिला 10000 हजार साल पुराना त्रिशूल और 3 हजार साल पुराना वज्र
नई दिल्ली -भारतीय सभ्यता और संस्कृति की जड़ें न केवल भारत में, बल्कि यहां से हजारों किलो मीटर दूर विश्व के अन्य देशों में फैली हैं। ये कहना है, बेंगलुरू निवासी शोधार्थी और खादान व्यापारी सैयद समीर हुसैन का। नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक प्रेस वार्ता में सैयद समीर हुसैन ने कहा कि फिलिपिंस में भी सनातन संस्कृति के प्रमाण मिले हैं। फिलिपिंस में हुई खुदाई में इंद्र के वज्र और भगवान शिव के त्रिशूल प्राप्त हुए हैं। जो यह प्रमाणित करते हैं कि भारत देश की संस्कृति और सनातन धर्म इतना विशाल है कि भारत से लगभग 4 हजार किलो मीटर दूर फिलिपिंस में सनातन संस्कृति विकसित थी।
सैयद समीर हुसैन ने कहा कि यह त्रिशूल और वज्र उनको फिलिपिंस की पहाड़ी में खुदाई के दौरान 2015 में प्राप्त हुए थे जिसे वह 2016 में भारत लाए। उनका कहना है कि यह प्राप्त होने के बाद, लगभग 8 सालों तक इस पर शोध किया और वो दावे से कह रहे हैं कि यह त्रिशूल शिव भगवान का है और यह वज्र इंद्र भगवान का ही है। समीर का कहना है कि त्रिशूल लगभग 10 हजार साल पुराना है जबकि वज्र 3 हजार साल पुराना है।
समीर बताते हैं कि इस त्रिशूल और वज्र की प्रामाणिकता को लेकर उन्होंने पुरातत्वविदों से मुलाकात की। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इसे अक्टूबर 2016 में घोषित किया है कि यह पुरातन वस्तु है। यही नहीं समीर हुसैन का कहना है कि उन्होंने कई धर्म गुरुओं से भी मुलाकात की और उनसे जानना चाहा कि इस वज्र और त्रिशूल का क्या करना चाहिए, लोगों ने इस पर अलग अलग राय दी।
समीर बताते हैं कि इस त्रिशूल और वज्र की प्रामाणिकता को लेकर उन्होंने पुरातत्वविदों से मुलाकात की। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इसे अक्टूबर 2016 में घोषित किया है कि यह पुरातन वस्तु है। यही नहीं समीर हुसैन का कहना है कि उन्होंने कई धर्म गुरुओं से भी मुलाकात की और उनसे जानना चाहा कि इस वज्र और त्रिशूल का क्या करना चाहिए, लोगों ने इस पर अलग अलग राय दी।
सैयद समीर हुसैन का कहना है कि कई लोगों ने इसे खरीदने की भी इच्छा जताई लेकिन मेरे लिए यह भगवान का वरदान है और मैं इसे अपने घर में रखता हूं और हर साल इसकी पूजा कराता हूं।
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