1400 साल बाद भी बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर पालम गांव : सोलंकी
० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली। 1400 साल पुराना पालम गांव के लोग इन दिनों सीवर जाम की समस्या से परेशान है। ऐतिहासिक पालम गांव में सीवर व्यवस्था चरमराई हुई है। सीवर जाम होने के कारण नालियां घरों में बैक मार रही है। प्रशासन को कई बार शिकायत करने के बावजूद अधिकारी सुस्त पड़े हुए हैं। आलम यह है कि लोग अपने घरों में ठीक से शौचालय का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं और ना ही लोग नहा पा रहे हैं। यहां तक कि लोगों को घरों में रहना दूभर हो गया है।
नई दिल्ली। 1400 साल पुराना पालम गांव के लोग इन दिनों सीवर जाम की समस्या से परेशान है। ऐतिहासिक पालम गांव में सीवर व्यवस्था चरमराई हुई है। सीवर जाम होने के कारण नालियां घरों में बैक मार रही है। प्रशासन को कई बार शिकायत करने के बावजूद अधिकारी सुस्त पड़े हुए हैं। आलम यह है कि लोग अपने घरों में ठीक से शौचालय का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं और ना ही लोग नहा पा रहे हैं। यहां तक कि लोगों को घरों में रहना दूभर हो गया है।
पालम गांव निवासी व समाजसेवी ओमवीर सोलंकी ने बताया की सीवर जाम की समस्या पिछले 15-20 दिन से है। फेडरेशन ऑफ साउथ-वेस्ट डिस्ट्रिक्ट वेलफेयर फोरम के चेयरमैन रणबीर सिंह सोलंकी ने कहा कि पालम गांव की सरजमी पर द्वारका बसी है लेकिन अभी तक पालम गांव के लोगों को बुनियादी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई है। जहां पेय जल आपूर्ति बाधित रहती है वही सीवर जाम रहता ही है।
महिलाओं ने प्रधान को बताया की पालम गांव स्थित मकान नंबर 1128 से लेकर शहीद रामफल चौक तक मुख्य सीवर लाइन की सफाई जब तक नहीं होगी तब तक स्थाई समाधान नहीं होगा। सोलंकी ने प्रशासन से मांग की है कि पालम गांव पर सरकार ध्यान दे और मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराए।
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