चांदी की पालकी पर सवार हो नगर भ्रमण को निकली तीज माता
० आशा पटेल ०
जयपुर । जयपुर शहर में परम्परा और रीति-रिवाजों के साथ तीज माता की सवारी निकाली गई। तीज माता की सवारी के देखने के लिए जयपुरवासियों सहित विदेशी सैलानियों ने तीज माता की सवारी देखी। विदेशी सैलानी तीज माता की सवारी के साथ चल रहे शाही लवाजमे को देख अभिभूत नजर आए। आस्था और उमंग के सैलाब के बीच जैसे ही त्रिपोलिया गेट से तीज माता की सवारी नगर भ्रमण के लिए निकली तो त्रिपोलिया के झरोखों से सवारी पर गुलाब की पंखुडियां की वर्षा की गई, जिसने माहौल को भक्तिमय कर दिया।
पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत के अनुसार इस बार तीज की सवारी देखने जिस तरह से शहर उमड़ा यह सुखद संकेत हैं जो बरसों के बाद देखने को मिला। शेखावत ने बताया की विभाग की ओर से तीज-त्यौहार और मेलों का आयोजन परम्पराओं और रीति-रिवाजों को अक्षुण्ण बनाए रखने में सहायक होते हैं। उन्होंने बताया कि विदेशी मेहमानों के लिए हिन्द होटल की छत पर बैठने की व्यवस्था की गई साथ ही उन्हें तीज के अवसर पर बनने वाली विशेष व्यंजन घेवर खिलाकर उनका मुंह मीठा करवाया गया। उन्होंने बताया की तीज के अवसर पर प्रदेश भर के करीब 130 से अधिक लोक कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी।
इससे पूर्व जयपुर के पूर्व राजघराने की महिलाओं ने जनानी ड्योढ़ी में तीज माता की पूजा-अर्चना करते हुए, लोकगीत के बीच माता की पालकी को रवाना किया और पूर्व राजघराने के सदस्य पद्मनाभ सिंह ने त्रिपोलिया गेट पर तीज माता को विधिवत भोग अर्पित किया और फिर तीज माता की सवारी त्रिपोलिया गेट से होकर छोटी चौपड़, चौगान स्टेडियम होते हुए तालकटोरा पहुंचकर विसर्जित हुई। रविवार की शाम को बूढ़ी तीज की सवारी निकाली जाएगी।
बस्सी के कलाकारों ने कच्ची घोड़ी नृत्य, बालोतरा के कलाकारों ने आंगी गैर नृत्य, जयपुर के कलाकारों ने कालबेलिया, डीग के कलाकारों ने मयूर नृत्य, बीकानेर के कलाकारों द्वारा मश्क वादन, शाहपुरा के कलाकारों द्वारा बहरूपिया कला का प्रदर्शन किया गया। ठेठ राजस्थानी परम्परागत पोशाक और राजस्थानी दाढ़ी में ऊंट पर सवार बीकानेर के रौबीलों ने मुंह में तलवार लिए हर हर महादेव की जयघोष के साथ अपने शौर्य का प्रदर्शन किया।
जयपुर । जयपुर शहर में परम्परा और रीति-रिवाजों के साथ तीज माता की सवारी निकाली गई। तीज माता की सवारी के देखने के लिए जयपुरवासियों सहित विदेशी सैलानियों ने तीज माता की सवारी देखी। विदेशी सैलानी तीज माता की सवारी के साथ चल रहे शाही लवाजमे को देख अभिभूत नजर आए। आस्था और उमंग के सैलाब के बीच जैसे ही त्रिपोलिया गेट से तीज माता की सवारी नगर भ्रमण के लिए निकली तो त्रिपोलिया के झरोखों से सवारी पर गुलाब की पंखुडियां की वर्षा की गई, जिसने माहौल को भक्तिमय कर दिया।
पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत के अनुसार इस बार तीज की सवारी देखने जिस तरह से शहर उमड़ा यह सुखद संकेत हैं जो बरसों के बाद देखने को मिला। शेखावत ने बताया की विभाग की ओर से तीज-त्यौहार और मेलों का आयोजन परम्पराओं और रीति-रिवाजों को अक्षुण्ण बनाए रखने में सहायक होते हैं। उन्होंने बताया कि विदेशी मेहमानों के लिए हिन्द होटल की छत पर बैठने की व्यवस्था की गई साथ ही उन्हें तीज के अवसर पर बनने वाली विशेष व्यंजन घेवर खिलाकर उनका मुंह मीठा करवाया गया। उन्होंने बताया की तीज के अवसर पर प्रदेश भर के करीब 130 से अधिक लोक कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी।
इससे पूर्व जयपुर के पूर्व राजघराने की महिलाओं ने जनानी ड्योढ़ी में तीज माता की पूजा-अर्चना करते हुए, लोकगीत के बीच माता की पालकी को रवाना किया और पूर्व राजघराने के सदस्य पद्मनाभ सिंह ने त्रिपोलिया गेट पर तीज माता को विधिवत भोग अर्पित किया और फिर तीज माता की सवारी त्रिपोलिया गेट से होकर छोटी चौपड़, चौगान स्टेडियम होते हुए तालकटोरा पहुंचकर विसर्जित हुई। रविवार की शाम को बूढ़ी तीज की सवारी निकाली जाएगी।
बस्सी के कलाकारों ने कच्ची घोड़ी नृत्य, बालोतरा के कलाकारों ने आंगी गैर नृत्य, जयपुर के कलाकारों ने कालबेलिया, डीग के कलाकारों ने मयूर नृत्य, बीकानेर के कलाकारों द्वारा मश्क वादन, शाहपुरा के कलाकारों द्वारा बहरूपिया कला का प्रदर्शन किया गया। ठेठ राजस्थानी परम्परागत पोशाक और राजस्थानी दाढ़ी में ऊंट पर सवार बीकानेर के रौबीलों ने मुंह में तलवार लिए हर हर महादेव की जयघोष के साथ अपने शौर्य का प्रदर्शन किया।
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