दिल्ली सरकार के ग्रीन वार रुम के सेनानी, कहां है धूल निरोधक दस्ता, कहां हैं पर्यावरण मंत्री

० योगेश भट्ट ० 
नयी दिल्ली -रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन बरवाला गांव के अध्यक्ष वत्स ने दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली सरकार के धूल निरोधक दस्ते को बवाना विधानसभा क्षेत्र के गांव बरवाला का दौरा करने का निमंत्रण दिया है। पिछले दो सालों से बरवाला गांव की पीडब्ल्यूडी विभाग की मुख्य सडक पर चौबीसों घंटे धूल उड़ती रहती है। जिससे स्थानीय दुकानदारों और बस टाप पर बसों का इंतजार कर रहे यात्रियों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। नहा धो कर आदमी आता है और मिनटों में धूल से नहा जाता है‌

सड़क पर रोड के सैंटर वर्ज के साथ रेत जमा है। सड़क के दोनों और गंदगी और कूड़ा पड़ा रहता है। एमसीडी के सफाई कर्मचारी यह कह कर सफाई और जमा रेत उठाने से इंकार कर देते हैं कि यह काम हमारा नहीं है यह पीडब्ल्यूडी का काम है। दो विभागों की नूराकुश्ती में गांव में धूल से वायु प्रदूषण बढ़ गया है। गांव के यूनियन बैंक से लेकर निर्माणाधीन यूईआर-2 के सारी सड़क बुरी तरह टूटी हुई है। बड़े बड़े गड्ढे हो गये हैं। नाले का गंदा पानी सड़क पर आ रहा है। 

दुपहिया वाहन और पैदल चलने वालों को चलने का कोई रास्ता नहीं है।उड़ती हुई धूल, गंदगी इसकी शिकायतें दिल्ली की महापौर डा.शैली ओबेरॉय, पीडब्ल्यूडी मंत्री सुश्री आतिशी, पर्यावरण मंत्री श्री गोपाल राय, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली नगर निगम, पीडब्ल्यूडी सभी को दी गयी हैं। कहने को दिल्ग्री सरकार ने एक ग्रीन वार रुम बनाया है वो कहां है कहां काम कर रहा इसका पता नहीं। 

पर्य‌ावरण मंत्री को फोन किया तो उनके आफिस से कहा गया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति में फोन करो‌ जो नंबर उन्होंने बताया उसकी घंटी बजती रही‌। किसी ने फोन नहीं उठाया। दोबारा मंत्री गोपाल राय के आफिस में फोन मिलाया तो उन्होंने का ग्रीन दिल्ली ऐप डाउनलोड करके शिकायत करने की सलाह दी। जबकि हम डीपीसीसी सहित सभी संबंधित जिम्मेदार लोगों को सूचित कर चुके हैं। लेकिन गंदगी, उड़ती हुई धूल, टूटी सडक ज्यों की त्यों है। 

यहां इन सबके चलते घंटों जाम लगता है। दयानंद वत्स भारतीय ने दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी, धूल निरोधक दस्ते, ग्रीन वार रुम के सेनानियो और सभी संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को बरवाला गांव में धरातल पर आकर स्थिति को देखने का निमंत्रण दिया है। पर्यावरण के नाम पर लीपापोती हो रही है।

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