सिग्निफाई की सीएसआर पहल 'हर गाँव रोशन' सुंदरबन में हजारों लोगों के जीवन को रोशन करने का माध्यम बनी

0 योगेश भट्ट 0

सुंदरबन, भारत: लाइटिंग (lighting) क्षेत्र में विश्व की प्रमुख कंपनी, सिग्निफाई (Signify) (यूरोनेक्स्ट: लाइट), ने सोसाइटी फॉर सोशियो इकोनॉमिक एंड इकोलॉजिकल डिपार्टमेंट (एसईईडी) के सहयोग से अपनी सीएसआर पहल 'हर गाँव रोशन' (HarGaonRoshan) के तहत दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव वन सुंदरबन के 25 गाँवों को रोशन किया है, जिससे 50000 से अधिक लोगों को लाभ हुआ है।

सुंदरबन को अपने पारिस्थितिक महत्व के लिए विशेष पहचान प्राप्त है, जिस पर मौसम की गंभीर स्थिति और चक्रवातों की वजह से प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। सिग्निफाई इंडिया के 'हर गाँव रोशन' सीएसआर कार्यक्रम के माध्यम से, 1,000 परिवारों को एकल सोलर स्ट्रीटलाइट्स और 100 परिवारों को घरेलू सोलर सिस्टम्स प्राप्त हुए हैं, इसके साथ ही सुंदरबन में 50 सोलर स्ट्रीटलाइट्स स्थापित की गई हैं। उक्त क्षेत्र में परिवारों और इलाकों की बेहतरी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने पर इस कार्यक्रम का उल्लेखनीय प्रभाव 

इस प्रोजेक्ट पर टिप्पणी करते हुए, निखिल गुप्ता, हेड- मार्केटिंग और कमर्शियल ऑपरेशन्स, सिग्निफाई इंडिया- सीएसआर, सिग्निफाई इनोवेशन इंडिया, ने कहा, "हम अपनी सीएसआर पहल और वंचित विविध समुदायों के विकास के लिए अपने गहन दृष्टिकोण के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। हमारी यह पहल दूरदराज के गाँवों को रोशन करने की आवश्यकता को पूरा करने पर आधारित है। 

हमें उम्मीद है कि ये सोलर स्ट्रीटलाइट्स, लालटेन और घरेलू लाइट्स गाँव को रोशन करने में दीर्घकालिक समाधान की पेशकश करेंगे। सिग्निफाई की 'हर गाँव रोशन' पहल सुंदरबन में जीवन को बेहतर बनाने में ही मदद नहीं कर रही है, बल्कि एक बेहतर भविष्य के लिए इसके हरे-भरे मैंग्रोव वनों को संरक्षित करने में भी सहायक सिद्ध हो रही है।

सौर ऊर्जा से चलने वाले इन समाधानों ने केरोसीन पर निर्भरता को लगभग खत्म कर दिया है और स्वच्छ तथा हरित प्रकाश विकल्प प्रदान किए हैं। सौर प्रकाश की उपलब्धता विशेष रूप से बच्चों के जीवन में सार्थक बदलाव लाने का माध्यम बनी है। इससे उन्हें शाम के समय अध्ययन करने और उनकी शैक्षिक संभावनाओं को बढ़ावा मिला है। 

इतना ही नहीं, इसने सामाजिक-आर्थिक विकास में महिलाओं की भूमिका में तेजी लाने में सक्षम बनाया है, मानव वन्यजीव संघर्षों को कमतर किया है और साथ ही यह रात के समय नौकाओं के लिए सहायक बना है। 

और तो और, यह मछुआरों, केकड़ा शिकारियों और शहद संग्रहकर्ताओं के समुदायों को उनके जीवनयापन के लिए दृढ़ता से सहायता प्रदान करने का माध्यम भी बना है।

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