कर्पूरी ठाकुर जैसी सादगी अब कहाँ : जस्टिस सुदर्शन रेड्डी

आशा पटेल 0

हैदराबाद। समाजवादी नेता एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जन्मशती समारोह का आयोजन लोहिया विचार मंच, हैदराबाद और जननायक कर्पूरी ठाकुर फाउंडेशन द्वारा आबिदस स्थित पीपुल्स एजुकेशन ट्रस्ट के सभागार में किया गया.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एवं समाजवादी चिंतक प्रो. राजकुमार जैन, मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री एवं आपातकाल में कुछ समय के लिये कर्पूरी के भूमिगत सहयोगी रहे रमाशंकर सिंह शामिल थे.

बी. सुदर्शन रेड्डी ने अपने संबोधन में कर्पूरी ठाकुर को शुचिता की राजनीति का प्रतीक बताया. प्रो. राजकुमार जैन ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को गुदड़ी का लाल कहा जाता है. राजनीति में इस तरह की सादगी अब देखने को नहीं मिलती .

कार्यक्रम की अध्यक्षता लोहिया विचार मंच हैदराबाद के अध्यक्ष एवं पूर्व न्यायाधीश टी. गोपाल सिंह ने किया. अपने अध्यक्षीय भाषण में गोपाल सिंह ने कर्पूरी ठाकुर के व्यक्तिव पर प्रकाश डाला और पटना में कर्पूरी ठाकुर के साथ अपने संस्मरण साझा किए.

जननायक कर्पूरी ठाकुर फाउंडेशन के अध्यक्ष सूर्यनारायण थे. इस कार्यक्रम में एडवोकेट दामोदर रेड्डी समेत हैदराबाद के कई प्रबुद्ध व्यक्ति शामिल थे. राजकुमार जैन ने कहा कि हैदराबाद में कर्पूरी ठाकुर जनशताब्दी समारोह के अवसर पर साथी गोपाल सिंह ने सोशलिस्ट तहरीक के हमारे गौरव कर्पूरी ठाकुर की जन्मशताब्दी समारोह की कड़ी में आपने-अपने साथियों सूर्य नारायण आदि के सहयोग से जो शानदार आयोजन हैदराबाद में आयोजित किया उसके लिए आपकी तारीफ करना महज एक औपचारिकता ही सोशलिस्टों के दिलों में हैदराबाद का एक खास मुकाम है। 

यहीं पर डॉक्टर लोहिया ने सोशलिस्ट पार्टी बनाने पर अपना मुख्य मरकज बनाया था। यह वही शहर है जहां लोहिया के दीवाने मरहूम बद्री विशाल पित्ती ने जो शहर के मशहूर मालदार खानदान के वारिश होने के बावजूद एक मिशनरी के रूप में समाजवादी आंदोलन को मजबूत बनाने में अपने को खपा दिया था। उन्हीं की लगन और मेहनत के कारण समाजवादी साहित्य का संकलन तथा प्रकाशन संभव हुआ। मुझे फख्र है कि मेरे 50 साल से अधिक पुराने सोशलिस्ट साथी गोपाल सिंह भी उसी तरह हर प्रकार की दुश्वारियों के बावजूद तेलंगाना, खासतौर से हैदराबाद में उसी शिद्दत, समर्पण से लगे रहते हैं। 

इस मौके पर हमें कई पुराने सोशलिस्ट साथियों के साथ गुफ्तगू करने का आनंद तथा आंदोलन व विचारधारा को कैसे आगे बढ़ाया जाए पर चर्चा करने का मौका भी मिला। आपने मेरी तथा रमाशंकर  की जिस खुलूस्, मोहब्बत के साथ खातिरदारी तथा सानिध्य दिया वह भी एक यादगार बन गया है। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन एडवोकेट दामोदर रेड्डी ने किया.

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