हो ची मिन्ह में आयोजित नार्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में एयर कनेक्टिविटी और बिजनस टॉक्स

० योगेश भट्ट ० 
हो ची मिन्ह : वियतनाम के हो ची मिन्ह में आयोजित तीसरा नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल भारत और वियतनाम के सांस्कृतिक, कूटनीति और द्विपक्षीय सहयोग में एक मील का पत्थर है। जोकि बेहद उत्साह से भरा साबित हुआ। जिसमें जहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उत्साह दिखा तो वहीं दोनों देशों के बीच व्यापारिक चर्चाएं भी सकारात्मक उत्साह के साथ आगे बढ़ीं। यह कार्यक्रम शिक्षा, व्यापार और सांस्कृतिक जागरूकता पर रचनात्मक संवाद जैसे विषयों पर मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और व्यापार जगत के लोगों के साथ-साथ भारत और वियतनाम के प्रतिष्ठित लोगों को एक साथ लाया।

 फेस्टीवल में प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने व बढ़ावा देने में कला की ताकत को रेखांकित किया। एक उदाहरण प्रस्तुत किया कि किस प्रकार कला के माध्यम से दो देश एक दूसरे के करीब आ सकते हैं और संबंधों को प्रगाढ़ किया जा सकता है। जिसमें नार्थ ईस्ट इंडिया से 20 टूर ऑपरेटरों और वियतनाम से 52 टूर ऑपरेटरों का स्वागत किया गया। इस इवेंट में नार्थ ईस्ट इंडिया में टूरिज्म क्षमता व संभावनाओं पर प्रकाश डालने वाली झलकियां प्रस्तुत की गईं। जिसमें प्रतिष्ठित वक्ताओं का दृष्टिकोण भी शामिल रहा। साथ ही डीलक्स होटलों पर हुई चर्चा ने हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री की ग्रोथ पर भी प्रकाश डाला।

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के रीज़नल डायरेक्टर अनिल ओराव ने द्विपक्षीय पर्यटन और व्यापार की संभावनाओं पर जोर देते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य वियतनाम के टूर ऑपरेटरों को भारत के चकित कर देने वाले स्थानों से परिचित कराना है। हमारा यह आदान प्रदान न केवल दोनों देशों की सांस्कृतिक समझ को समृद्ध करेगा बल्कि पर्यटन और ट्रेड बिजनस को भी बढ़ावा देगा।

 वियतनाम के इंटरनेशनल एंटरप्रेन्योर्स नेटवर्किंग क्लब के निदेशक दिन्ह विन्ह कुओंग ने कहा – हम वियतनाम और नार्थ ईस्ट इंडिया के बीच डायरेक्ट फ्लाइट रूट शुरु कर रहे हैं। इस पर मेरी श्यामकनु महंत के साथ सकारात्मक सार्थक चर्चा हुई है और मुझे यह बात शेयर करते हुए खुशी हो रही है। मैं आने वाले महीनों में नॉर्थ ईस्ट इंडिया में 22 निवेशकों के साथ एक प्रतिनिधिमंडल लेकर आऊंगा और नॉर्थ ईस्ट इंडिया को एक्सप्लोर करूंगा।

इसके बाद निवेश और व्यापार सत्र में नॉर्थ ईस्ट इंडिया का प्रतिनिधित्व करने वाली 30 कंपनियों और वियतनाम की 80 कंपनियों के बीच एक्टिव पार्टिसिपेशन देखा गया। साथ ही भारत और वियतनाम के बीच व्यापार और निवेश संबंधों से लेकर एग्रीकल्चर, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में संभावनाओं तक व्यापार और निवेश के अवसरों के व्यापक स्पेक्ट्रम को शामिल किया गया। जिसमें नॉर्थ ईस्ट के क्षेत्रों के फायदों को हाइलाइट किया गया। यह सभी चर्चाएं दोनों देशों के व्यावसायिक सहयोग और निवेश के अवसरों को बढ़ावा देने में सहायक रहीं।

द पीपल –टू- पीपल एक्सचेंज मीट में दोनों देशों के बीच अकेडमिक एक्सचेंज के अवसरों पर प्रकाश डालते हुए नॉर्थ ईस्ट इंडिया और वियतनाम के बीच एतिहासिक संबंधों पर व्यावहारिक चर्चा की पेशकश की गई। दोनों देशों के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के सम्मानित प्रतिनिधियों ने क्रॉस कल्चरल लर्निंग के महत्व पर जोर देते हुए अपने पक्ष अर्थात नज़रिए को रखा।

नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के मुख्य आयोजक श्यामकनु महंत ने कहा – इस फेस्टिवल की अब तक की जो प्रतिक्रियाएं हमें मिली हैं वह अदभुत रही हैं। फेस्टिवल के पहले दिन उदघाटन के अवसर पर वियतनाम के विभिन्न प्रांतों के नेताओं की उपस्थिति देखी गई। जो अब तक हुई सार्थक चर्चाओं में शामिल हुए। आज के ट्रेड और टूरिज्म की चर्चा में डोनर मंत्रालय भारत सरकार और इंवेस्ट इंडिया द्वारा समर्थित वियतनामी इंडस्ट्री अत्याधिक प्रोडक्टिव रहे। यह प्रोग्राम वियतनाम में भारत की अब तक की सबसे बड़ी पहल है। 

मुझे खुशी है कि नॉर्थ ईस्ट इंडिया ने वियतनाम को डेस्टिनेशन के रूप में प्रदर्शित करने और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने का मार्ग प्रशस्त किया। मोदी की एक्ट ईस्ट पॉलिसी को लेकर हम आशावादी हैं। यह प्रयास न केवल हमारे दशों के बीच सार्थक संबंध बनाएगा बल्कि एजुकेशन, कल्चर और ट्रेड की दुनिया में भी महत्वपूर्ण और रणनीतिक परिणाम भी देगा। भारत से हमारे प्रतिनिधि और हम वियतनाम के स्थानीय स्टेकहोल्डर्स द्वारा दिए गए समर्थन की बहुत सराहना करते हैं।

एचसीएमसी में भारत के महावाणिज्य दूत डॉक्टर मदन मोहन सेठी ने इस कार्यक्रम पर विचार व्यक्त करते हुए कहा – नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक सहयोग के पुल के रूप में कार्य करता है। दोनों के बीच पार्टनरशिप और एक्सचेंज की भावना को देखना सुखद है। यह फेस्टिवल इसका प्रतीक है। फेस्टिवल में अतुल्य भारत प्रदर्शनी भी लगाई गई है। जिसमें भारत के अविश्वसनीय स्थानों को प्रदर्शित किया गया है। जिसमें एक टेक्सटाइल ज़ोन, विभिन्न नॉर्थ ईस्ट स्टेट्स का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्यों की विशेष प्रदर्शिनी एरिया और एक्ट ईस्ट पॉलिसी, टी इंडस्ट्री और टूरिज्म से संबंधित विषय शामिल थे।

 वहां मौजूद लोगों को नॉर्थ ईस्ट इंडिया के खास व्यंजनों का स्वाद चखने का मौका भी मिला। यह इंवेट नॉर्थ ईस्ट इंडिया की मनमोहक फोक परफॉमेंस से सजा हुआ था। जिसमें बागुरुम्बा (बोरो), भोरताल (असम), ड्रम एन्सेम्बल और बांसुरी (मेधालय), तिवा नृत्य (असम), म्वासागलांगनाई (बोरो), बिहू नृत्य (असम), मिशिंग (असम) दाओसरी देलाई (बोरो), ड्रम बीटिंग (मेघालय) और जरापगला (बोरो) प्रस्तुतियां शामिल रहीं।

इस दौरान कई खूबसूरत लाइव परफॉरमेंस भी हुईं जिसमें समरसाल्ट इंडिया बैंड, इम्रेनला सोलो प्रस्तुति, ट्रांस इफेक्ट, बाबा, केएल, पमेई और द फैंटास्टिक कंपनी के लाइव म्यूजिक प्रस्तुति ने दर्शकों को बहुत अच्छा अनुभव कराया। संघमित्रा लेबल तहत संघमित्रा फुकन, किनिहो की इबा मल्लई, इंपल्स एम्पावर ब्रांड के हसीना खारबिह और स्टाइल लेबल के तहत याना नगोपा चाकपू सहित नॉर्थ ईस्ट इंडिया के प्रसिद्ध डिजाइनरों ने अपनी कलेक्शन पेश की। मॉडल्स ने कलेक्शन को पेश कर सांस्कृतियों को एक सूत्र में पिरो दिया। डीजे साइको ने अपने संगीत की बीट्स से फेस्टिवल को चरम पर लेजाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

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