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मार्च 3, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
लेखक व उद्यमी राम के शर्मा द्वारा लिखी पुस्तक 'कर्मा एंड यू' कोलकाता में लॉन्च
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० संवाददाता द्वारा ० Kolkata : पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री अरूप विश्वाश ने कहा, सिटी ऑफ जॉय कोलकाता को साहित्य और किताबों का केंद्र बिंदु हमेशा मना जाता रहा हैं। यहां साहित्य की कई चर्चित किताबें पहले से उपलब्ध है। इस अद्भुत पुस्तक के लॉन्चिंग कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरे लिए बेहद खुशी की बात है। प्रभा खेतान फाउंडेशन के साथ वर्षों से मेरा घनिष्ठ रूप से जुड़ाव रहा हैं। मैं शर्मा को उनके ज्ञान, अद्भुत विचारों, दृष्टि और नए विचारों से भरी इस तरह की तथ्यात्मक बेहतरीन और अतुलनीय पुस्तक लिखने के लिए उन्हें तहेदिल से बधाई देता हूं। राम के शर्मा द्वारा लिखी पुस्तक 'कर्मा एंड यू' क्रिएट योर ओन डेस्टिनी के लॉन्च मौके पर आयोजित समारोह में इस पुस्तक को लेकर विस्तृत चर्चा की गयी। कोलकाता की गैर सरकारी सामाजिक संस्था 'प्रभा खेतान फाउंडेशन' (पीकेएफ) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पुस्तक को लॉन्च किया गया। पुस्तक के लॉन्चिंग मौके पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अरूप विश्वाश (पश्चिम बंगाल सरकार में बिजली, आवास, युवा सेवा और खेल मंत्री) और विशिष्ट अतिथि संजीव पुरी (अध्यक्ष सह प्रब
ऐसे तो साफ नहीं होगी दिल्ली की यमुना
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० ज्ञानेन्द्र रावत ० नयी दिल्ली - बीते दिनों एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर यमुना की सफाई के मामले पर सीवरेज ट्रीटमेंट के संदर्भ में मानदण्डों का पालन नहीं किये जाने पर 6100 करोड़ से भी अधिक का जुर्माना लगाया। अपने आदेश में एनजीटी के चेयरमैन माननीय न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि करोडो़ं रुपये खर्च करने के बाद भी यमुना हर दिन दूषित हो रही है। हर दिन तीन हजार एम एल डी से ज्यादा दूषित पानी यमुना में गिर रहा है। पीठ का कहना है कि यमुना की सफाई के अधिकांश मामलों में कहा जाता है कि एसटीपी की संख्या बढ़ाई जायेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और हकीकत में डीपीसीसी की माने तो दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर लगे 35 एसटीपी में से 23 पर निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप काम ही नहीं किया जा रहा है। यही नहीं अक्टूबर 2022 में भी एन जी टी ने दिल्ली सरकार पर उचित कचरा प्रबंधन न होने पर 900 करोड़ का जुर्माना लगाया था जो अभी तक जमा नहीं किया गया है। जबकि दिल्ली सरकार बीते बरसों से यमुना को 2025 तक साफ करके नहाने लायक बनाने का लगातार दावा करती रही है। इस दिशा में वह समय-समय पर लाख कवायद करने का द
अशोक कुमार पांडेय द्वारा लिखित ‘राहुल सांकृत्यायन’ की जीवनी का हुआ लोकार्पण
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० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली. विश्व पुस्तक मेला,में राजकमल प्रकाशन के जलसाघर में तीन नई पुस्तकों माधव हाड़ा की 'वैदेही ओखद जाणे : मीरा और पश्चिमी ज्ञान मीमांसा', कृष्ण कल्पित की 'जाली किताब' और अशोक कुमार पांडेय द्वारा लिखित राहुल सांकृत्यायन की जीवनी 'राहुल सांकृत्यायन : अनात्म बेचैनी का यायावर' का लोकार्पण हुआ। माधव हाड़ा की पुस्तक 'वैदेही ओखद जाणे : मीरा और पश्चिमी ज्ञान मीमांसा' का लोकार्पण हुआ। इस सत्र में पल्लव ने लेखक से बातचीत की। इस दौरान माधव हाड़ा ने कहा कि यूरोपियन शोध में अभी तक मीरा के जीवन के बारे विवरणों का अभाव है। इस पुस्तक में मीरा को उसकी अपनी सांस्कृतिक पारिस्थिकी से अलग, पश्चिमी विद्वता के सांस्कृतिक मानकों पर समझने-परखने के प्रयासों की पड़ताल की गई है़। दूसरे सत्र में पल्लव द्वारा संपादित कथाकार काशीनाथ सिंह की किताब 'बातें हैं बातों का क्या' पर परिचर्चा हुई। इस पर पल्लव ने कहा कि जो लोग काशीनाथ सिंह को पढ़ना चाहते हैं उनके लिये यह किताब उपयोगी साबित होगी। इस किताब में काशीनाथ सिंह के साक्षात्कारों को संकलित किया गया है़। वहीं अग
भाषा गंगा की तरह अपने प्रवाह में संस्कृति, सभ्यता को आत्मसात् करके चलती है
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० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली, "भाषाएं अपनी उपयोगिता, आवश्यकताऔर रोजगार देने की क्षमता के आधार पर आगे बढ़ती हैं। अगर आज हमारी भाषाएं सीमित हैं, तो इसकी जिम्मेदारी हम किसी और पर नहीं डाल सकते।भाषाएं और माताएं अपने पुत्र और पुत्रियों से सम्मानित होती हैं। भारतीय भाषाओं के विकास के लिए हमें ऐसे मार्ग तय करने पड़ेंगे, जिनसे भाषाओं की उन्नति हो।" ये विचार भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो संजय द्विवेदी ने भारतीय भाषा समिति एवं अरुंधती भारतीय ज्ञान परम्परा केंद्र, पी.जी.डी.ए.वी.कॉलेज (सांध्य) के संयुक्त तत्वाधान में ‘भारतीय भाषाएं और भारतीय ज्ञान परम्परा’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान व्यक्त किए। इस अवसर कॉलेज के प्राचार्य प्रो. रवींद्र कुमार गुप्ता, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा से प्रो. उमापति दीक्षित, भारतीय भाषा समिति के सहायक कुलसचिव जे.पी. सिंह एवं संगोष्ठी के समन्वयक प्रो. हरीश अरोड़ा उपस्थित रहे। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि आज स्वभाषाओं के सम्मान का समय है। हिन्दी और भारतीय भाषाएं सशक्त होकर दुनिया के मंच पर स्थापित हो रही हैं। सभी भारतीय भाषाएं हम
10 श्रेष्ठ नाटकों का मंचन : थिएटर की बेहतरीन प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया जायेगा
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० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली - इंडियन थियेटर का सालाना अवार्ड और फेस्टिवल गाला -- महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स (मेटा ) – का आयोजन 23 से 29 मार्च, 2023 तक होगा| महिंद्रा ग्रुप द्वारा स्थापित, इस फेस्टिवल में 13 भिन्न श्रेणियों में चयनित 10 श्रेष्ठ नाटकों का मंचन देश की राजधानी में होगा और थिएटर की बेहतरीन प्रतिभाओं को सम्मानित किया जायेगा| इस अवसर पर थियेटर की प्रसिद्ध हस्तियाँ उपस्थित रहेंगी| वर्ष 2023 के लिए, महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, असम, मणिपुर और राजस्थान सहित समस्त भारत से 395 आवेदन प्राप्त हुए| फेस्टिवल की विविधता को ध्यान में रखते हुए इनमें से 10 श्रेष्ठ नाटकों का चयन किया गया| चयनित नाटक असमी, अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, मारवाड़ी और तमिल सहित अन्य भाषाओं से हैं| मेटा 2023 के नॉमिनेटेड टॉप 10 नाटक हैं: बर्न आउट, चाय गरम, दक्लाकथा देविकाव्या, हुंकारो, नमक, लावणी के रंग, नोशन(स): इन बिटवीन यू एंड मी, नूरनामा: बिरयानी दरबार, द डिपार्टेड डौन और वाया सावरगांव खुर्द | फेस्टिवल में कुछ ऐसे विषयों को भी प्रस्तुत किया जाएगा जो जीवन में आशा और
व्हाट्सऐप यूज़र्स अपने खाते की सुरक्षा के लिए टू-स्टेप वैरिफिकेशन फीचर इनेबल कर सकते हैं
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० योगेश भट्ट ० इस साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम है, ‘‘डिजिटॉलः लैंगिक समानता के लिए इनोवेशन एवं टेक्नॉलॉजी’’। इसी थीम के अनुरूप व्हाट्सऐप के कुछ गोपनीयता फीचर्स यहाँ दिए जा रहे हैं, जो आज की कनेक्टेड दुनिया में हर किसी, खासकर महिलाओं के लिए मैसेजिंग को गोपनीय, सुरक्षित और समावेशी बनाते हैं। आपको किससे बात करना है यह आप चुनें: व्हाट्सऐप एक प्राईवेट और सुरक्षित स्पेस है, जहाँ लोग अपने प्रियजनों और उनसे बात करते हैं, जिनके पास आपका फोन नंबर है। हालाँकि कभी-कभी यूज़र्स को अज्ञात नंबरों से आए मैसेज परेशान करते हैं। ऐसे नंबरों के लिए व्हाट्सऐप ने ‘ब्लॉक एंड रिपोर्ट’ द अकाउंट के माध्यम से यूज़र्स को एक आसान तरीका प्रदान किया है। ब्लॉक किए गए संदेश या नंबर न तो आपको कॉल कर सकेंगे, और न ही संदेश भेज सकेंगे। आपके संदेशों की गोपनीयता का ज्यादा नियंत्रणः व्हाट्सऐप में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के साथ आपके मैसेज, फोटो, वीडियो, वॉईस मैसेज, डॉक्युमेंट्स, स्टेटस अपडेट्स और कॉल्स हमेशा सुरक्षित रहेंगे। हम जानते हैं कि यूज़र्स अपनी बातचीत पर ज्यादा नियंत्रण और गोपनीयता चाहते हैं, और इसके लिए हमने
विश्वास कुमार स्मृति व्याख्यान माला में पत्रकारिता पर सोशल मीडिया के प्रभाव पर चर्चा
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० आशा पटेल ० जयपुर। पत्रकारिता में सोशल मीडिया का प्रभाव गहरा होता जा रहा है। यूजर्स गाइडेड कंटेंट पर आधारित सोशल मीडिया का सीधा प्रभाव आमजन पर पड़ रहा है। यह विचार प्रो नीरज रावत ने पिंक सिटी प्रेस क्लब में पत्रकार विश्वास कुमार की स्मृति में पत्रकारिता में सोशल मीडिया का प्रभाव विषय पर आयोजित व्याख्यान माला में व्यक्त किए। रावत ने कहा कि तकनीक के विकास ने पूरी पत्रकारिता प्रणाली को बदल दिया है और किसी भी बदलाव में जहां सुधार होते है, वहीं बुराईयां भी आती है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया जनसंचार का माध्यम है। इसमें खबरों का आदान प्रदान सुगमता से होता है और वर्तमान में यह लोगों को जागृत रखता है। उन्होंने कहा कि स्थापित पत्रकारिता को हमेशा से परेशानी होती रही है। दो दशक पहले इलेक्ट्रोनिंक मीडिया के आने पर प्रिंट पर प्रभाव पड़ने की बात कही जा रही थी, अब सोशल मीडिया के आने पर भी यहीं कहा जा रहा है। इसके विपरीत मीडिया अपने सभी माध्यम पर बरकरार है। पूर्व सूचना आयुक्त और पत्रकार नारायण बारेठ ने कहा कि कोविड जैसे संकट के समय सोशल मीडिया हावी रहा, अखबार कम हुए, लेकिन लड़खड़ाए नहीं। पश्चिमी
दूरसंचार डायरेक्टर जनरल पर पूर्व पत्नी ने लगाया संपत्ति हड़पने, हिंसा व सरकारी तंत्र दुरुपयोग का आरोप
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० आशा पटेल ० जयपुर। बुद्धिजीवी, कम्प्यूटर साइंस की प्रोफ़ेसर डॉ रीना ने अपने पूर्व पति गुंजन सक्सेना पर सम्पति हड़पने के साथ अनेक आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि यह मामला महिला हिंसा संबंधी मुद्दों पर प्रकाश डालता है जिन्हें मैंने व्यक्तिगत रूप से झेला है। ये सामाजिक महत्व के मुद्दे हैं जिनसे अन्य महिलाएं भी पीड़ित हो सकती हैं, और इसलिए मीडिया द्वारा प्रकाश डाला जाना चाहिए। मेरी कहानी से पता चलता है कि कैसे अत्यधिक निपुण व बुद्धिजीवी महिलाओं को भी परेशान किया जा रहा है और उनके अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। तलाक हो जाने पर भी हिंसा समाप्त नहीं हो रही । किस तरह मुझे सरकारी तंत्र, पुलिस और यहां तक कि खुद के बच्चों और अस्पताल का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, कोर्ट के आदेश का अपमान किया जा रहा है। उन्होंने अपने बारे में बताया कि लगभग 56 वर्ष की एक उच्च शिक्षित विवाहित महिला के खिलाफ उसके पति, जो सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी हैं, के खिलाफ 25 वर्षों की लंबी अवधि तक गंभीर घरेलू हिंसा। 2021 में तलाक के बाद भी हिंसा जारी है। उसके घर से जबरन और हिंसक तरीके से बेदखल करना, जो उसके संपत्ति अधिका