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जुलाई 11, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

फिल्मकारों को देवभूमि उत्तराखण्ड आने के लिए आकर्षित कर रहा है : मुख्यमंत्री धामी

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० योगेश भट्ट ०  देहरादून - मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी ने भेंट की। इस अवसर पर कला एवं साहित्य क्षेत्र से जुड़े सुदीप पाण्डे, श्रीमती शालिनी शाह, प्रवीन काला, अमित जोशी, राजेश शाह, वरूण ढ़ौढ़ियाल एवं गौरव ने भी भेंट की। मुख्यमंत्री ने सभी कलाकारों को सम्मानित भी किया। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी ने देहरादून में सांस्कृतिक केंद्र शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मांकन की ओर फिल्मकारों का रूझान तेजी से बढ़ा है। उन्होंने यहां पर सांस्कृतिक केंद्र के साथ ही रिसर्च सेंटर बनाने का सुझाव भी दिया। इस सांस्कृतिक केंद्र में लिटरेचर फेस्टिवल एवं वर्कशॉप का आयोजन भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पर आधारित विभिन्न कहानियों एवं यहां की कला व संस्कृति को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की दिशा में भी हमें प्रयास करने होंगे।  कलाकारों ने राज्य में वेब सीरीज के लिए सब्सिडी देने का सुझाव भी दिय

स्टडी ग्रुप ने भारतीय स्टूडेंट्स को मेंटरिंग सेशन के लिए अमेरिकी विश्वविद्यालयों से जोड़ा

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय शिक्षा विशेषज्ञ, स्टडी ग्रुप ने भावी स्टूडेंट्स और शैक्षणिक परामर्शदाताओं के साथ व्यक्तिगत (वन-टू-वन) वर्चुअल और प्रत्यक्ष मेंटरिंग सेशन के लिए हाल में फ्लोरिडा अटलांटिक यूनिवर्सिटी, लॉन्ग आइलैंड यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ़ हार्टफोर्ड के अध्यापकों को दिल्ली, अहमदाबाद और हैदराबाद बुलाया था। भारत और सम्पूर्ण दक्षिण एशिया में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के लिए स्टूडेंट्स की बढ़ती माँग के मद्देनजर इस आयोजन में प्रतिष्ठित अमेरिकी संस्थानों और शैक्षणिक परामर्शदाताओं के साथ स्टूडेंट्स का संपर्क कराया गया, जहाँ विदेश में रहने और पढ़ने के लिए आवेदन तथा उपलब्ध पाठ्यक्रम के विविध विकल्पों से सम्बंधित प्रश्नों का समाधान किया गया। स्टडी ग्रुप के रीजनल डायरेक्टर, करण ललित ने कहा कि, “यूनिवर्सिटी के लिए आवेदन करना जीवन का एक महत्वपूर्ण पल होता है। विदेशों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने की आकांक्षा रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए जानकारी लेने के लिए ज्यादा विकल्प, नयी व्यवस्थाएं और अतिरिक्त रियायत उपलब्ध हैं। हमारे हाल के मेंटरिंग आयोजन से भारतीय स्टूडेंट्स को उनके शैक्षणिक

जीएसटी कानून के तहत टीसीएस अनुपालन का दायित्व किसका होगा।

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली / जीएसटी परिषद ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के जरिये ई-कॉमर्स कारोबार करने वाले आपूर्तिकर्ताओं पर स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) की देनदारी को लेकर स्पष्टीकरण जारी कर सकती है। जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक 11 जुलाई को होनी है। बताया जाता है कि परिषद इस बैठक में ऐसे आपूर्तिकर्ताओं पर टीसीएस की देनदारी को लेकर स्पष्टीकरण जारी करेगी, जहां एक लेनदेन में कई परिचालक शामिल हैं। ओएनडीसी उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की नई पहल है। अभी इसपर कोई स्पष्टता नहीं है कि जीएसटी कानून के तहत टीसीएस अनुपालन का दायित्व किसका होगा। जीएसटी कानून के तहत प्रत्येक ई-कॉमर्स परिचालक को अपने मंच के माध्यम से बेची जाने वाली वस्तुओं/सेवाओं के कर योग्य मूल्य पर एक प्रतिशत की दर से टीसीएस जुटाना होता है। केंद्र और राज्यों के कर अधिकारियों वाली विधि समिति ने परिषद को सुझाव दिया है कि ऐसी स्थिति में जहां कई ई-कॉमर्स परिचालक (ईसीओ) इस मंच पर एक ही लेनदेन में शामिल हैं, वहां टीसीएस का अनुपालन आपूर्ति पक्ष को करना होगा। ओएनडीसी नेटवर्क दो मॉडल में संचालित होता है – इन्

प्रो. संजय द्विवेदी भारतीय जन संचार संस्थान,नई दिल्ली के महानिदेशक पद से सेवानिवृत्त

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० गिरीश पंकज ०  नयी दिल्लीः  दो-तीन दशकों तक सक्रिय पत्रकारिता की लम्बी पारी खेलने के बाद चर्चित रहे प्रो. संजय द्विवेदी तीन साल तक (2020-23) भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक रहने के बाद अब वापस माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में पुनः प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं देंगे। द्विवेदी 12 जुलाई को महानिदेशक पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस बीच उन्होंने जो अकादमिक इतिहास बनाया, वह यादगार रहेगा। इनकी अकादमिक प्रतिभा का सुपरिणाम रहा कि इसके पहले यह संस्थान कभी इतना चर्चित नहीं रहा।  तीन सालों में संजय ने संस्थान में हिंदी का जो वातावरण बनाया, वह अभूतपूर्व रहा। यहां दो दर्जन से अधिक अकादमिक पद वर्षों से खाली थे, उन पदों पर नियुक्तियाँ कराई। कुछ नए पाठ्यक्रम भी शुरू कराए, जैसे जम्मू और अमरावती में हिंदी पत्रकारिता पाठ्यक्रम। दिल्ली में भी डिजिटल मीडिया का पाठ्यक्रम शुरू किया। तीन नई पत्रिकाएँ भी शुरू कीं, 'राजभाषा विमर्श', 'आईआईएमसी न्यूज' और 'संचार सृजन', जिसके माध्यम से अनेक सक्रिय लेखकों-पत्रकारों को जोड़ा। इन पंक्त

विकास के लिए जनसंख्या दर को कम करना होगा

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० लाल बिहारी लाल ०  आज सारी दुनिया की 90% आबादी इसके 10% भू-भाग पर निवास करती है। विश्व की आबादी कहीं 11-50/वर्ग कि.मी. है तो कहीं 200 वर्ग कि.मी.है। इसके कई कारण है जो जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करते हैं। उनमें भौगोलिक, आर्थिक एवं सामाजिक तथा सांस्कृतिक कारक प्रमुख है। भोगोलिक कारकों में मुख्य रुप से मीठे एवं सुलभ जल की उलब्धता, समतल एवं सपाट भूआकृति, अनुकुल जलवायु ,फसल युक्त उपजाऊ मिट्टी आदी प्रमुख है। आर्थिक कारकों में खनिज तत्व की उपलब्धता के कारण औद्योगिकरण तथा इसके फलस्वरुप शहरीकरण क्योंकि आधुनिक युग में स्वास्थ्य ,शिक्षा, परिवहन,बिजली तथा पानी आदी की समुचित उपलब्धता के कारण औद्योगिक कल-कारखाने में काम करने के लिए कर्मचारियो की जरुरत को कारण यहा की आबादी सघन होते जा रही है। इसके अलावे भी सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेश उतरदायी है। उक्त कारकों के अलावे जनसंख्या वृद्दि दर भी आज काफी है।पृथ्वी पर जनसंख्या आज 800 करोड़ से भी ज्यादा है। इस आकार तक जनसंख्या को पहूँचने में शताब्दियां लगी है। आरंभिक कालों में विश्व की जनसंख्या धीरे-धीरे बढ़ी। विगत कुछ सौ बर्षों के दौरान ही जनसंख्या आश्च