चित्रा बनर्जी दिवाकरुणी ने लिखी मूर्ति युगल सुधा -नारायण मूर्ति की प्रेम कथा
० आशा पटेल ०
जयपुर । सबसे बड़े साहित्यिक शो’, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन 1 से 5 फरवरी को होने जा रहा है| ये फेस्टिवल 5 दिन तक साहित्य, संस्कृति और कला के रंगों से रंगा रहता है| फेस्टिवल के 17वें संस्करण में देश-विदेश के 250 से अधिक लेखक, चिन्तक और वक्ता हिस्सा लेंगे| फेस्टिवल का आयोजन जयपुर में होगा| क्ताओं में लोकप्रिय उपन्यासकार चित्रा बनर्जी दिवाकरुणी का भी है| उन्होंने सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति की शादी और शादी से पहले के शुरुआती दिनों को अपनी किताब में दर्ज किया है| मूर्ति युगल की ये प्रेम कहानी वास्तव में इनफ़ोसिस की स्थापना की कहानी भी है
जयपुर । सबसे बड़े साहित्यिक शो’, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन 1 से 5 फरवरी को होने जा रहा है| ये फेस्टिवल 5 दिन तक साहित्य, संस्कृति और कला के रंगों से रंगा रहता है| फेस्टिवल के 17वें संस्करण में देश-विदेश के 250 से अधिक लेखक, चिन्तक और वक्ता हिस्सा लेंगे| फेस्टिवल का आयोजन जयपुर में होगा| क्ताओं में लोकप्रिय उपन्यासकार चित्रा बनर्जी दिवाकरुणी का भी है| उन्होंने सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति की शादी और शादी से पहले के शुरुआती दिनों को अपनी किताब में दर्ज किया है| मूर्ति युगल की ये प्रेम कहानी वास्तव में इनफ़ोसिस की स्थापना की कहानी भी है
ये इकलौती ऐसी किताब है, जहाँ खुद मूर्ति युगल ने हिस्सा लिया है, लेखिका के साथ बैठकर लम्बे साक्षात्कार दिए और अपने जिंदगी को बयां किया है| किताब की कई हस्तियों ने प्रशंसा की है, जिनमें शामिल हैं इंद्रा नूयी (‘शानदार... थोड़ी बिजनेस, तो थोड़ी रोमांस की कहानी’), मुकेश अंबानी (‘खूबसूरत’), ट्विंकल खन्ना (‘जबरदस्त बयानगी’) और सचिन तेंदुलकर (‘प्रेरक’)| चित्रा बनर्जी दिवाकरुणी कहती हैं “इस किताब को लिखना मेरे लिए बहुत दिलचस्प अनुभव रहा|
मैं खुशनसीब हूँ कि मुझे मूर्ति युगल के साथ इतना समय बिताने का मौका मिला| साथ मिलकर उन्होंने अपने बचपन और युवा दिनों की कई अनसुनी कहानियां सुनाईं| ये कहानियां जहाँ प्रेरक थीं, वहीं उनमें दर्द भी था, मानवीय संवेदनाएं थीं, जिन्होंने उनके चरित्र, उनकी सफलता, उनके परोपकार को आयाम दिया| मुझे यकीन है कि ये कहानियां पाठकों को भी उतनी ही पसंद आएँगी, जितना इन्होंने मुझे प्रभावित किया|”
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