विश्व कैंसर दिवस पर धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में जागरूकता कार्यक्रम
० आनंद चौधरी ०
नई दिल्ली - कैंसर बहुत ही घातक बीमारी है, पर इस समय इसके इलाज में भी काफी प्रगति हुई है। इसी को लेकर जागरुकरण बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।
आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) और एनपीसीपी के हवाले से भारत सरकार ने चौकाने वाला दावा किया है, कि 2025 तक पूरे देश में इस बीमारी के 16 लाख मरीज हो सकते है। अब लोगों को बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है।
नई दिल्ली - कैंसर बहुत ही घातक बीमारी है, पर इस समय इसके इलाज में भी काफी प्रगति हुई है। इसी को लेकर जागरुकरण बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।
आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) और एनपीसीपी के हवाले से भारत सरकार ने चौकाने वाला दावा किया है, कि 2025 तक पूरे देश में इस बीमारी के 16 लाख मरीज हो सकते है। अब लोगों को बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है।
इसीलिए 3 फरवरी को धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली द्वारा एक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन, वसुंधरा इंक्लेव, नई दिल्ली स्थित महाराजा अग्रसेन कॉलेज ऑडिटोरियम में किया गया। इस कार्यक्रम में नवीन शर्मा (सीओओ) धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल सहित कैंसर विशेषज्ञों की टीम ने भाग लिया।
नवीन शर्मा और उनकी कैंसर विशेषज्ञ टीम (डॉ. अंशुमान कुमार, डॉ. अतुल श्रीवास्तव, डॉ. देनी गुप्ता, डॉ. राजित चनाना, डॉ के एम पार्थसारथी, डॉ. सुपनों चक्रवती, डॉ. सरिता जैसवाल, डॉ. कनिका शर्मा, डॉ. पूजा खुल्लर, डॉ. नीरज गोयल) ने अस्पताल के अपने मिशन के प्रति अडिग निष्ठा पर जोर दिया, जिसमें सर्वोच्च गुणवत्ता के साथ पहुंच और किफायती हेल्थकेयर प्रदान करने का संकल्प है।
कैंसर को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस समय बुजुर्ग से लेकर युवाओं में इसके मामले तेजी से बढ़े हैं। जिसको लेकर बहुत ही सतर्क रहने की आवश्यकता है, इसके शुरुआती लक्षणों में वजन में कमी आना, बुखार, भूख में कमी आना, खांसी या मूह से खून आना, त्वचा में गांठ बनना और त्वचा के रंग में बदलाव, पाचन संबंधी समस्याएं, जोड़ो और मांसपेशियों में दर्द, अधिक थकान और कमजोरी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसके लक्षणों को पहचानने के लिए आपके शरीर में होने वाले बदलावों को लेकर आप गंभीर रहे।
नवीन शर्मा और उनकी कैंसर विशेषज्ञ टीम (डॉ. अंशुमान कुमार, डॉ. अतुल श्रीवास्तव, डॉ. देनी गुप्ता, डॉ. राजित चनाना, डॉ के एम पार्थसारथी, डॉ. सुपनों चक्रवती, डॉ. सरिता जैसवाल, डॉ. कनिका शर्मा, डॉ. पूजा खुल्लर, डॉ. नीरज गोयल) ने अस्पताल के अपने मिशन के प्रति अडिग निष्ठा पर जोर दिया, जिसमें सर्वोच्च गुणवत्ता के साथ पहुंच और किफायती हेल्थकेयर प्रदान करने का संकल्प है।
कैंसर को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस समय बुजुर्ग से लेकर युवाओं में इसके मामले तेजी से बढ़े हैं। जिसको लेकर बहुत ही सतर्क रहने की आवश्यकता है, इसके शुरुआती लक्षणों में वजन में कमी आना, बुखार, भूख में कमी आना, खांसी या मूह से खून आना, त्वचा में गांठ बनना और त्वचा के रंग में बदलाव, पाचन संबंधी समस्याएं, जोड़ो और मांसपेशियों में दर्द, अधिक थकान और कमजोरी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसके लक्षणों को पहचानने के लिए आपके शरीर में होने वाले बदलावों को लेकर आप गंभीर रहे।
यदि किसी भी प्रकार की अंदरूनी समस्या आपको महसूस हो रही है तो बगैर देर किए डॉक्टर से संपर्क करें। इस कार्यक्रम में कई ऐसे मरीज थे जिन्होंने इस कठिन परिस्थितियों में बहुत ही धैर्य के साथ डाक्टरों के दिशा निर्देशन में कैंसर पर विजय प्राप्त की, उन्होंने भी अपना-अपना अनुभव साझा किया, जिससे कार्यक्रम में उपस्थित अन्य लोगों को प्रेरणा मिली, साथ ही कैंसर को लेकर कई उपलब्धियों पर भी चर्चा की गई।
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