देश का शासन मजबूत हाथों में हो ताकि इसका भविष्य उज्ज्वल हो

० योगेश भट्ट ० 
नई दिल्ली : आदयानत सोशल फ़ाउंडेशन द्वारा कॉन्फ़्रेन्स का आयोजन किया गया जिसमें भारत के बाहर रहने वाले नॉन रेजीडेंट इंडियंस (NRI) और ओवरसीज़ सिटीज़न ऑफ़ इंडिया (OCI) एवं प्रबुद्ध भारतीय नागरिक भाग लिए । प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में भारत के बाहर रहने वाले जितने भी प्रवासी भारतीय है वों भारत के बारे में क्या सोचते है इस पर विस्तृत चर्चा की गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस को आर.के. महतो, उद्योगपति, परोपकारी और मध्य पूर्व के सामुदायिक नेता, डॉ. आज़ाद कुमार कौशिक, प्रोफेसर और सामुदायिक नेता, 
उत्तरी अमेरिका, अध्यक्ष-नेशनल अलायंस ऑफ़ इंडो-कैनेडियन, राजेश जिंदल, दक्षिण पूर्व एशिया के उद्योगपति और परोपकारी, मीना कुमारी (एनआरआई),पूर्व निदेशक, एनपीटीआई (भारत सरकार), गजेंद्र सोलंकी, अंतर्राष्ट्रीय कवि एवं गीतकार, पी.डी. सिवाल: पूर्व अतिरिक्त सचिव, सरकार। भारत के, डॉ. राजीव कंसल: शिक्षाविद्, जयंत कुमार, कॉर्पोरेट सलाहकार, विनोद कुमार, वरिष्ठ नौकरशाह और नरेंद्र एम गुप्ता, पूर्व कार्यकारी निदेशक (एनटीपीसी लिमिटेड) ने संबोधित किया l

 आर.के. महतो ने विस्तार से बताया कि भारत के बाहर रहने वाले सभी एनआरआई भारत के बारे में क्या सोचते हैं और भारत के नेतृत्व से उनकी क्या उम्मीदें हैं। उन्होंने आगे बताया कि आज लाखों लोग अपने देश से बाहर हैं और वैश्विक स्तर पर वे हमेशा भारत की ओर आशा भरी नजरों से देखते हैं। पूरे भारत में चल रहे भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण महत्व रखता है। आज भारत का भविष्य लोगों के हाथों में है और यह बहुत जरूरी है कि हमारे देश का शासन मजबूत हाथों में हो ताकि इसका भविष्य उज्ज्वल हो और 2047 तक हमारे पास विकसित भारत हो। 

आज पूरी दुनिया जा रही है आर्थिक मंदी से जूझते हुए भारत दुनिया की दूसरी अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। अपनी मजबूत और मजबूत आर्थिक नीतियों के कारण भारत की जीडीपी अन्य देशों की तुलना में दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। एक दशक में बहुत बड़ा योगदान रहा है जिसके कारण भारत में दिन-ब-दिन हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। भारत की विदेश नीति से भारत और उसके नागरिकों का सम्मान बढ़ा है। 

भारत आज 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद के आकार के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखता है। यह अब इस तथ्य को देखते हुए संभव लगता है कि भारत पिछले कुछ वर्षों से 8% से अधिक वार्षिक वृद्धि बनाए रख रहा है। इसके अलावा, मानव पूंजी विकास, उत्पादकता और मजदूरी बढ़ाने के लिए कौशल को बढ़ाने और सार्वजनिक और निजी निवेश की उच्च दर पर जोर दिया जा रहा है जो गुणवत्तापूर्ण रोजगार पैदा करता है। विकसित भारत दृष्टिकोण का मुख्य उद्देश्य सभी नागरिकों के बीच समावेशी आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देना है।

नॉर्थ अमेरिका के कम्युनिटी लीडर डॉ० डॉ. आज़ाद कुमार कौशिक ने भारत से एनआरआई की अपेक्षाओं के बारे में विस्तार से बताया और एनआरआई के लिए उसी तर्ज पर दोहरी नागरिकता की आवश्यकता पर बल दिया, जो कई अन्य देश पहले से ही प्रदान कर रहे हैं। हालाँकि वर्तमान में एनआरआई के पास मतदान का अधिकार है लेकिन इसका प्रयोग करने के लिए उन्हें भारत की यात्रा करनी पड़ती है। इस पहलू की समीक्षा करने की आवश्यकता है ताकि मतदान उनके संबंधित देशों से डिजिटल रूप से ऑनलाइन किया जा सके। 

उन्होंने यह भी बताया कि कैसे एक मजबूत भारत का मतलब दुनिया के लिए अच्छा है, अपने मजबूत सांस्कृतिक नेतृत्व के साथ भारत दुनिया को प्रदान कर सकता है। भारत पहले भी आर्थिक मोर्चे पर वैश्विक नेता रहा है और जल्द ही एक केंद्रित नेतृत्व के साथ एक बार फिर आर्थिक मोर्चे पर वैश्विक नेता बन सकता है। उन्होंने भारत की संस्कृति को संरक्षित करने और अपनी विरासत पर गर्व करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

 कवि गजेन्द्र सोलंकी ने कहा कि आज पूरा विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुज़र रहा है और भारत विश्व का दूसरा इकॉनामी बनने जा रहा है। भारत की GDP दिन प्रतिदिन अपनी आर्थिक नीति की वजह से दुनिया के अन्य देशों के मुक़ाबले आगे की तरफ़ बढ़ रही हैं। साउथ ईस्ट एशिया के कम्युनिटी लीडर राजेश जिंदल ने कहा कि भारत की जो फॉरेन पॉलिसी है उससे भारत एवं भारतीयों का सम्मान बढ़ा है आज अन्य देश हमें सम्मान भरी नज़रों से देखते हैंl

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