अजमेर के धीरज भटनागर बने प्रतिभूति अपील प्राधिकरण के तकनीकी सदस्य



० आशा पटेल ० 
अजमेर,29 अप्रैल। अजमेर के मूल निवासी डा धीरज भटनागर को केंद्र सरकार द्वारा प्रतिभूति अपील प्राधिकरण का तकनीकी सदस्य नियुक्त किया गया है। उन्हें आज मुंबई में प्राधिकरण के प्रीसाइडिंग ऑफिसर और कर्नाटक मुख्य न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दिनेश कुमार द्वारा पद की शपथ दिलाई गई। प्राधिकरण सेबी के निर्णयों के विरुद्ध अपील की सुनवाई करने की संवैधानिक संस्था है। डा भटनागर की यह नियुक्ति चार वर्षों के लिए की गई है।

अजमेर में जन्मे तथा पले-बढ़े डा धीरज भटनागर का पारिवारिक घर क्रिश्चियन गंज स्थित कैलाशपुरी में हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा हसबैंड मेमोरियल स्कूल से तथा जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से एम बी बी एस की उपाधि प्राप्त की है। उसके उपरांत, 1988 में भारतीय राजस्व सेवा सेवा में चयन के बाद उन्होंने ब्रिटेन के बाथ विश्व विद्यालय से राजकोषीय अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। वे विधि-शास्त्र के भी स्नातक हैं। भारत सरकार के विभिन्न विभागों में पदस्थ रहकर वे प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त पद को सुशोभित कर चुके हैं, जो भारत सरकार में सचिव तुल्य है।

 भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के विनिवेश विभाग में एडिशनल सेक्रेटरी के महत्वपूर्ण पद पर काम करते हुए एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। वे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में कर विशेषज्ञ के रूप में सूचीबद्ध हैं। साहित्य के क्षेत्र में भी सक्रिय डा धीरज भटनागर ने हाल ही में तुलसी कृत-श्रीरामचरितमानस का हिंदी में काव्यानुवाद किया है जो कि इस महाकाव्य का विश्व में सर्वप्रथम काव्य-अनुवाद है। 

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