रोटरी के जल संरक्षण कार्यक्रम ने भारत में किसानों की मदद के लिए 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान किए


० योगेश भट्ट ० 
नई दिल्ली, भारत में सिंचाई की सुविधाएँ सीमित होने के कारण किसानों को खेती के लिए बारिश के जल पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे वो जलवायु परिवर्तन से प्रभावित होते हैं। सूखा, बाढ़ और तूफान आदि से मिट्टी की उर्वरता, फसल की पैदावार और पशुधन उत्पादन पर असर पड़ता है, और उत्पादकता एवं किसानों की आय में कमी आ जाती है। भारत में जल संसाधन के प्रबंधन और कृषि विधोयों में सुधार के लिए, रोटरी क्लब के नेतृत्व में एक अभियान किसानों को उनकी फसल में सुधार करने, पैदावार बढ़ाने और अपनी आय बढ़ाने में मदद कर रहा है, ताकि वो अपने परिवारों की स्थिति में सुधार लाने और ज़्यादा मजबूत समुदाय बनाने में समर्थ बन सकें।

इस अभियान के अंतर्गत रोटरी के सदस्य, विशेषज्ञ और तकनीकी सलाहकार चार राज्यों - राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सामुदायिक स्तर पर किसानों की क्षमता बढ़ाने के लिए राज्य और देश की सरकारों के साथ सहयोग करेंगे।  क्लब प्रेसिडेंट ऑफ़ द प्रोग्राम स्पॉन्सर रोटरी क्लब ऑफ़ दिल्ली प्रीमियर सुधांशु पचीसिया ने कहा, “हमारे देश में जहाँ केवल 50 प्रतिशत कृषि-योग्य भूमि ही सिंचित हो पाती है, मैंने उन किसानों की दुर्दशा देखी है

 जो इंद्र देव से बारिश की प्रार्थना करते हैं ताकि वो पर्याप्त फसल उगा सकें और अगली फसल तक आजीविका चलाने के लिए पर्याप्त कमाई कर सकें। खराब मॉनसून के दौरान मैंने गरीब किसानों के परिवारों का संकट देखा है। इसलिए पानी की ज्यादा उपलब्धता आधी से ज्यादा आबादी के लिए एक रामबाण है, जो आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है।” टरी क्लब्स ने पूरे भारत में बारेनवाटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं के निर्माण और बेहतर सिंचाई में अपना सहयोग दिया है, जिससे किसान अपनी पैदावार बढ़ाने और हर साल एक से अधिक बार फसल कटाई करने में समर्थ बने हैं।

‘पार्टनर्स फॉर वॉटर एक्सेस एंड बैटर हार्वेस्ट्स इन इंडिया’ रोटरी का चौथा प्रोग्राम ऑफ स्केल प्राप्तकर्ता है- इस वार्षिक प्रतिस्पर्धी ग्रांट प्रक्रिया में प्रमाण आधारित ऐसे कार्यक्रम को 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार दिया जाता है, जो रोटरी के किसी एक उद्देश्य के अनुरूप काम करे और जिसमें लोगों की मदद करने के लिए विस्तार की क्षमता हो। ये कार्यक्रम रोटरी के सदस्यों द्वारा स्थानीय समुदायों और पार्टनर संगठनों के सहयोग से स्पॉन्सर किए जाते हैं।

 रोटरी इंटरनेशनल के प्रेसिडेंट गॉर्डन मैकिनली ने कहा, ‘‘रोटरी क्लब ऑफ दिल्ली प्रीमियर और उनके पार्टनर्स को भारत में स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने के अपने उद्देश्य की ओर कार्रवाई करने के लिए बधाई। इससे जल सुरक्षा और जलवायु के प्रति सहनशील विधियों द्वारा उनकी फसलों में सुधार आएगा और पैदावार बढ़ेगी।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘इन जीवन-रक्षक और सस्टेनेबल इनोवेशंस की मदद से किसान अब एक स्वस्थ और आशाजनक भविष्य के लिए बीज लगाना शुरू कर सकते हैं।’’

रोटरी सदस्य पूरे विश्व में सस्टेनेबल, समुदाय संचालित प्रोजेक्ट्स का विकास और क्रियान्वयन करते हैं, जो बीमारी से लड़ने, शांति को बढ़ावा देने, स्वच्छ जल प्रदान करने, शिक्षा में सहयोग देने, माताओं और बच्चों की मदद करने, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं के विकास और पर्यावरण के संरक्षण पर केंद्रित होते हैं। रोटरी के चैरिटेबल अंग, रोटरी फाउंडेशन, जो क्लब्स को सार्थक और प्रभावशाली सेवा प्रदान करने के लिए मिलकर काम करने में मदद करती है, उसके द्वारा पिछले 100 सालों में 5.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान दिया जा चुका है।

भारत पांड्या, ट्रस्टी, द रोटरी फाउंडेशन ने कहा, ‘‘लोगों का कार्य प्रभाव बढ़ाने पर केंद्रित होता है, लेकिन रोटरी के सदस्य संबंधों में निवेश करते हैं, प्रमाण पर आधारित निर्णय लेते हैं, और अपने नेटवर्क को सक्रिय कर स्थायी रहने वाले समाधानों का विकास करते हैं। प्रोग्राम ऑफ स्केल सस्टेनेबल प्रोजेक्ट्स का क्रियान्वयन करने का एक प्रयास है, जो हमारे समुदायों को सशक्त बनाता है और दिखाई देने वाला प्रभाव उत्पन्न करता है। मुझे गर्व है कि इस साल प्रोग्राम ऑफ स्केल भारत में जल की कमी को दूर करने और कृषि एवं किसानों की आजीविका में परिवर्तन लाने के लिए रोटरी क्लब ऑफ दिल्ली प्रीमियर को दिया गया है।

मयंक गांधी, मैनेजिंग ट्रस्टी, ग्लोबल विकास ट्रस्ट ने कहा, ‘‘मैं भारत में किसानों की मदद करने के लिए यह प्रतिष्ठित ग्रांट पाने पर रोटरी क्लब ऑफ दिल्ली को बधाई देता हूँ। हमें मालूम है कि यह जलवायु संकट का सबसे ज्यादा असर सबसे गरीब लोगों पर होता है, और ग्लोबल विकास ट्रस्ट में हमारा मानना है कि उनके जीवन में परिवर्तन केवल विस्तृत स्तर पर सस्टेनेबल कृषि की मदद से ही लाया जा सकता है। हम कई सालों से पेड़ लगा रहे हैं 

और जल संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं, और रोटरी के साथ इस सहयोग द्वारा हमें उम्मीद है कि भारत के सबसे ज्यादा प्रभावित, सूखाग्रस्त होने वाले, गरीबी में डूबे इलाकों, जहाँ सबसे ज्यादा किसान आत्महत्याएं होती हैं, में से एक में हजारों किसानों को मदद मिलेगी। हम इस गठबंधन के लिए मिलकर काम करने के लिए उत्साहित हैं, और उम्मीद करते हैं कि हम दीर्घकाल में किसानों के जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकेंगे।’’

 शरद जयपुरिया, चेयरमैन, पीएचडी रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन ने कहा, ‘‘रोटरी के साथ साझेदारी में पीएचडी रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन भारत में दूरदराज के बारिश पर निर्भर ग्रामीण इलाकों में किसानों को सशक्त बनाने के लिए आशान्वित है। यह साझेदारी जलवायु के प्रति ज्यादा सहनशील कृषि विधियों पर केंद्रित होगी ताकि 30,000 किसानों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार आ सके, जिनमें से 45 प्रतिशत किसान महिलाएं हैं। इसके लिए सस्टेनेबल प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन द्वारा 10.45 मिलियन क्यूबिक फीट से ज्यादा पानी का निर्माण कर भूमिगत जल को रिचार्ज करके ज्यादा मूल्य वाली फसलों, जैसे फल का प्लांटेशन, और बहुपरतीय सब्जी की खेती में फसलों का विविधीकरण किया जाएगा।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संपत्ति सरकार की नहीं,मुसलमानों की दान की हुई निजी संपत्ति होती है

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

छात्र छात्राओं में कौशल विकास के लिए सीएसयू में कार्यशाला

सितंबर से उर्दू साक्षरता केंद्रों को शुरू कर दिया जाएगा : प्रोफेसर शहपर रसूल

स्पंदन व साहित्य समर्था द्वारा साहित्यकारो का सम्मान