नारायण सेवा संस्थान का गुवाहाटी में पहला लिम्ब शिविर
जयपुर । दिव्यांगों को शारीरिक, सामाजिक, आर्थिक एवं बौद्धिक रूप से सशक्त बनाने में समाज और सरकार को मिलकर जिम्मेदारी उठानी चाहिए। यह बात दिव्यांगों के सेवार्थ आयोजित नि:शुल्क केम्प में रविवार को असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कही। वे नारायण आर्टिफिशियल लिंब मेजरमेंट शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा मैं नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक कैलाश मानव व अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल का असम में सेवा करने के लिए अभिनंदन करता हूँ।
मानव जीवन में दूसरों की मदद करना श्रेष्ठ कर्म है।
महागंगोत्री ग्रुप हेड रजत गौड़ ने संस्थान की 39 वर्षीय सेवाओं की जानकारी देते हुए आगामी 5 वर्ष के संस्थान विजन से उपस्थित जनों को अवगत कराया। स्वयंसेवी सहयोगी स्थानीय संगठन पूर्वोत्तर प्रदेशीय मारवाड़ी सम्मेलन, पूर्वोत्तर प्रदेशीय मारवाड़ी युवा मंच,श्री गुवाहाटी गौशाला,अग्रवाल सभा, माहेश्वरी सभा, श्वेताम्बर जैन तेरापंथ सभा,इन सबके महिला मंडल, श्री दिगम्बर जैन,रोटरी क्लब,हरियाणा चेरिटेबल ट्रस्ट, बिहार फाउंडेशन, ब्राह्मण सभा, श्री गुरुसिंह सभा का नाम उल्लेखनीय है।
शिविर संयोजक अचल सिंह भाटी ने शिविर की रिपोर्ट बताते हुए कहा शिविर में 500 से अधिक दिव्यांग आए जिन्हें संस्थान की 20 सदस्यीय टीम ने देखा। शिविर में 205 दिव्यांगों का नारायण आर्टिफिशियल लिंब और 80 का केलिपर्स लगाने के लिए मेजरमेंट लिया। करीब 130 से ज्यादा दिव्यांग रोगियों का चयन शल्य चिकित्सा हेतु भी किया। जिन्हें उदयपुर ले जाकर नि:शुल्क ऑपरेशन किया जायेगा। शिविर प्रभारी हरिप्रसाद लढ्ढा ने कहा कि कास्टिंग और मेजरमेंट के लिए चयनित बंधु बहिनों को करीब 3 माह बाद पुनः गुवाहाटी में ही शिविर कर लिम्ब पहनाए जाएंगे।
मानव जीवन में दूसरों की मदद करना श्रेष्ठ कर्म है।
दिव्यांग जनों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें काम कर रही है। नारायण सेवा संस्थान भी इसमें योगदान कर रहा है। नर में नारायण मानकर देश के हर राज्य में पहुँच कर सेवा का जो बीड़ा संस्थान ने उठाया है वह सराहनीय है। नारायण सेवा संस्थान को नॉर्थ ईस्ट में सेवा विस्तार के लिए राजभवन से मदद की घोषणा की। यह शिविर आशी अप्सरा हॉल, पलटन बाजार में हुआ।
राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया एवं धर्मपत्नी अनीता कटारिया व मंचासीन अतिथि पूर्बोत्तर प्रदेशीय मारवाड़ी सम्मेलन के विनोद लोहिया, दिगम्बर जैन पंचायत के महावीर प्रसाद जैन, बिहार फाउंडेशन के उमेश कुमार,मारवाड़ी हॉस्पिटल के रमेश गोयंका, ब्राह्मण समाज रतन शर्मा, निदेशक वंदना अग्रवाल, श्वेतांबर जैन तेरापंथ के बजरंग सुराणा ने दीप प्रज्ज्वलित कर शिविर का उद्घाटन किया। इस मौके पर 1000 से ज्यादा दिव्यांग और 30 से अधिक स्थानीय संगठन और उनके पदाधिकारी मौजूद थे।
संस्थान निदेशक वंदना अग्रवाल ने संस्थान की सेवाएं निःशुल्क ऑपरेशन आर्टिफिशियल लिम्ब लगाना, 5000 लोगों को रोज भोजन करना, गुरुकुल का संचालन,
आर्थिक रूप से असमर्थ 600 मजदूरों के बच्चों के लिए निःशुल्क नारायण चिल्ड्रन एकेडमी स्कूल चलाना, स्वरोजगार प्रशिक्षण और सामूहिक विवाह जैसे अनेक प्रकल्पों की जानकारी दी तथा मंचासीन अतिथियों का सम्मान किया। इस दौरान राज्यपाल के शुभ हाथों से 11 व्हील चेयर वितरित की तथा लिंब से लाभांवित दिव्यांगों के अनुभव भी जाने गए।
महागंगोत्री ग्रुप हेड रजत गौड़ ने संस्थान की 39 वर्षीय सेवाओं की जानकारी देते हुए आगामी 5 वर्ष के संस्थान विजन से उपस्थित जनों को अवगत कराया। स्वयंसेवी सहयोगी स्थानीय संगठन पूर्वोत्तर प्रदेशीय मारवाड़ी सम्मेलन, पूर्वोत्तर प्रदेशीय मारवाड़ी युवा मंच,श्री गुवाहाटी गौशाला,अग्रवाल सभा, माहेश्वरी सभा, श्वेताम्बर जैन तेरापंथ सभा,इन सबके महिला मंडल, श्री दिगम्बर जैन,रोटरी क्लब,हरियाणा चेरिटेबल ट्रस्ट, बिहार फाउंडेशन, ब्राह्मण सभा, श्री गुरुसिंह सभा का नाम उल्लेखनीय है।
शिविर संयोजक अचल सिंह भाटी ने शिविर की रिपोर्ट बताते हुए कहा शिविर में 500 से अधिक दिव्यांग आए जिन्हें संस्थान की 20 सदस्यीय टीम ने देखा। शिविर में 205 दिव्यांगों का नारायण आर्टिफिशियल लिंब और 80 का केलिपर्स लगाने के लिए मेजरमेंट लिया। करीब 130 से ज्यादा दिव्यांग रोगियों का चयन शल्य चिकित्सा हेतु भी किया। जिन्हें उदयपुर ले जाकर नि:शुल्क ऑपरेशन किया जायेगा। शिविर प्रभारी हरिप्रसाद लढ्ढा ने कहा कि कास्टिंग और मेजरमेंट के लिए चयनित बंधु बहिनों को करीब 3 माह बाद पुनः गुवाहाटी में ही शिविर कर लिम्ब पहनाए जाएंगे।
केम्प में नागालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम आदि पड़ोसी राज्यों से भी रोगी पहुंचे। सभी रोगियों को नि:शुल्क भोजन, चाय,अल्पाहार प्रदान किया गया। संस्थान की 40 सदस्य टीम ने सेवाएं दी। वॉलिएंट्री सेवा देने वाले कार्यकर्ताओं को संस्थान की और से प्रमाण पत्र दिये गए। संयोजन महिम जैन ने किया।
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