देश भर में भाजपा को बेनकाब करने के अभियान के चलते हर जगह पिछडी

० आशा पटेल ० 
जयपुर - किसान संघर्ष समिति की 317 वीं किसान पंचायत संपन्न हुई। किसान पंचायत में देशभर के किसान नेता शामिल हुए। किसान पंचायत को पश्चिम बंगाल से अ भा किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हन्नान मौला, उड़ीसा से लोकशक्ति अभियान के संयोजक प्रफुल्ल सामंतरा, हरियाणा से अ भा किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का.इंद्रजीत सिंह, तेलंगाना से रायुथू स्वराज वेदिका के सह संस्थापक किरण कुमार विस्सा, पंजाब से पंजाब किसान यूनियन के महासचिव गुरनाम सिंह भिकी,किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक डॉ सुनीलम, 

राष्ट्रीय सचिव माया ताई चौरे, प्रदेश उपाध्यक्ष एड आराधना भार्गव, उत्तर प्रदेश से भारत किसान यूनियन के महासचिव डॉ आनन्द प्रकाश तिवारी, रीवा से संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक एड शिव सिंह, अ भा कि सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष जसविंदर सिंह, सीहोर से अ भा किसान महासभा (अजय भवन) के प्रदेश महासचिव प्रहलाद दास बैरागी, भोपाल से भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव, रीवा से शहीद राघवेंद्र सिंह किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह शंखु, सागर से भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप ठाकुर,

 किसान संघर्ष समिति के इंदौर - मालवा क्षेत्र संयोजक रामस्वरूप मंत्री, सागर से किसंस जिलाध्यक्ष अभिनय श्रीवास ने संबोधित किया। किसान पंचायत को संबोधित करते हुए हन्नान मौला ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की एम एस पी की कानूनी गारंटी, संपूर्ण कर्जा मुक्ति सहित अन्य मांगों को पूरा करने का वायदा इंडिया गठबंधन ने अपने घोषणा पत्र में किया है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा की तरह इंडिया गठबंधन भी किसानों से वादाखिलाफी करता है तो संयुक्त किसान मोर्चा अपनी मांगों को लेकर संघर्ष के लिए तैयार है ।

प्रफुल्ल सामंतरा ने कहा कि किसान आंदोलन का प्रभाव पूरे देश में पड़ा है। सभी पार्टियां वर्तमान फसलों के दाम से 700-800 रूपये प्रति क्विंटल अधिक देने की घोषणाएं कर रही है। किसानों को पार्टियों द्वारा गारंटियां दी जा रही है। गुरनाम सिंह भिकी ने कहा कि भाजपा के उम्मीदवारों और नेताओं को पंजाब के गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा है। किसानों के डर से ऊपरी तौर पर अकाली दल ने भाजपा से समझौता नहीं किया लेकिन अंदर दोनों की सांठ-गांठ है।

किरण कुमार विस्सा ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े संगठन एम एस पी, कर्ज़ा मुक्ति, महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार का मुद्दा ग्राम स्तर तक पहुंचाने में कामयाब हुए हैं। इसी का परिणाम है कि बटाईदार किसानों के मुद्दे को सभी पार्टियों ने अपने घोषणापत्र में स्थान दिया है। माया ताई चौरे ने कहा कि देश के किसान आज भी उपेक्षित है। किसान को उसकी मेहनत का मोल नही मिलता। किसानों को इस स्थिति में पहुंचाने के लिए देश की सरकारें जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं है। शराब से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है।

अ भा कि सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि देश में पहली बार किसान और मजदूर संगठन संयुक्त रूप से एकजुट होकर चुनाव में हस्तक्षेप कर अपने मुद्दे उठा रहे हैं। डॉ सुनीलम ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा देश भर में भाजपा को बेनकाब करने, सबक सिखाने और दंडित करने का अभियान चलाया जा रहा है। तीन चरण के चुनाव में भाजपा के पिछड़ने का यही कारण माना जा रहा है। संकिमो के नेताओं द्वारा हैदराबाद और हुगली के प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई जिसका व्यापक असर देखा जा रहा है।

डॉ सुनीलम ने कहा कि दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में भाजपा का सफाया होने जा रहा है क्योंकि किसानों, महिला पहलवानों, सेना में अग्निवीर योजना के मुद्दे ने केंद्र सरकार के खिलाफ माहौल बना दिया है। डॉ सुनीलम ने देश के मतदाताओं से कहा कि वे किसानों की शहादत कराने वालों को हराएं।
उन्होंने कहा कि चुनाव का परिणाम जो भी हो किसान एसपी की कानूनी गारंटी और कर्जा मुक्ति की मांगों को मनवाकर ही रहेंगे।

एडवोकेट आराधना भार्गव ने कहा कि महिलाओं में मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ी है लेकिन लाड़ली बहना योजना में महिलाओं से किया गया छलावा और किसानों की आय दोगुनी करने का वादा पूरा नही करने से जनता में भाजपा सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ा है। जसविंदर सिंह ने कहा कि मंदसौर किसान आन्दोलन में छह किसानों की शहादत के बाद शिवराज सरकार ने भावांतर योजना शुरू की लेकिन वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। इस योजना से किसानों को कम, व्यापारियों को ज्यादा लाभ मिला।

प्रहलाद दास बैरागी ने कहा कि जनता की मेहनत का पैसा विभिन्न परियोजनाओं में लगाया जाता है लेकिन उसमें भी भारी भ्रष्टाचार किया जाता है। डेढ़ माह पहले बेचीं गई उपज का भुगतान किसानों को अभी तक नहीं किया गया है। अनिल यादव ने कहा कि भाजपा देश में ईडी, सीबीआई के माध्यम से भय का माहौल बना यही है। विपक्ष के नेताओं को डरा धमकाकर चुप कराया जा रहा है। एड शिवसिंह ने कहा कि भाजपा ने, अबकी बार 400 पार का नारा दिया था लेकिन तीन चरण के चुनाव के बाद मोदी जी की भाषा में परिवर्तित आ गया है।

उन्होंने कहा कि 2700 रू.क्विंटल गेहूं और 3100 रू.क्विंटल धान नही खरीदने का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा। संदीप ठाकुर ने कहा कि बढ़ती मंहगाई से कृषि लागत भी कई गुना बढ़ गई है। छोटे किसान खेती छोड़कर मजदूरी करने को मजबूर हैं। इंद्रजीत सिंह शंखु ने कहा कि जनता ने अपना फैसला दे दिया है लेकिन भाजपा जनता के फैसले को बदलने में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती। अभिनय श्रीवास ने कहा कि सरकार की मंशा किसानों से एम एस पी पर गेहूं खरीद करने की नहीं है। किसानों की सिंचित जमीन को असिंचित दर्शाकर गेहूं कम खरीदा जा रहा है। किसान पंचायत का संचालन डॉ सुनीलम द्वारा किया गया।

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