प्रेस सेवा पोर्टल एवं वार्षिकी रिटर्न की तकनीकी दिक्कतें शीघ्र दूर होंगी,जारी होगी नई विज्ञापन नीति

० योगेश भट्ट ० 
नई दिल्ली। अखबार बचाओ महासंघ के बैनर तले प्रकाशकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर देश के पत्रकार संगठन ऑल इंडिया स्माल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स फेडरेशन, एसोसिएशन ऑफ़ स्माल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ़ इंडिया, अखिल भारतीय समाचार पत्र एसोसिएशन व इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रेस-एन-मीडियामेन का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल सीबीसी के महानिदेशक एवं प्रेस महापंजीयक से मिला। बैठक में प्रेस की विभिन्न समस्याओं पर व्यापक चर्चा हुई एवं अधिकारियों ने इन समस्याओं को शीघ्र दूर करने का आश्वासन दिया।

प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया के वरिष्ठ सदस्य गुरिंदर सिंह के नेतृत्व में श्याम सिंह पंवार सदस्य, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, एल. सी. भारती सदस्य, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, अशोक नवरत्न पूर्व सदस्य, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, अखिलेश चंद शुक्ल राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय समाचार पत्र एसोसिएशन, पवन सहयोगी राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रेस-एन-मीडियामेन, डॉ. डी. डी. मित्तल राष्ट्रीय महासचिव, इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रेस-एन-मीडियामेन प्रतिनिधि मंडल में शामिल रहे।

प्रेस महापंजीयक भूपेंद्र कैंथोला ने प्रतिनिधिमंडल की मांग को स्वीकार करते हुए बताया कि ऑनलाइन वार्षिक रिटर्न जमा करने के लिए एक माह की तिथि बढ़ा दी गई है। प्रेस सेवा पोर्टल में जो दिक्कतें आ रही हैं उनको लगातार दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। अगर आवश्यकता हुई तो रिटर्न जमा करने की अंतिम तिथि और भी बढ़ाई जाएगी। 

नए पंजीकरण एवं संशोधित पंजीकरण के लंबित प्रकरणों को शीघ्र निपटाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नए पीआरपी एक्ट के अंतर्गत अखबारों के पंजीकरण से संबंधित कई चीजों को आसान किया गया है। विशेषतः डीएम कार्यालय में होने वाली देरी को समाप्त करने का प्रयास किया गया है।

सीबीसी के महानिदेशक धीरेंद्र ओझा ने जानकारी दी कि शीघ्र ही नई विज्ञापन नीति आ रही है जिसमें विज्ञापन दर संबंधी विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। दर नवीनीकरण के अधिकांश प्रकरण निस्तारित कर दिए गए हैं। सिर्फ वही प्रकरण लंबित हैं जिनमें प्रकाशकों ओर से उपयुक्त जवाब आना शेष है। उन्होंने बताया कि दर नवीनीकरण के 214 मामले ऐसे लंबित हैं जिनमें प्रकाशकों ने कोई जवाब ही दर्ज नहीं कराया है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संपत्ति सरकार की नहीं,मुसलमानों की दान की हुई निजी संपत्ति होती है

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

छात्र छात्राओं में कौशल विकास के लिए सीएसयू में कार्यशाला

सितंबर से उर्दू साक्षरता केंद्रों को शुरू कर दिया जाएगा : प्रोफेसर शहपर रसूल

स्पंदन व साहित्य समर्था द्वारा साहित्यकारो का सम्मान