राजस्थान सीकर लोकसभा चुनाव में कामरेड अमराराम 73247 मतों से चुनाव जीते
० आशा पटेल ०
RAJASTHAN सीकर लोकसभा चुनाव 2024 में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी कामरेड अमराराम ने भाजपा के सुमेधानंद सरस्वती को 73247 मतों से हराया। इस बार नहीं बनी सुमेधानंद सरस्वती की हैट्रिक। सात -सात बार चुनाव लड़ा विधायक व सांसद का अमराराम ने इस बार इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार होने के कारण से पहली बार सांसद का चुनाव जीता ।
RAJASTHAN सीकर लोकसभा चुनाव 2024 में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी कामरेड अमराराम ने भाजपा के सुमेधानंद सरस्वती को 73247 मतों से हराया। इस बार नहीं बनी सुमेधानंद सरस्वती की हैट्रिक। सात -सात बार चुनाव लड़ा विधायक व सांसद का अमराराम ने इस बार इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार होने के कारण से पहली बार सांसद का चुनाव जीता ।
अमराराम को इस चुनाव में किसान कोम की शान समझा गया। किसान, नौजवान मजदूरों के लिए संघर्ष करने वाला किसानों का हितैषी कामरेड अमराराम को इस बार किसानों व जवानों ने दिल्ली भेज कर अपना फ़र्ज़ निभाया हैं। इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार होने के नाते कांग्रेस पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अमराराम को दिल्ली भेजकर गठबंधन की लाज रखली है। दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं व नेताओं ने अमराराम के चुनाव जीतने पर खुशी मना रहे है।
अमराराम का जन्म 5 अगस्त 1955 को राजस्थान के सीकर जिले के मुंडवाड़ा गाँव में रामी देवी और दल्लाराम परसवाल के यहाँ एक किसान जाट परिवार में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक विद्यालय, मुंडवाड़ा से शुरू हुई, उसके बाद राजकीय श्री कल्याण स्कूल में उच्चतर माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की। 1973 में उन्होंने श्री कल्याण राजकीय महाविद्यालय में दाखिला लिया, जहाँ उन्होंने बी.एससी. की डिग्री प्राप्त की । इसके बाद, 1976 में उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, जहाँ उन्होंने शिक्षा स्नातक (बी.एड.) की डिग्री प्राप्त की ।
अमराराम का जन्म 5 अगस्त 1955 को राजस्थान के सीकर जिले के मुंडवाड़ा गाँव में रामी देवी और दल्लाराम परसवाल के यहाँ एक किसान जाट परिवार में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक विद्यालय, मुंडवाड़ा से शुरू हुई, उसके बाद राजकीय श्री कल्याण स्कूल में उच्चतर माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की। 1973 में उन्होंने श्री कल्याण राजकीय महाविद्यालय में दाखिला लिया, जहाँ उन्होंने बी.एससी. की डिग्री प्राप्त की । इसके बाद, 1976 में उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, जहाँ उन्होंने शिक्षा स्नातक (बी.एड.) की डिग्री प्राप्त की ।
उसके बाद सीकर में कॉलेज शिक्षा के दौरान ही छात्र राजनीति से सक्रिय रूप से एसएफआई से श्री कल्याण कॉलेज से सन् 1978 में अमराराम ने अध्यक्ष पद का चुनाव जीता । इस दौरान ही उन्होंने अपनी शैक्षणिक गतिविधियों को आगे बढ़ाया, जिसका समापन ईएएफएम (अर्थशास्त्र, लेखा और वित्तीय प्रबंधन) में विशेषज्ञता के साथ एम.कॉम की डिग्री में हुआ।
कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने 1982 में सरकारी शिक्षक की नौकरी शुरू की। इस दौरान उन्होंने धोद और नागवा स्कूल में पढ़ाया। कुछ ही सालों में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और सक्रिय रूप से राजनीति में शामिल हो गए ।सरपंच का चुनाव लड़ा परन्तु विजय नहीं रहे फिर दुबारा चुनाव लड़ा फिर विजय रहे। सरपंच रहते हुए गांव के साथ-साथ धोद विधानसभा क्षेत्र में किसान नेता के रूप में अपनी पहचान बना चुके अमराराम ने धोद विधानसभा क्षेत्र से सन् 1993 माकपा पार्टी से विधायक का चुनाव लड़ा और चुनाव जीत गए उन दिनों अमराराम।
कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने 1982 में सरकारी शिक्षक की नौकरी शुरू की। इस दौरान उन्होंने धोद और नागवा स्कूल में पढ़ाया। कुछ ही सालों में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और सक्रिय रूप से राजनीति में शामिल हो गए ।सरपंच का चुनाव लड़ा परन्तु विजय नहीं रहे फिर दुबारा चुनाव लड़ा फिर विजय रहे। सरपंच रहते हुए गांव के साथ-साथ धोद विधानसभा क्षेत्र में किसान नेता के रूप में अपनी पहचान बना चुके अमराराम ने धोद विधानसभा क्षेत्र से सन् 1993 माकपा पार्टी से विधायक का चुनाव लड़ा और चुनाव जीत गए उन दिनों अमराराम।
अमराराम माकपा से धोद विधानसभा क्षेत्र से तीन बार लगातार चुनाव जीते । छः छः बार चुनाव जीत चुके कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को अमराराम ने हराया है। अमराराम ने सन् 2008 में दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और चुनाव जीत गए। अमराराम अब तक चार बार विधायक बन चुके है। विधायक रहते हुए अमराराम ने कई विकास कार्य करवाये । अमराराम 2013,2018,2023 में लगातार तीन बार दांतारामगढ़ विधानसभा से चुनाव हार गये । अमराराम समय-समय पर किसानों के हक के लिए हमेशा तैयार रहते हुए कई आंदोलन किये है।
अमराराम किसानों के साथ बेठकर हुक्का चिल्म पिते हुए कभी कहीं भी देख सकते है। कोई युही नहीं बनता है किसानों का मसीहा कुछ तो बात है इस नेता में जो किसानों के इतने बड़े-बड़े महापड़ाव व आंदोलनों को शांति पूर्वक मांगे मनवाकर समाप्त करवाते है।
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